26 दिनों में 16 से 70 साल के 105 मरीज मरीज पहुंचे पोस्ट कोविड क्लीनिक
कोरोना संक्रमितों की घटती संख्या के साथ उमंग (कोविड उपरांत शारीरिक-मानसिक रोग निदान) क्लीनिक में भी बहुत कम (औसतन चार मरीज रोजाना) पहुंच रहे हैं। 26 दिनों में मात्र 105 मरीज पहुंचे हैं इनमें 16 साल से 70 साल आयु वर्ग के मरीज हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना संक्रमितों की घटती संख्या के साथ उमंग (कोविड उपरांत शारीरिक-मानसिक रोग निदान) क्लीनिक में भी बहुत कम (औसतन चार मरीज रोजाना) पहुंच रहे हैं। 26 दिनों में मात्र 105 मरीज पहुंचे हैं, इनमें 16 साल से 70 साल आयु वर्ग के मरीज हैं। उधर, सिविल अस्पताल के फिजिशियन कंसल्टेंट डा. जितेंद्र त्यागी ने किडनी के रोगियों को भी सचेत रहने की सलाह दी है।
उमंग क्लीनिक में आयुर्वेदिक मेडिकल आफिसर (एएमओ) डा. अनुराधा ने बताया कि 50 प्लस आयु वर्ग के 75, इससे कम आयु वर्ग के 30 मरीज अलग-अलग दिक्कतों को लेकर पहुंचे हैं। अधिक आयु वालों को पोस्ट कोविड श्वास लेने में कमजोरी, कफ, तकलीफ, हड्डी-मांसपेशियों में दर्द की शिकायत अधिक है। कम आयु वर्ग वालों को आंखों में दर्द, तनाव सहित वहीं दिक्कतें हैं जो अधिक आयु वर्ग को हैं। मरीजों को परामर्श-दवा देने सहित काउंसलिग भी की जा रही है।
डा. अनुराधा के मुताबिक पोस्ट कोविड कोई बच्चा अभी तक उमंग क्लीनिक नहीं पहुंचा है। उधर, डा. त्यागी ने बताया कि वायरस का अटैक अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट (ऊपरी श्वसन पथ) सिस्टम पर होता है। सबसे पहले फेफड़े, इसके बाद मल्टीपल सिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसमें किडनी भी शामिल है।
डा. त्यागी के मुताबिक वायरस के साइटोकाइन ब्लड क्लाट बढ़ा देते हैं। किडनी की ब्लड की सप्लाई रुकने लगती है। किडनी में सूजन होने लगती है। कोविड से रिकवर हुए लोगों, खासकर पहले से किडनी संबंधी रोगों से ग्रस्त मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है। वैक्सीनेशन में बताएं बीमारी
किसी व्यक्ति ने किडनी ट्रांसप्लांट कराई है, उनकी लंबे समय तक दवा (स्टेरायड भी शामिल) चलती है। ऐसे में सलाह है कि कोरोना वैक्सीनेशन में जल्दबाजी न करें, अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें। वैक्सीनेशन टीम को भी किडनी प्रत्यारोपण की जानकारी दें।