18 साल बाद इतनी बारिश, सीजन में औसत से ज्यादा बरसे मेघ

जिले में सुबह पांच बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक 46.6 एमएम बारिश हुई। इस बारिश के सीजन में पिछले 18 वर्ष का रिकार्ड टूट गया। एक जून से मानसून शुरू होता है। पूरे सीजन में औसतन 640 से 700 एमएम बारिश होती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 08:57 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 08:57 AM (IST)
18 साल बाद इतनी बारिश, सीजन में औसत से ज्यादा बरसे मेघ
18 साल बाद इतनी बारिश, सीजन में औसत से ज्यादा बरसे मेघ

जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले में सुबह पांच बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक 46.6 एमएम बारिश हुई। इस बारिश के सीजन में पिछले 18 वर्ष का रिकार्ड टूट गया। एक जून से मानसून शुरू होता है। पूरे सीजन में औसतन 640 से 700 एमएम बारिश होती है। इस बार का आंकड़ा 10 सितंबर को 948 एमएम पर पहुंच गया। अभी और बारिश होने की संभावना है। शनिवार को भारी बारिश के कारण जगह-जगह पानी भर गया। सड़कों पर जलभराव होने से वाहनों की रफ्तार सुस्त पड़ गई। इसी बीच मौसम विभाग (आईएमडी) ने सप्ताह के अंत तक मध्यम से भारी बारिश का अनुमान जताया है।

शनिवार को सुबह से बारिश का सिलसिला जारी रहा। गरज-चमक के साथ तेज बारिश हुई। हवा चली। तापमान सामान्य से तीन-चार डिग्री नीचे पहुंच गया है। अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा। जिले में औसतन बारिश सुबह पांच से शाम छह बजे तक 46.6 एमएम बारिश दर्ज की गई। छह बजे के बाद बूंदाबांदी जारी रही। जिले समालखा में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। समालखा में 62 एमएम बारिश हुई। जिले में बारिश की स्थिति

पानीपत : 48 एमएम

समालखा : 62 एमएम

इसराना : 54 एमएम

बापौली : 55 एमएम

मतलौडा : 14 एमएम अभी कुछ दिन और बारिश

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों और इससे सटे पूर्वी राजस्थान पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून की ट्रफ बीकानेर, कोटा, गुना, सिद्धि, अंबिकापुर, पुरी और फिर दक्षिण पूर्व की और बंगाल की पूर्व मध्य खाड़ी से गुजर रही है। इसके चलते उत्तर भारत में मौसमी गतिविधियों में बदलाव के साथ कुछ दिन और बारिश रहेगी। इन स्थानों पर हालत बेहद खराब

बारिश का पानी हैंडलूम मार्केट एसडी कालेज रोड, पचरंगा बाजार, किशन पुरा मार्केट से लेकर सेक्टर 11 में मेन रोड पर जीसी गुप्ता अस्पताल के सामने भर गया। यही हालत पशु अस्पताल रोड, अमर भवन चौक, सनौली रोड, तहसील कैंप की रही। निचली बस्ती में घरों में पानी घुस गया। बाजारों में जलजमाव होने के कारण ग्राहकी नदारद रही। शाम होने से पहले ही बाजार बंद हो गए। सुबह बारिश होने के कारण लोग मार्निंग वाक पर भी नहीं जा सके पार्को में भी पानी भर गया। गोहाना रोड पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण पानी भरने से पेड़ टूटकर गिर गया। किसान खुश भी, परेशान भी

अधिक बारिश होने के कारण वे किसान खुश हैं, जिन्होंने पछेती जीरी लगाई है। उन्हें स्प्रे भी नहीं करना पड़ा। अगेती फसल 1509 लेने वाले किसान परेशान हैं। फसल पक चुकी है। मंडियों में लाना भी शुरू हो गया था, बारिश से परेशानी बढ़ गई। 1121 बासमती धान लगाने वाले किसान बारिश से खुश हैं। खेतों में जलजमाव के कारण सब्जियों की फसल खराब होने की आशंका है। बारिश होने के कारण मंडियों में सब्जी की आवक भी कम रही। 80 रुपये किलो तक बिकने वाले नींबू का भाव 200 रुपये किलो पहुंच गया। हरी सब्जियों के भाव में भी उछाल रहा। दो दिन पहले 30 रुपये किलो तक बिकने वाली तोरी-घीया 40-50 रुपये बिकी। हिमाचल से सब्जियों की आवक भी बाधित रही। टमाटर, शिमाल मिर्च, गाजर, गोभी को भाव में भी उछाल देखा गया। डीसी ने किया निरीक्षण

डीसी सुशील सारवान ने शनिवार सुबह शहर के अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा किया। सनौली रोड, चौटाला रोड, जीटी रोड सहित सेक्टर 11-12 पहुंचे। निकासी के लिए प्रबंधों का जायजा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को बारिश के पानी की निकासी के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। बारिश के पानी की निकासी के लिए बने बरसाती नालों की सफाई नियमित करने के साथ सफाई के निर्देश भी दिए। सनौली क्षेत्र के गांवों में जलभराव

संस, सनौली : बारिश से जहां गर्मी से राहत मिली, वहीं गांव की गलियों में पानी भरने से परेशानी भी हुई। बरसात का पानी जमा होने के कारण गलियों ने तालाब का रूप धारण कर लिया। कीचड़ होने से आम लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया। ग्रामीण धर्मबीर, प्रमोद, विकास, मेनपाल, रमेश, विजय, पंकज, प्रमोद, गौरव, अमित का कहना है कि पिछले कई माह से उनके गांव में निकासी ठप है। सरपंचों से चार्ज प्रशासन के पास जाने के बाद तो सफाई कर्मचारियों ने काम करना ही बंद कर दिया है।

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