हरियाणा रोडवेज की बसों में मशीन से कटेंगे Ticket, बंद होगा रोडवेज में नकली टिकट का खेल

हरियाणा रोडवेज की बसों में टिकट में होने वाले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए ई टिकट प्रणाली शुरू किए जाने की तैयारी है। परिवहन विभाग में आइपीएस और एचपीएस अफसरों की नियुक्ति के बाद सरकार का यह नया प्रयोग होगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 03:41 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 03:41 PM (IST)
हरियाणा रोडवेज की बसों में मशीन से कटेंगे Ticket, बंद होगा रोडवेज में नकली टिकट का खेल
हरियाणा रोडवेज की बस की फोटो। सांकेतिक फोटो

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के सभी छिद्र बंद करने की फुलप्रूफ योजना तैयार की है। परिवहन विभाग में आइपीएस और एचपीएस अधिकारियों की नियुक्ति के बाद सरकार ने टिकटों में होने वाले भ्रष्टाचार को बंद करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी बसों में ई-टिकट प्रणाली आरंभ की जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले अधिकारी और कर्मचारी न तो डुप्लीकेट टिकट छपवाकर पैसा कमा सकेंगे और न ही यात्रा पूरी होने के बाद यात्रियों से टिकट वापस लेकर उन्हें दूसरे यात्रियों को दे सकेंगे।

हरियाणा सरकार का परिवहन विभाग में आइपीएस और एचपीएस अधिकारियों को नियुक्त करने का प्रयोग काफी सफल रहा है। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव शत्रुजीत कपूर और परिवहन आयुक्त अमिताभ सिंह ढिल्लो दोनों आइपीएस अधिकारी हैं। प्रदेश सरकार ने करीब एक दर्जन एचपीएस अधिकारियों को भी डीटीओ के पद पर नियुक्तियां दी हैं। इस व्यवस्था के लिए हरियाणा सरकार ने बाकायदा कैबिनेट की बैठक में नियमों में बदलाव किया।

हरियाणा सरकार के इस फैसले का हालांकि शुरू में आइएएस और एचसीएस लाबी ने अंदरूनी विरोध भी किया, लेकिन सरकार के सामने उनका विरोध अधिक दिनों तक टिक नहीं पाया। परिवहन विभाग में आइएएस और एचपीएस अधिकारियों की नियुक्ति का फायदा यह हुआ कि विभागीय भ्रष्टाचार में काफी हद तक कमी का दावा किया जा रहा है। कम से कम 80 लाख रुपये की जुर्माना राशि विभाग को प्रतिदिन मिल रही है।

परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने सरकार के इस प्रयोग को मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा विभागों के शुद्धिकरण की मुहिम का नाम दिया है। प्रदेश के परिवहन बेड़े में इस समय 4887 बसें चल रही हैं। इनमें 3400 बसें रोडवेज की हैं। इनके अलावा 150 बसें मिनी, 510 बसें प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराये पर ली गई हैं, जबकि 18 बसें वोल्वो हैं। 809 बसें नई आएंगी, जिनकी बाडी बनकर तैयार है। इनके अगले दो माह के भीतर परिवहन बेड़े में शामिल होने की संभावना है।

कोविड काल में हालांकि बसों के बंद रहने से परिवहन विभाग को राजस्व का काफी नुकसान हुआ है, लेकिन धीरे-धीरे बसों का आवागमन शुरू होने से राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है। पहले प्रतिदिन तीन करोड़ रुपये का राजस्व मिलता था, जो कोरोना काल में 75 लाख रुपये रह गया था। अब दो करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हो रहा है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और मध्यप्रदेश के लंबे रूट पर हरियाणा परिवहन की बसों का आवागमन चालू हो गया है। हालांकि अभी कम बसें चल रही हैं, जिनके भविष्य में फेरे बढ़ने की संभावना है।

पुरानी बसों में भी जीपीएस लगाने पर विचार

परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के अनुसार विभाग में जो 809 नई बसें आनी हैं, वह सभी जीपीएस युक्त होंगी। पुरानी बसों में जीपीएस लगाने पर भी विचार चल रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सभी बसों में ई-टिकट प्रणाली आरंभ करने की सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। इस प्रस्ताव को हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में रखा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने व जरूरी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद बसों में ई-टिकटिंग चालू हो जाएगी। इससे भ्रष्टाचार का बरसों पुराना खेल बंद होगा।  

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