विशेष बातचीत में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने की खुलकर बात, कहा- पिता की नाराजगी मोल ली, पर टस से मस न हुआ
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) ने कहा मैंने अपने आवास और कार्यालय में भ्रष्टाचार की सारी खिड़कियां बंद कर दी हैं। पिता की नाराजगी मोल ली रिश्तेदारों की फटकार सुनी लेकिन टस से मस नहीं हुआ।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। चंडीगढ़ के सेक्टर तीन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) का सरकारी आवास... चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था... अधिकारियों का आना-जाना लगा हुआ है। कुछ लोग भी मिलने आए हुए हैं, कुछ मिलकर चले गए, कुछ अभी इंतजार में हैं। सीएम आवास पर पीछे की तरफ सुंदर ग्रीनरी है। बीच में एक बहुत ही शानदार लकड़ी की हट (झोपड़ी) बनाई गई। उसी में छोटा सा पुस्तकालय है। मुख्यमंत्री अक्सर यहां बैठकर लोगों से चर्चा करते हैं और फुरसत में पढ़ते हैं।
रविवार शाम तीन बजे के आसपास मुख्यमंत्री से मिलना हुआ। उनके अतिरिक्त प्रधान सचिव और डीपीआर अमित कुमार अग्रवाल साथ में थे। चुनिंदा पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में हर मसले पर खुलकर चर्चा हुई। आत्मविश्वास से लबरेज मुख्यमंत्री ने हर सवाल का सटीक जवाब दिया। बोले- मैंने अपने आवास और कार्यालय में भ्रष्टाचार की सारी खिड़कियां बंद कर दी हैं। पूरे प्रदेश को अपना घर मान लिया। छह साल पहले जब मनोहर लाल सीएम बने थे, तब उनके विरोधी उन्हें राजनीति का नया खिलाड़ी कहते थे। अब मनोहर लाल राजनीति के मंजे खिलाड़ी हैं। बातों ही बातों में कब पांच बज गए पता ही नहीं चला।
अनौपचारिक बातचीत के बीच डीपीआर अचानक पूछ बैठते हैं, सीएम साहब... आप काम करने की इतनी एनर्जी कहां से लाते हैं? बगल से दूसरा सवाल आया... आपको राज करते हुए छह साल हो गए, अगले चार वर्षों में प्रदेश को कहां पर देखते हैं? इन दोनों सवालों पर मुख्यमंत्री अतीत में चले जाते हैं। फिर जवाब देते हैं, मुझे मेरे व्यक्तिगत परिवार की चिंता नहीं है। पूरा हरियाणा मेरा परिवार है। मुझ समेत हम पांच भाई और दो बहनें हैं। फिर आगे उनका पूरा भरा परिवार है। मैंने सभी को यहां आने से मना कर रखा है। अगर किसी को आना है तो आमजन की तरह आएंं।
मनोहर लाल बीच में ही हुड्डा पर चुटकी लेते हैं। कहते हैं कि पहले सोनू-मोनू की दुकान चलती थी। मेरे यहां ऐसा नहीं होता। नौकरियां भी मेरिट से मिलती हैं। पर्ची-खर्ची बंद हो गई। एक बार पिताजी नाराज हो गए। अक्खड़ भाषा में बोले, मनोहर... तुमसे यह अपेक्षा नहीं थी कि तुम....। मैंने उन्हें कहा, पिताजी... मैं हूं तो आपका बेटा ही, लेकिन राष्ट्र और प्रदेश की सेवा मेरे लिए पहले है। यदि आप उचित समझें तो मुझे अपने बेटों की सूची से बाहर कर दें। अब माता-पिता नहीं हैं, चले गए, लेकिन तब वह गुस्सा जरूर हुए थे, लेकिन उन्होंने मेरी बात को स्वीकार किया था।
मनोहर लाल बीच में चाय की चुस्की लेते हैं। पत्रकारों से पूछते हैं कि आपमें से कितनों ने शादी नहीं की। फिर जवाब देते हैं कि मैं चिंतामुक्त होकर काम करता हूं। सुबह सवा छह बजे मेरी दिनचर्या शुरू हो जाती है और साढ़े छह बजे कामों व कार्यक्रमों की फाइल मेरे सामने होती है। हरियाणा के पौने तीन करोड़ लोग और 65 लाख परिवार हैं।
मैं चाहता हूं कि लोगों को उनके घर पर योजना का लाभ मिले
सीएम कहते हैं, मैं चाहता हूं कि योजना का लाभ लेने के लिए कोई आदमी सरकार के दरवाजे पर न आए, बल्कि हम खुद उसके दरवाजे पर जाकर योजना का लाभ दें। अगले चार सालों में ऐसा हरियाणा आपको देखने को मिलेगा। अचानक सवाल आता है कि किसान दूध के रेट बढ़ा रहे हैं। सीएम जवाब देते हैं कि यह बहुत बड़ी गलती होगी। दूध की मियाद एक या दो दिन से ज्यादा नहीं होती। बिजली विभाग की भर्ती में हरियाणा से बाहर के युवाओं की नियुक्ति पर सीएम कहते हैं कि आकलन करने वाले सिर्फ जनरल कैटेगरी का आकलन करते हैं, एससी-बीसी की गिनती नहीं करते। यह तो उनका स्तर है। राष्ट्रीय स्तर की नौकरियों में इस तरह के आकलन के कोई मायने नहीं होते। फिर भी 164 भर्तियों में 98 हरियाणा के हैं।