दिल्ली के बाद हरियाणा में लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही गांवों की ओर लौटने लगे कामगार
दिल्ली के बाद हरियाणा में भी लॉकडाउन लगा गया है। इसका मैसेज जैसे ही वायरल हुआ कामगारों ने अपने गांवों की ओर रुख कर लिया। दरअसल कामगार व ठेकेदार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में ठेकेदारों ने भी उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की।
जेएनएन, नई दिल्ली। दिल्ली के बाद हरियाणा में एक सप्ताह के संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा के बाद निर्माण से लेकर औद्योगिक क्षेत्र के कामगार अपने पैतृक गांवों की ओर रुख करने लगे हैं। पांच राज्यों के चुनाव परिणामों से इतर कामगारों की नजर रविवार को सिर्फ और सिर्फ हरियाणा सरकार के लॉकडाउन संबंधी आदेश पर नजर थी।
गत दिवस जैसे ही हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का ट्वीटर हैंडल पर दिया गया लॉकडाउन संबंधी संदेश वायरल हुआ, वैसे ही कामगार अपने परिजनों के साथ अपने पैतृक गांवों की ओर जाने लगे। असल में इन कामगारों ने पिछले दो दिन से अपना जरूरी सामान बांध लिया था तथा वे अपने मकान मालिक को भी किराया एडवांस में नहीं दे रहे थे।
यह भी पढ़ें: पांच राज्यों में कांग्रेस की हार कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए 'संजीवनी', पंजाब में हावी नहीं हो पाएगा हाईकमान
चिकित्सा सेवाओं की कमी के कारण ठेकेदार भी नहीं रोक पाए इस बार स्थिति यह है कि ठेकेदार भी अपने कामगार को अपनी गारंटी पर रोकने को तैयार नहीं है। ठेकेदारों का कहना है कि स्वास्थ्य संसाधनों की हालत यह है कि अमीर लोगों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा है। ऐसे में गरीबों के इलाज की गारंटी कौन ले।
यह भी पढ़ें: GST On Oxygen: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने की ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर जीएसटी हटाने की मांग
एक ठेकेदार ने तो यह भी कहा कि वह खुद बीमार हो जाए तो वह भी अस्पताल में दाखिल हो पाएगा या नहीं, इसमें संशय है। ऐसे में कामगार यदि सुरक्षित रहने के लिए अपने पैतृक गांव जाना चाहते हैं तो चले जाएं। वैसे भी इन कामगारों के परिजनों के वापस लौटने के लिए ही फोन नित्य प्रतिदिन इनके पास आ रहे हैं। ठेकेदार यह भी मानते हैं कि कामगार सुरक्षित माहौल बनते ही फिर वापस लौट आएंगे। यह कहना गलत है कि ये वापस नहीं आएंगे। जिस तरह इनमें जाने के लिए होड़ लगती है, उसी तरह वापस लौटने की भी होड़ लगती है।
यह भी पढ़ें: शक न हो इसलिए पुलिस की वर्दी में पंजाब में मां के साथ हेरोइन तस्करी करती थी कांस्टेबल बेटी