आखिर कौन लोग दहलाना चाह रहे थे दिल्ली, हरियाणा भाजपा नेताओं ने उठाए सवाल

किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान संगठनों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। हरियाणा के भाजपा नेताओं ने किसान नेताओं पर सवाल उठाए हैं। कहा कि आखिर किसान नेता कहां थे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 01:56 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 03:45 PM (IST)
आखिर कौन लोग दहलाना चाह रहे थे दिल्ली, हरियाणा भाजपा नेताओं ने उठाए सवाल
दिल्ली में हुई हिंसा की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली में मंगलवार को जिस तरह से उत्पात मचा, उससे बड़ा सवाल यह उठ रहा कि आखिर कौन लोग थे जो दिल्ली को दहलाना चाहते थे। किसान संगठनों ने किसी भी स्थिति में अशांति नहीं होने देने का भरोसा तो खोया ही, साथ ही इस पूरे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे लोगों की भूमिका भी संदिग्ध हो गई है।

हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ का कहना है कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन जो भी कुछ हुआ उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस ने संयम का परिचय दिया। उत्पाती लोगों ने अपना काम किया। एक भी किसान नेता, जो पहले केंद्र सरकार के साथ वार्ताओं में शामिल होता रहा है, वह ट्रैक्टर पर सवार होकर आंदोलन का नेतृत्व करना नजर नहीं आया। जब वह वास्तविक नेतृत्वकारी हैं ही नहीं तो उन्हें किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए थी। धनखड़ ने कहा, मैं केंद्र की सराहना करना चाहूंगा, जिसने बड़े ही संयम से काम लिया और हजारों ट्रेजड़ी होने से बचा ली। आखिर बड़ा सवाल यह है कि डेढ़ साल तक कानून स्थगित करने के भरोसे के बाद भी कौन लोग अपनी राजधानी के दहलाना चाह रहे हैं।

कैसा नेतृत्व कर रहे थे किसान नेता : संजय भाटिया

सांसद एवं हरियाणा भाजपा के महामंत्री संजय भाटिया का कहना है, मैं यह मान नहीं सकता कि देश का अन्नदाता किसान तिरंगे का अपमान कर सकता है। जिस तरह लाल किले पर घटना हुई, मारपीट व तोड़फोड़ हुई, उसकी मैं निंदा करता हूं। दिल्ली के लोगों की सुरक्षा क्या हमारी जिम्मेदारी नहीं है। मैं उन किसान नेताओं से पूछना चाहता हूं कि जब उनकी किसान आंदोलन या अराजक लोगों पर पकड़ ही नहीं है तो वह किस चीज का नेतृत्व कर रहे थे।

कैमला में भी ऐसे ही उपद्रवी थे : हरविंद्र कल्याण

घरौंडा (करनाल) के विधायक हरविंद्र कल्याण का कहना है कि किसानों के नाम पर जो उपद्रव हुआ, अव्यवस्था फैली, उसके लिए देश व समाज इन उपद्रवियों को कभी माफ नहीं करेगा। करनाल के कैमला में भी इन्हीं उपद्रवियों ने ऐसा करने की कोशिश की थी। अब उन नेताओं को सामने आकर स्थिति साफ करनी चाहिेए जो इस ट्रैक्टर मार्च की जिम्मेदारी उठा रहे थे और ऐसी जिद पर अड़े हुए थे, जिसे सरकार पूरा करना चाह रही थी।

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