HC में आया अनोखा मामला, हरियाणा की महिला ने लड़ी पति की पहली पत्‍नी के हक की लडा़ई, मांगी आधी पेंशन

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अनोखा मामला सामने आया। हरियाणा की एक महिला ने अपनी सौतन यान‍ि पति की पहली पति के हक की लड़ाई लड़ी। बीएसएफ के पूर्व अधिकारी की पत्‍नी चाहती है कि उसे मिल रही पेंशन का आधा हिस्‍सा पति की पहली पत्‍नी को मिले।

By Sunil kumar jhaEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 09:25 AM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 09:25 AM (IST)
HC में आया अनोखा मामला, हरियाणा की महिला ने लड़ी पति की पहली पत्‍नी के हक की लडा़ई, मांगी आधी पेंशन
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [दयानंद शर्मा]। आपने सौतनों की आपसी लड़ाइयाें के किस्‍से बहुत सुने होंगे, लेकिन यहां हाई कोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया। हरियाणा की एक महिला ने अपनी सौतन यानि पति की पहली पत्‍नी के हक की लड़ाई लड़ी। बीएसएफ के पूर्व अधिकारी की पत्‍नी इस महिला ने खुद को मिल रही है पेंशन का आधा हिस्‍सा पति की पहली पत्‍नी को देने की मांग की है। उसने पहले बीएसएफ और बाद में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में इसके लिए गुहार लगाई।

बीएसएफ अधिकारी की पत्नी को अपनी आधी पेंशन देना चाहती है पति की पहली पत्‍नी को

सोनीपत की इस महिला ने हाई कोट से अपनी आधी पेंशन अपने पति की पहली पत्‍नी को देने के लिए बीएसएफ और सरकार को निर्देशित करने किए जाने याचना की। महिला के पति की पहली पत्‍नी उसकी चचेरी बहन है। महिला चाहती थी कि हाईकोर्ट की पीठ इस संबंध में निर्देश दे, क्योंकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने ऐसा कोई नियम न होने की बात कहकर उसका आवेदन निरस्त कर दिया था। लेकिन, हाई कोर्ट ने नियमों का हवाला देकर इससे इन्कार कर दिया।

पति की पहली पत्‍नी के हक की लडा़ई लड़ने वाली धनपति देवी सोनीपत की रहने वाली हैं। उनके पति भाईराम बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर थे। वह 31 मार्च 1990 को सेवानिवृत्त हुए और 9 दिसंबर 2019 को उनका निधन हो गया। 20 फरवरी 2020 को धनपति देवी ने बीएसएफ अधिकारियों को आवेदन दिया कि उनके विवाह के पहले 7 जुलाई, 1977 को उनके पति का विवाह उनकी चचेरी बड़ी बहन के साथ भी हुआ था। उनकी चचेरी बहन को आधी पेंशन जारी की जानी चाहिए और उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

बीएसएफ ने उनके आवेदन को 10 अगस्त 2020 को निरस्त कर दिया। बीएसएफ का तर्क था कि भाईराम के सेवा रिकार्ड के अनुसार उन्होंने पत्‍नी के रूप में उन्हें ( धनपति देवी को) ही नामांकित किया था। किसी अन्य महिला का उनकी पत्‍नी के रूप में उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए सेवा नियमों के तहत केवल उन्हें ही पेंशन दी जा सकती है, पहली पत्‍नी को नहीं।

पहली पत्‍नी हैं उनकी चचेरी बहन, लेकिन हाई कोर्ट ने नियमों का हवाला दे इन्कार किया

बीएसएफ अधिकारियों के फैसले से दुखी धनपति देवी हाई कोर्ट की शरण में पहुंची और याचिका दायर कर बीएसएफ के 10 अगस्त 2020 के आदेश को रद करने की याचना की। उन्होंने पीठ से अनुरोध किया कि वह अपनी चचेरी बहन को आधी पेंशन देने को तैयार हैं। उनकी चचेरी बहन का विवाह उनके पति के साथ पहले हुआ था।

मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट की जस्टिस लीजा गिल ने कहा कि रिकार्ड के अनुसार इसका कोई प्रमाण नहीं है कि याची की चचेरी बहन याची के पति की पहली पत्‍नी हैं। हिंदू विवाह अधिनियम के प्रविधानों के अनुसार दो विवाह मान्य नहीं है। पीठ ने कहा कि ऐसा कोई नियम भी नहीं है कि जो दूसरी पत्‍नी को पेंशन जारी करने की अनुज्ञा देता हो। इसलिए ऐसा आदेश पारित करने में पीठ असमर्थ है।

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