कोरोना वैक्सीनेशन सिर्फ 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का ही क्यों, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में उठा सवाल

कोरोना से जुड़े मामले में हाई कोर्ट का साथ दे रहे सीनियर एडवोकेट रुपिंदर खोसला ने कोरोना के वैक्सीनेशन के नियमों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वैक्सीनेशन सिर्फ 45 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों को ही क्यों किया जा रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 05:54 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 05:54 PM (IST)
कोरोना वैक्सीनेशन सिर्फ 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का ही क्यों, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में उठा सवाल
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट व वैक्सीनेशन की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही व फेस मास्क न पहनने वालों पर क्या कार्रवाई की जा रही है? पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के इस सवाल के जवाब में हरियाणा के मुख्य सचिव ने शुक्रवार को एक हलफनामा देकर बताया कि केंद्र सरकार ने जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उन्हें सरकार सख्ती से लागू कर रही है।

हरियाणा के मुख्य सचिव द्वारा दिए हलफनामे पर हाई कोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट रुपिंदर खोसला ने कहा कि सरकार का यह हलफनामा महज एक कागजी कार्रवाई है। इस पूरे हलफनामे में सरकार ने यह नहीं बताया कि मास्क न पहनने वालों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है? ऐसे कितने लोगों पर जुर्माना लगाया गया है?

इसके अलावा खोसला ने अब कोरोना के वैक्सीनेशन के नियमों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वैक्सीनेशन सिर्फ 45 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों को ही क्यों किया जा रहा है। खोसला ने हाई कोर्ट में कहा कि अब रोजाना लाखों मामले देशभर में आ रहे हैं। ऐसे में सरकार को भीड़ वाली जगहों और खासतौर पर स्लम एरिया और झोपड़पट्टी में रह रहे लोगों को वैक्सीन लगानी चाहिए। वैक्सीनेशन की आयु सीमा तय नहीं की जानी चाहिए।

इस पर हाई कोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को ऐसे एरिया की पहचान कर उस जगह पर वैक्सीनेशन के लिए उठाए जाने वाले कदम के बारे में पूछा है। उसकी जानकारी मामले की अगली सुनवाई पर हाई कोर्ट को दिए जाने के आदेश दिए गए हैं। हाई कोर्ट ने आदेश एक कैदी ऋषि की याचिका पर दिए थे ।

कैदी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि 27 दिसंबर को वह जेल में कोरोना से संक्रमित हो गया था, जिसके बाद उसे पंचकूला के सेक्टर 12 के क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया था। वहां उसके इलाज पर सही तरीके से गौर नहीं किया गया व ठीक होने के बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया था। इस मामले में हाई कोर्ट ने जेल में कैदियों की मास्क की व्यवस्था पर सरकार से जवाब मांगा था।

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