भाजपा-जजपा नेताओं पर हमले से नाराज अनिल विज ने तलब किए गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित सभी जिलों के एसपी

हरियाणा में भाजपा-जजपा नेताओं पर हो रहे हमलों को लेकर गृह मंत्री अनिल विज नाराज हैं। मंत्री ने कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से अपराध के आंकड़े तलब कर लिए।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 03:38 PM (IST) Updated:Sat, 17 Jul 2021 08:35 AM (IST)
भाजपा-जजपा नेताओं पर हमले से नाराज अनिल विज ने तलब किए गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित सभी जिलों के एसपी
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा व जजपा नेताओं पर हो रहे हमलों को लेकर प्रदेश सरकार न केवल गुस्से में है, बल्कि ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में दिखाई दे रही है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने सत्तारूढ़ दल के नेताओं के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन और हमलों पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है।

गृह मंत्री ने गृह विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से अपराध के आंकड़े तलब कर लिए। गृह मंत्री ने गृह सचिव राजीव अरोड़ा और पुलिस महानिदेशक मनोज यादव से कहा कि हर जिले से कम से कम आठ बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयारी कराई जाए। यह रिपोर्ट पांच दिन के भीतर देनी होगी।

विज 20 जुलाई को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस रिपोर्ट के आधार पर सभी जिला पुलिस अधीक्षकों के साथ संवाद कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे। गृह मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद डीजीपी ने सभी पुलिस अधीक्षकों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। इस रिपोर्ट में सत्तारूढ़ दल के नेताओं के विरोध, उन पर हुए हमले, किसान संगठनों के आंदोलन की मौजूदा स्थिति और जून माह के अपराधों का पूरा ब्योरा मांगा गया है।  अनिल विज ने बैंक सुरक्षा को लेकर किए जा रहे बंदोबस्त, मोस्टवांटेड और गैंगस्टर के खिलाफ की गई कार्रवाई, वाहन चोरी के केस, आम्र्स एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के तहत हुई कार्रवाई के बारे में भी रिपोर्ट तलब की है।

कृषि भूमि की मैङ्क्षपग के लिए फील्ड में उतरेंगे 6200 कर्मचारी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उपायुक्तों को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर प्रदेश की सौ फीसद भूमि का पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक एकड़ की मैङ्क्षपग करने के लिए विभिन्न विभागों के 6200 कर्मचारी फील्ड में उतारे जाएंगे। प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत दो लाख एकड़ के लक्ष्य में से अभी तक 87 हजार एकड़ में धान की जगह वैकल्पिक फसलों की बुवाई की गई है। सीएम ने कहा कि किसानों को बाजरे की जगह दूसरी फसले बोने के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही बारिश के पानी की निकासी के लिए व्यापक प्रबंध किए जाएं।

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। इसके अलावा कोविड वैक्सीनेशन के काम में तेजी लाएं ताकि हर आदमी को महामारी से महफूज किया जा सके। वहीं, मुख्यमंत्री ने माइक्रो इरीगेशन एंड कमांड एरिया डवलपमेंट अथारिटी (मिकाडा) द्वारा संचालित 1200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि सूक्ष्म सिंचाई का कवरेज क्षेत्र बढ़ाया जाए।

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, नहर, तालाब या ट्यूबवेल से सिंचित क्षेत्रों की पहचान के साथ ही लिफ्ट नहर सिंचाई प्रणाली के माध्यम से सिंचित किए जाने वाले क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के तहत लाने के प्रयास किए जाएं। गांवों के अनुसार भू-जल स्तर का मूल्यांकन करते हुए 30 मीटर से अधिक गहरे भू-जल स्तर वाले गांवों में किसानों को सूक्ष्म ङ्क्षसचाई प्रणाली अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा।

किसानों को मनरेगा के लाभ दिलाने की संभावनाएं तलाश रही सरकार

हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों में ऐसी संभावनाएं तलाश करें, जिनसे मजदूरों के साथ-साथ किसानों को भी लाभ मिल सके। राज्य में पारंपरिक फसलों की बजाय अन्य नकदी फसलें लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए। उन्होंने कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में दूसरे राज्यों के 'सफल-किसानों' की तकनीक का अध्ययन करने के निर्देश दिए ताकि उनका प्रयोग कर प्रदेश के किसानों को अधिक समृद्ध बनाया जा सके।

ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के मंत्री के नाते उप मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को विभागीय अधिकारियों की बैठक ली और मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। ग्रामीण विकास विभाग के महानिदेशक विकास यादव और विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक आरसी बिढ़ान की मौजूदगी में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार मनरेगा के तहत अधिक से अधिक काम करवा रही है। प्रदेश में वर्ष 2019-20 के दौरान जहां मनरेगा योजना में 370 करोड़ रूपये के कार्य करवाए गए, वहीं वर्ष 2020-21 के दौरान पिछले वर्ष से दो गुणा से ज्यादा 802 करोड़ रूपये खर्च किए गए।

इस बार ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत और अधिक कार्य कराने के लिए अधिकारियों को कृषि, बागवानी, वन, ङ्क्षसचाई, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और युवा एवं खेल मामले विभाग में योजनाबद्ध ढंग से काम करने के निर्देश देते हुए 1200 करोड़ रूपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में किसानों के पास कृषि जोत कम होती जा रही है। राज्य में करीब 80 प्रतिशत ऐसे किसान हैं जिनके पास पांच एकड़ से भी कम कृषि भूमि है। अधिकतर किसान पारंपरिक फसलों की बिजाई करते आ रहे हैं, जबकि नकदी फसलों से किसान अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य इन छोटे किसानों को फसल विविधिकरण के लिए प्रेरित करते हुए उनका रूझान फल व सब्जियों के अलावा अन्य नकदी फसलों की तरफ करना है ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके।

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