पुरानी स्टाइल में हो वैक्सीनेशन तो हरियाणा में नहीं होगी बर्बादी, विशेषज्ञों ने बताया तरीका

Vaccination in Haryana हरियाणा मेें वैक्‍सीनेशन को लेकर विशेषज्ञों ने बड़ी सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि राज्‍य में वैक्‍सीनेशन पुरानी स्‍टाइल में होनी चाहिए। विशेषज्ञों कस कहना है कि इससे वैक्‍सीन की बर्बादी नहीं होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 01:18 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 01:18 PM (IST)
पुरानी स्टाइल में हो वैक्सीनेशन तो हरियाणा में नहीं होगी बर्बादी, विशेषज्ञों ने बताया तरीका
विशेषज्ञों ने हरियाणा में वैक्‍सीनेशन पुरानी स्‍टाइल में किए जाने का सुझाव दिया है। (सांकेतिक फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। Vaccination in Haryana: कोरोना संक्रमण के फैलाव के चलते इससे बचाव की वैक्सीन अनमोल है। कई राज्यों से वैक्सीन व्यर्थ होने की सूचना से परेशान विशेषज्ञ अब इसके सभी कारणों को खत्म करने की पहल में जुट गए हैं। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि टीकाकरण का जो पुराना तरीका था उसे ही कोरोना काल में थोड़ा बदलाव करके अपनाया जाना चाहिए।

बर्बादी से बचाने को गांव, शहर के मुहल्लों में जाकर लगाई जाए वैक्सीन

हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त उपनिदेशक डाक्टर रविंद्र माथुर मानते हैं कि पहले भी अपने देश में अनेकों बार टीकाकरण के सफल अभियान चले हैं। इनकी सफलता के पीछे का कारण यही रहा है कि टीकाकरण समूह में लगाए गए। मसलन, थर्मोकोल के एक छोटे बाक्स में इंजेक्शन की वायल ( दवा की शीशी ) रखकर तीन या चार स्वास्थ्यकíमयों का एक दल गांव, शहर के मुहल्लों में जाता और घर-घर जाकर डोज लगा देता।

उनका कहना है कि कई बार तो एक वायल में तय मात्रा से ज्यादा डोज की दवा भी निकल जाती थी। दल जब अपनी रिपोर्ट में यह बताता था कि दवा से ज्यादा डोज लगाई गई है तो उन्हें शाबासी भी मिलती थी। कोरोना संक्रमण से बचाव की वैक्सीन को भी समूह के रूप में लगाया जा सकता है। इसमें फिलहाल कुछ शारीरिक दूरी जैसे कोविड नियम हैं, वे भी गांवों में आंगनबाड़ी और शहरों में पार्क या सामुदायिक भवनों में पूरे किए जा सकते हैं।

व्यर्थ हो गई है 5.72 फीसद वैक्सीन

हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में वैक्सीन लगाने के पहले दौर में वैक्सीन की काफी बर्बादी हुई। हरियाणा के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में अब तक 5.72 फीसद वैक्सीन की बर्बादी हो चुकी है। इसका कारण है कि कोविड शील्ड की एक वायल ( दवा की शीशी ) 10 डोज और कोवैक्सीन की एक वायल में 20 डोज आती हैं।

यदि चार घंटे के अंदर एक वायल से सभी डोज नहीं लगाई जाएं तो ये बेकार हो जाती हैं। कोविड शील्ड की वायल इस्तेमाल करने वाले डाक्टर तो यह भी बताते हैं कि एक वायल में वैक्सीन लगाने वाले दलों ने 12 डोज भी लगाई हैं। इसके बावजूद वैक्सीन व्यर्थ होना दुखद हैं।

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हरियाणा में वैक्सीन व्यर्थ होने के आंकड़े

कुल वैक्सीन आई - 4502220

अभी तक लगाई गई- 4011506

बकाया - 490714

व्यर्थ हो गई- 229458

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'' कोरोना अनुशासन के तहत वैक्सीन लगाने के बाद व्यक्ति को 15-20 मिनट का आराम देना चाहिए। इसके अलावा वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जाना जरूरी है। इसलिए अभी तक समूह वैक्सीन से बचा जा रहा था मगर ये सुविधाएं यदि गांव-शहर में सामुदायिक जगहों पर उपलब्ध करा दी जाएं तो समूह वैक्सीनेशन ज्यादा प्रभावी रहेगा और इसमें वैक्सीन व्यर्थ भी नहीं होगी।

                                                                                       - डा. रणदीप पूनिया,  मुख्य चिकित्साधिकारी।

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'' हमने अस्पताल में वैक्सीनेशन के दौरान एक भी वैक्सीन डोज खराब नहीं होने दी। इसका कारण यह रहा कि अंतिम वायल तब खोलते थे जब यह सुनिश्चित हो जाए कि उस समय दस लोग वैक्सीनेशन के लिए आए हुए हों। इसके बाद हम रजिस्ट्रेशन बंद कर देते थे। वैक्सीन को ग्रुप में लगाने से कई लोग नाराज भी हुए मगर हमने उनकी काउंसिलिंग की।

                                                 - डा. सौरभ गहलोत, चिकित्सक प्रशासक, सर्वोदय अस्पताल, फरीदाबाद।

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