भ्रष्टाचार मामले में सिरसा के इनकम टैक्स DC को 4 साल की सजा, सीबीआइ कोर्ट ने सुनाया फैसला

पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत ने लाख रिश्वत लेने के एक मामले में सिरसा इनकम टैक्स विभाग के डीसी को चार साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा इस अफसर पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 05:21 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 08:02 PM (IST)
भ्रष्टाचार मामले में सिरसा के इनकम टैक्स DC को 4 साल की सजा, सीबीआइ कोर्ट ने सुनाया फैसला
सिरसा इनकम टैक्स विभाग के डीसी सजा सुनाए जाने के बाद। जागरण

जेएनएन, पंचकूला। व्यापारी से दो लाख की रिश्वत मांगने और आय से अधिक संपत्ति घर में रखने के मामले में इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर नितिन गर्ग को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है। अदालत ने गर्ग पर दो लाख का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, एक आरोपित प्रिंस को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। आरोपित प्रिंस इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर नितिन गर्ग के घर पर काम करता था।

मामला 07 फरवरी 2016 का है। सीबीआइ ने दायर मामले के अनुसार नितिन गर्ग के खिलाफ सिरसा के पुरुषोत्तम कुमार ने सीबीआइ को दो लाख रुपये रिश्वत की मांगने की शिकायत की थी। सीबीआइ ने आरोपित पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुरुषोत्तम कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि गर्ग ने उनको 2013-14 की असेसमेंट के लिए नोटिस निकाल दिया। इसको निपटाने के लिए गर्ग ने उनसे दो लाख रुपये रिश्वत की मांग की।

नितिन गर्ग ने इसके साथ ही पुरूषोत्तम कुमार धमकी दी थी कि यदि रिश्वत नहीं दी तो उस पर भारी पेनाल्टी लगाई जाएगी। शिकायत में पुरुषोत्तम ने कहा कि नितिन गर्ग ने अपने सहयोगी को दो लाख रुपये लेने के लिए कहा। इससे पहले ही शिकायतकर्ता ने सीबीआइ को इसकी सूचना दे दी थी। इसके बाद सीबीआइ की टीम ने आरोपित के बठिंडा के गणेश नगर स्थित घर पर दबिश दी थी। मामले में सीबीआइ ने नितिन गर्ग के अलावा उसके नौकर प्रिंस को भी गिरफ्तार किया था।

सीबीआइ के वकील केपी सिंह ने बताया कि सीबीआइ टीम ने नितिन गर्ग के बठिंडा स्थित आवास पर दबिश दी थी। गर्ग के घर व दफ्तर से 15.60 लाख रुपये की नकदी, एक किलो 620 ग्राम सोना, 60 लाख की कीमत के हीरे, पांच लाख रुपये की चांदी, परिवार के विभिन्न सदस्यों के नाम पर 26 बैंक अकाउंट, दो बैंक लॉकर के दस्तावेज बरामद किए गए थे। गर्ग की ओर से इसके सुबूत भी नहीं पेश किए जा सके।

7 फरवरी 2016 को सीबीआइ की टीम ने गर्ग के घर पर छापा मारा तो गर्ग ने तबियत खराब होने की शिकायत की। गर्ग को तुरंत बठिंडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। रातभर सीबीआइ टीम नितिन गर्ग की देखभाल के लिए अस्पताल में लगी रही। जैसे ही सेहत में सुधार आया सीबीआइ की टीम ने अस्पताल से छुट्टी करवाते हुए गर्ग को गिरफ्तार कर लिया था। बचाव पक्ष के वकील अमित डुडेजा ने कहा कि वह इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में अपील करेंगे।

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