कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस के 25 कंफर्म केस, अब फिर खतरा
कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के साथ अब ब्लैक फंगस का खतरा भी दोबारा से मंडरा रहा है। हिसार के अग्रोहा मेडिकल कालेज में विभिन्न जिलों के रोजाना चार-पांच मरीज भर्ती हो रहे हैं। गनीमत यह कि इनमें पानीपत का कोई केस नहीं है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के साथ अब ब्लैक फंगस का खतरा भी दोबारा से मंडरा रहा है। हिसार के अग्रोहा मेडिकल कालेज में विभिन्न जिलों के रोजाना चार-पांच मरीज भर्ती हो रहे हैं। गनीमत यह कि इनमें पानीपत का कोई केस नहीं है। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस के 25 कंफर्म केस मिले थे, तीन की मौत भी हुई थी। ऐसे में जिला वासियों, खासकर कोविड-19 से रिकवर लोगों को अधिक सचेत रहना होगा। कोरोना की दूसरी लहर दम तोड़ रही थी, एकाएक ब्लैक फंगस का खतरा मंडराने लगा था। मई में निजी अस्पतालों में केस आने शुरू हुए थे, अगस्त तक 67 आशंकित मरीज मिले थे। इनमें से 25 की विभाग ने पुष्टि की थी। जिला के तीन मरीजों की विभिन्न अस्पतालों में मौत भी हुई थी। अधिकांश को कोरोना से रिकवर होने के बाद नई मुसीबत से जूझना पड़ा था। स्वास्थ्य विभाग को सिविल अस्पताल में नेत्र रोग व नाक-कान-गला की विशेष ओपीडी शुरू करनी पड़ी थी।
दिसंबर के पांच दिनों में दो मरीज कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। ओमिक्रोन फैलने का भी खतरा मंडरा रहा है। कोरोना वायरस जैसे-जसे अपना रूप बदल रहा है, कब ब्लैक फंगस भी लौट आए, कहना मुश्किल है। ऐसे में सावधानी बरतना जरूरी है। ब्लैक फंगस के लक्षण
-लगातार बुखार, सिरदर्द
-नाक जाम, नाक का बहना
-चेहरे में सूजन व दर्द
-चेहरे की त्वचा का रंग बदलना
-दातों में हिलना
-आंखों में सूजन, दर्द व लाली
-डबल विजन, कम दिखना, पलक ज्यादा झपकना
-फेफड़ों पर वार तो श्वास लेने में दिक्कत अस्पतालों को हिदायत
कोविड-19 के जिला नोडल अधिकारी डा. सुनील संडूजा ने बताया कि ब्लैक फंगस के संबंध में सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सकों को दिशा-निर्देश दिए हुए हैं। कोविड से रिकवर मरीजों को ब्लैक फंगस की जानकारी दी जाए। डिस्चार्ज स्लिप पर अंकित करें ताकि ऐसा लक्षण होने पर वे इसकी जानकारी दे सकें। मरीजों को सफाई पर ध्यान देने, साफ मास्क का उपयोग करने की हिदायत दें। मरीजों के रिस्क फैक्टर की भी जानकारी लें। शुगर के मरीजों की मानिटरिग करें। गंदा मास्क बिल्कुल न पहनें
गंदा मास्क पहनने से म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है,वे भीड़ वाले स्थानों पर एन-95 मास्क ही पहनें।ध्यान रहे कि मास्क को छह घंटे से अधिक समय तक नहीं पहनना है। व्हाइट व यलो फंगस भी
व्हाइट फंगस को चिकित्सीय भाषा में कैंडिडियासिस कहते हैं। गहन चिकित्सा यूनिट में दाखिल, एंटी बायोटिक मेडिसिन ले रहे मरीजों को होने की संभावना रहती है। यलो फंगस को चिकित्सीय भाषा में म्यूकर सैप्टिकस कहते हैं। नाक साफ करते समय घाव हो जाए तो यह उसे भरने नहीं देता। मवाद बन जाती है। लापरवाह बरती तो यह बढ़ता रहता है। ओमिक्रोन के डर से बढ़ाई सैंपलिग
कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के डर से स्वास्थ्य विभाग ने स्वाब सैंपलिग बढ़ा दी है, यूं कहें की दोगुना से अधिक कर दी है। नवंबर के अंतिम पांच दिनों में 2540 (औसतन 508 प्रतिदिन) स्वाब सैंपल लिए गए। इस माह पांच दिनों में 5387 (औसतन 1077 प्रतिदिन) सैंपल लिए गए हैं। दिसंबर के पहले पांच दिन स्वाब सैंपलिग
01-1202
02-1236
03-1404
04-1277
05- 268 नवंबर के अंतिम पांच दिन स्वाब सैंपलिग
26-497
27-495
28-190
29-567
30-791 6219 को लगा कोरोना रोधी टीका
रविवार को 73 सत्रों में 6219 लाभार्थियों को कोरोना रोधी टीका लगाया गया। 18 से 44 साल आयु वर्ग में 1256 को पहली, 3671 को दूसरी डोज लगी। 45 साल या इससे अधिक आयु वर्ग में 304 को पहला व 988 को दूसरा टीका लगा। कोरोना का नहीं कोई नया केस
जिला में कोरोना का कोई नया केस नहीं मिला है। दो केस एक्टिव हैं। अब तक मिले 31 हजार 116 पाजिटिव केसों में से 30 हजार 472 रिकवर हो चुके हैं। 642 कोरोना संक्रमित दम तोड़ चुके हैं।