फरीदाबाद में लाकडाउन में शादी की तो जज ने दंपती व पुजारी पर करा दी FIR, हाई कोर्ट ने की रद

फरीदाबाद में एक प्रेमी युगल ने प्रेम विवाह कर लिया। सुरक्षा की मांग के लिए वह कोर्ट पहुंचे तो जज ने लाकडाउन का उल्लंघन बता उन पर एफआइआर करा दी। मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो एफआइआर रद करने के आदेश दे दिए गए।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 12:50 PM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 12:53 PM (IST)
फरीदाबाद में लाकडाउन में शादी की तो जज ने दंपती व पुजारी पर करा दी FIR, हाई कोर्ट ने की रद
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगे लाकडाउन के दौरान प्रेम विवाह करना एक प्रेमी जोड़े को महंगा पड़ गया। फरीदाबाद की जिला अदालत ने सुरक्षा देने के आदेश तो दे दिए, साथ ही लाकडाउन में शादी करने पर प्रेमी जोड़े व शादी कराने वाले पंडित के खिलाफ केस दर्ज करा दिया था। FIR रद कराने के लिए तीनों पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंचे।

हाई कोर्ट ने कहा कि लाकडाउन में शादी करने पर रोक नहीं थी। रोक थी केवल 50 से ज्यादा लोग एकत्रित होने पर। इस मामले में प्रेमी जोड़े की शादी में इनके अलावा दो गवाह व एक पंडित था। ऐसे में इन्होंने किसी भी नियम को नहीं तोड़ा। इसी के साथ हाई कोर्ट ने FIR रद करने का आदेश जारी कर दिया।

हुआ यूं कि एक प्रेमी जोड़े ने 7 मई 2020 को फरीदाबाद में आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह कर लिया। इसके कुछ दिन बाद दोनों ने फरीदाबाद कोर्ट में जाकर परिजनों से जान का खतरा होने का हवाला देकर सुरक्षा देने की गुहार लगाई। सेशन कोर्ट ने उनको सुरक्षा देने के आदेश तो दे दिए, लेकिन साथ ही सवाल उठाया कि 7 मई को तो लाकडाउन था, फिर इनका विवाह कैसे हुआ।

कोर्ट को बताया गया कि आर्य समाज मंदिर में राकेश पंडित ने इनका विवाह करवाया है। कोर्ट को पता चला कि दोनों ने विवाह के लिए अधिकारियों से किसी भी तरह की मंजूरी भी नहीं ली। इस पर एडीशनल सेशन जज ने प्रेमी जोड़े लोकेश गर्ग व सोनिया तथा उनका विवाह करवाने वाले पंडित राकेश के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की पुलिस को सिफारिश कर दी। सेक्टर सात पुलिस स्टेशन ने एडीशनल सेशन जज की शिकायत पर तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। इसके बाद तीनों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद करने की मांग की थी।

याची के वकील ने कोर्ट को बताया कि एक मई को केंद्र सरकार द्वारा निर्देश के अनुसार विवाह में 50 लोगों को एकत्रित होने की छूट दी गई थी, इसलिए उन्हें किसी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं थी। उनके खिलाफ दर्ज FIR गलत है। यह रद होनी चाहिए। हाई कोर्ट की जस्टिस रितू बाहरी ने याचिका पर जब फरीदाबाद पुलिस से जवाब मांगा तो पुलिस जवाब में यह साबित नहीं कर पाई कि शादी में कहींं भी लाकडाउन के नियम को तोड़ने का काम किया गया है। लिहाजा, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने नवदंपती और पुजारी पर दर्ज FIR को रद करने के निर्देश जारी कर दिए।

chat bot
आपका साथी