ढाई साल की समायरा का इंडिया बुक आफ रिकाडर्स में नाम दर्ज

ढाई साल की उम्र में जब बच्चे मम्मी-पापा तक ठीक ढंग से बोल नहीं पाते उस उम्र में पंचकूला की एक बच्ची ने इंडिया बुक आफ रिकाडर्स में बोलने की कला में अपना नाम दर्ज करवाया है। दो फरवरी 2019 को पैदा हुई की बच्ची समायरा चौधरी ने अंग्रेजी वर्णमाला के सैकड़ों शब्द बोलकर यह उपलब्धि हासिल की है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 06:19 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 06:19 PM (IST)
ढाई साल की समायरा का इंडिया बुक आफ रिकाडर्स में नाम दर्ज
ढाई साल की समायरा का इंडिया बुक आफ रिकाडर्स में नाम दर्ज

::छोटी उम्र में बड़ा काम::

-सेक्टर-12 में रहने वाले नीरज व कुलविंद्र कौर की बेटी समायरा चौधरी ने अंग्रेजी वर्णमाला के सैकड़ों शब्द बोलकर हासिल की उपलब्धि

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जागरण संवाददाता, पंचकूला : ढाई साल की उम्र में जब बच्चे मम्मी-पापा तक ठीक ढंग से बोल नहीं पाते, उस उम्र में पंचकूला की एक बच्ची ने इंडिया बुक आफ रिकाडर्स में बोलने की कला में अपना नाम दर्ज करवाया है। दो फरवरी 2019 को पैदा हुई की बच्ची समायरा चौधरी ने अंग्रेजी वर्णमाला के सैकड़ों शब्द बोलकर यह उपलब्धि हासिल की है।

इंडिया बुक आफ रिकार्ड के मुताबिक सेक्टर-12 के दंपती नीरज चौधरी व कुलविंद्र कौर की बेटी समायरा चौधरी ने अंग्रेजी में एक से 30 तक गिनती, 10 कविताएं, 14 पक्षियों, 18 वाहनों, 20 जानवरों, 18 सब्जियों, 10 आकृतियों, 11 रंगों व पांच इंद्रियों के नाम बोलकर सुनाए। लैपटाप पर अंग्रेजी वर्णमाला टाइप करने, शरीर के 20 अंगों व छह राष्ट्रीय चिन्हों के बारे में बताना और 11 जानवरों की आवाज की नकल करना समायरा के लिये बहुत आसान है। समायरा के पिता नीरज चौधरी और माता कुलविंदर कौर अपनी बेटी की उपलब्धि पर काफी उत्साहित हैं। समायरा चौधरी में तेजी से सीखने व याद रखने की क्षमता है। समायरा की विशेष क्षमता को उसकी मां कुलविंदर कौर ने तब पहचाना, जब समायरा करीब डेढ़ साल की थी। कुलविंद्र कौर ने उसे बहुत ही सुखद माहौल में पढ़ाने के लिए अपनी पूरी मेहनत लगा दी। समायरा को हर बार नई चीजें सीखना पसंद था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि समायरा कुछ भी नहीं भूली, जो उसे सिखाया गया था। नीरज और कुलविंद्र ने अपने बच्चे के सभी वीडियो इंडिया बुक ऑफ रिका‌र्ड्स टीम को उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर भेजे और 13 जुलाई 2021 को उसका चयन किया गया। परिवार के लिये यह एक गर्व का क्षण था। 30 जुलाई 2021 को समायरा को प्रमाण पत्र मिला। नीरज चौधरी जगत शिप्रा ट्रैवल्स लिमिटेड में काम करते हैं। वह ज्यादातर शाम या रात काम पर होते हैं। नीरज चौधरी और कुलविंद्र कौर ने कहा कि सभी माता-पिता को अपने बच्चे में सकारात्मक और रचनात्मक क्षमताओं की पहचान करने और उनकी विशेष देखभाल की जरुरत है। आजकल के बच्चे बहुत होशियार हैं और नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं और सभी रिकार्ड तोड़ सकते हैं।

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