निशाने पर भर्ती माफिया, हरियाणा लोकसेवा आयोग में भर्ती गिरोह के पुराने तार तलाशेगी विजिलेंस और सीआइडी

Haryana Public Service Commission हरियाणा में विजिलेंस और सीआइडी हरियाणा लोकसेवा आयोग में भर्ती में गड़बडि़यों की जांच के क्रम में भर्ती गिराेह के पुराने तार तलाशेगी। इसके लिए आयोग में सचिव व उप सचिव के पद पर नियुक्त अधिकारियों की कुंडली की तैयारी की जा रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 09:03 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 09:03 AM (IST)
निशाने पर भर्ती माफिया, हरियाणा लोकसेवा आयोग में भर्ती गिरोह के पुराने तार तलाशेगी विजिलेंस और सीआइडी
हरियाणा लोकसेवा आयोग के अधिकारी अनिल नागर के यहां जांच करती विजिलेंस की टीम। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता व शुचिता बनाए रखने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए विजिलेंस तथा सीआइडी को फ्रीहेंड दे दिया है। मुख्यमंत्री ने सीआइडी और विजिलेंस के उच्चाधिकारियों को बुलाकर उन्हें स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि सरकारी नौकरियों की पवित्रता भंग करने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति किसी तरह की रियायत न बरती जाए। इसमें भले ही कोई अधिकारी या किसी भी दल का राजनेता हो। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद अब विजिलेंस ने हरियाणा लोक सेवा आयोग में अब तक हुई नियुक्तियों की तह में जाने का रोडमैप तैयार किया है।

आयोग में सचिव व उप सचिव के पद पर नियुक्त अधिकारियों की कुंडली की जा रही तैयार

2016 बैच के एचसीएस अधिकारी अनिल नागर की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ब्यूरो व सीआइडी अफसरों को लगता है कि प्रथम व द्वितीय श्रेणी की हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा की जाने वाली भर्तियों में गड़बड़ के तार काफी पुराने हो सकते हैं। इसकी अहम वजह यह है कि अनिल नागर की हरियाणा लोक सेवा आयोग के उप सचिव पद पर इसी साल फरवरी माह में तैनाती हुई थी। इससे पहले वह हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी में भी तैनात रहा है। विजिलेंस और सीआइडी का मानना है कि फरवरी से लेकर नवंबर तक नौ माह में अनिल नागर भर्तियों में गड़बड़ी के लंबे तार नहीं जोड़ सकता। इसमें अन्य लोगों के भी शामिल होने की आशंका है।

सीएम मनोहर लाल ने बिना देरी किए विजिलेंस व सीआइडी प्रमुख को दिए कार्रवाई के आदेश

विजिलेंस ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और सीआइडी प्रमुख आलोक मित्तल ने बाकायदा मुख्यमंत्री को डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा के अभ्यर्थियों के अंकों में हेराफेरी करने के आरोपित अनिल नागर समेत तीनों आरोपितों की पूरी कुंडली सौंप दी है। पुलिस ने इस केस में भिवानी निवासी नवीन कुमार और झज्जर निवासी अश्विनी को भी गिरफ्तार किया है, जबकि नागर के परिचित सतीश गर्ग के आवास से नगदी बरामद की है।

विजिलेंस ब्यूरो हरियाणा लोकसेवा आयोग में सचिव या उप सचिव के पद पर तैनात रह चुके पूर्व के अधिकारियों की कुंडली भी खंगालना चाहता है। यह प्रस्ताव जब मुख्यमंत्री के समक्ष पहुंचा तो उन्होंने बिना किसी देरी के और बिना यह जाने कि कौन-कौन से अधिकारी अभी तक इन पदों पर रह चुके हैं, तुरंत अधिकारियों को अपना काम करने के संकेत दे दिए हैं।

ऐसे में माना जा रहा है कि विजिलेंस ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और सीआइडी प्रमुख आलोक मित्तल मिलकर कोई न कोई बड़ा धमाका कर सकते हैं। विजिलेंस ब्यूरो को जब डेंटल सर्जन भर्ती की लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों के अंकों में हेराफेरी का मामला सबसे पहले पता चला तो मुख्यमंत्री से इसकी तह में जाने की अनुमति ली गई। इसके लिए विजिलेंस प्रमुख शत्रुजीत कपूर खुद मुख्यमंत्री से मिलने गए और उन्हें बताया कि इस भर्ती की लिखित परीक्षा में 20 लाख रुपये के लेनदेन की बातचीत होने की सूचनाएं उनके पास पहुंची हैं। यदि अनुमति दें तो इसकी तह में जाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने अनुमति देने में देर नहीं लगाई। सीआइडी प्रमुख आलोक मित्तल को भरोसे में लिया गया। तुरंत छापेमारी आरंभ हुई, जिसके बाद एचसीएस अनिल नागर समेत कई लोग हत्थे चढ़ गए। करीब सवा चार करोड़ रुपये की बरामदगी भी हुई है। इस भर्ती मामले में विपक्ष खासकर कांग्रेस भले ही सरकार के कामकाज पर अंगुली उठा रहा है, लेकिन इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि सरकार यदि चाहती तो पूरे मामले को कुरेदने की बजाय दबाया भी जा सकता था, लेकिन राजनीतिक लाभ-हानि की परवाह किए बिना सरकार ने विजिलेंस व सीआइडी को अपना काम खुलकर करने का मौका दिया है।

अनिल नागर के कब्जे से बरामद दस्तावेजों व सामग्री की जांच

विजिलेंस ब्यूरो ने हरियाणा लोकसेवा आयोग के दफ्तर, अनिल नागर के घर और कब्जे से तथा अन्य आरोपितों से जो सामग्री अथवा दस्तावेज बरामद किए हैं, उनकी छानबीन शुरु कर दी गई है। लेपटाप, प्रिंटर, प्रापर्टी की डीड समेत अन्य दस्तावेजों को एक्सपर्ट के हवाले कर दिया गया है। अगले दो-चार दिन में विजिलेंस के हाथ काफी मसाला लगने की उम्मीद की जा रही है। विजिलेंस और सीआइडी को न केवल हरियाणा लोक सेवा आयोग बल्कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में भी भर्ती गिरोह के तार जुड़े होने की स्थिति में कार्रवाई के लिए स्वतंत्र कर दिया है।

पारिवारिक समारोह की तैयारियां छोड़ गिरोह पकड़ने निकले थे कपूर

हरियाणा के विजिलेंस ब्यूरो प्रमुख शत्रुजीत कपूर के परिवार में दस दिन बाद शादी है। कपूर अपने पारिवारिक विवाह समारोह में व्यस्त थे। वह कुछ समय के लिए दिल्ली व गुरुग्राम गए हुए थे, लेकिन वहीं पर उनके पास जब हरियाणा लोक सेवा आयोग की डेंटल सर्जन भर्ती की लिखित परीक्षा में फर्जीवाड़ा होने की सूचना मिली तो वह पूरे समारोह की तैयारियां बीच में ही छोड़कर वापस चंडीगढ़ आए और मुख्यमंत्री से कार्रवाई की अप्रूवल ली। इसी तरह सीआइडी चीफ आलोक मित्तल के परिवार में भी समारोह का आयोजन था, लेकिन वह भी माफिया को उजागर करने में जी-जान से जुट गए।

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