ताऊ की वेबसाइट: कब खत्म होगी चौटाला परिवार की जंग, टाइगर के सीएम गब्बर, पढ़ें हरियाणा की और भी खबरें

ताऊ की वेबसाइट राजनीति में कई ऐसी खबरें होती हैं जो अक्सर खबर नहीं बन पाती। आइए ताऊ की वेबसाइट कालम के जरिये हरियाणा की राजनीति से जुड़ी कुछ ऐसी ही रोचक खबरों पर नजर डालते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 01:17 PM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 01:17 PM (IST)
ताऊ की वेबसाइट: कब खत्म होगी चौटाला परिवार की जंग, टाइगर के सीएम गब्बर, पढ़ें हरियाणा की और भी खबरें
अभय चौटाला व दुष्यंत चौटाला की फाइल फोटो।

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला जेल से रिहा हो गए, लेकिन चाचा अभय चौटाला और भतीजे दुष्यंत चौटाला बीच संघर्ष बरकरार है। चाचा अभय सिंह अपने भतीजे को राजनीति का नौसिखिया खिलाड़ी बताते हुए उन पर छींटाकशी करने से नहीं चूकते, जबकि भतीजे दुष्यंत चौटाला की नजर में उनके चाचा अभय सिंह राजनीति में गंभीर आदमी हैं ही नहीं। वैसे अलगाव से पहले की बात करें तो ऐसे फोटो भी वायरल हुए हैं, जिनमें किसी ने दादा की छड़ी पकड़ रखी है तो कोई किसी की अंगुली पकड़े बैठा है। दुष्यंत व अभय की एक ऐसी फोटो भी राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चित रही, जिसमें भतीजा अपने चाचा के कंधों पर बैठा हुआ है, लेकिन भतीजे के समर्थक इस फोटो को चाचा के कंधों वाला नहीं बल्कि उनकी पीठ पर सवार होने का बताते हैं। लेकिन ये पारिवारिक जंग कब खत्म होगी, यह कोई नहीं बताता।

टाइगर के सीएम गब्बर

पुलिस की भाषा में टाइगर डीजीपी को कहते हैं तो हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज गब्बर के रूप में विख्यात हैं। गब्बर और टाइगर दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। डीजीपी मनोज यादव की निष्ठा सिंहासन के प्रति रही। अब हरियाणा में डीजीपी के तौर पर उनका दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। चली-चला की बेला है। उनकी विदाई कराने में गब्बर का बड़ा योगदान है। बहरहाल, इसे सम्मान कहें या कुछ और जब पंचकूला में पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की डायल सेवा 112 की शुरुआत हो रही थी, तब डीजीपी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज की शान में खूब कसीदे पढ़े। बातों ही बातों में डीजीपी ने अपने विभाग के मुखिया विज को मुख्यमंत्री कहकर संबोधित कर दिया। पता नहीं जानबूझ कर या जुबान फिसल गई, लेकिन इंटरनेट मीडिया पर यह बात ऐसे वायरल हो गई, जैसे जंगल की आग।

किस्मत के खेल निराले

लो प्रोफाइल में रहने वाली हरियाणा भाजपा की सह प्रभारी अन्नपूर्णा देवी की किस्मत देखिए कि केंद्रीय मंत्री बन गईं। अन्नपूर्णा देवी झारखंड और बिहार से चार बार विधायक रह चुकी हैं। झारखंड सरकार में सिंचाई और महिला एवं बाल कल्याण जैसे विभागों की बागडोर संभाल चुकी कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी लोकसभा चुनाव से पहले ही राष्ट्रीय जनता दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं थी। एक समय लालू प्रसाद यादव के काफी करीब रही अन्नपूर्णा देवी को केंद्र में यादव कोटे से मंत्री बनाया गया है। इस जातीय समीकरण का हरियाणा की राजनीति पर असर पडऩा तय है। अन्नपूर्णा ने झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को हराया था। मरांडी पहले भाजपा में थे और भाजपा से मुख्यमंत्री बने थे। मरांडी को हराने और केंद्र में मंत्री बन जाने के बाद झारखंड, बिहार और हरियाणा की राजनीति में अन्नपूर्णा का कद काफी बड़ा हो गया है।

एक विभाग में दो-दो डायरेक्टर

प्रदेश में नए-नए बने नागरिक संसाधन सूचना विभाग ने काम करना चालू कर दिया है। यह विभाग इसलिए काफी अहम है, क्योंकि परिवार पहचान पत्र समेत जनहित की तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन इसी विभाग की ओर से किया जाना है। ऐसा कभी न तो सुनने में आया और न देखने में, लेकिन नागरिक सूचना विभाग में दो-दो आइएएस डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। एक डायरेक्टर चार जून से पार्थ गुप्ता तैनात हैं तो दूसरी डायरेक्टर शरणदीप बराड़ 11 जून से काम देख रही हैं। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर इस विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हैं। अब पता नहीं नागरिक संसाधन सूचना विभाग में दो डायरेक्टर की नियुक्ति सरकार का सोचा समझा फैसला है या फिर यह नियुक्ति गलती से हो गई। लेकिन जानकारों का मानना है कि ऐसा गलती से नहीं हो सकता। सरकार ने कुछ सोच समझकर दो डायरेक्टरों को इस विभाग की जिम्मेदारी सौंपी होगी।

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