हरियाणा में गेहूं की खरीद कल से, आढ़तियों को सरकार देगी आढ़त, किसानों का नहीं कटेगा कोई पैसा
हरियाणा की मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से शुरू होगी। राज्य में गेहूं की खरीद के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इस बार आढ़तियों को उनकी आढ़त हरियाणा सरकार देगी और किसानाें के फसल के भुगतान में कोई राशि नहीं काटी जाएगी।
चंडीगढ, जेएनएन। हरियाणा में 1 अप्रैल से मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होगी। इस बार खरीद के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। फसल की खरीद पर आढ़तियों को उनकी आढ़त राज्य सरकार देगी और इसे किसानाें के भुगतान से नहीं काटा जाएगा। इसकके साथ ही राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस बार राज्य की मंडियों में आठ से 10 अप्रैल के बीच ही गेहूं बिक्री के लिए पहुंच सकेगी।
प्रदेश में इस बार 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार होने की उम्मीद है, जिसमें से 81 से 85 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद सरकार द्वारा की जाएगी। प्रदेश में कल से गेहूं की सरकारी खरीद आरंभ हो जाएगी। सरकार ने गेहूं खरीद की समस्त तैयारियां पूरी कर ली हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दावा किया है कि किसानों की फसल का समस्त पैसा उनके खातों में ट्रांसफर किया जाएगा।
आढ़तियों ने खरीद में आनाकानी की तो प्राइवेट प्लेयर्स को अस्थाई लाइसेंस का विकल्प खुला
चंडीगढ़ में मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग उन्हें प्रयोगधर्मी कहते हैं। मैं भी यह मानता हूं कि मैं प्रयोगधर्मी हूं। नए प्रयोग करने में हम बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाएंगे और न ही पहले कभी हिचकिचाए हैं। उन्होंने कहा कि आढ़तियों को उनकी आढ़त सरकार देगी। कुछ लोग ऐसा भ्रम पैदा कर रहे हैं कि आढ़ती की आढ़त किसान की पेमेंट से काटी जाएगी।
उन्होंने कहा कि कुछ आढ़तियों ने जिला उपायुक्तों से कहा है कि उन्होंने जरूरी कार्यों के लिए किसानों को एडवांस राशि दे रखी है। वैसे तो यह किसान और आढ़ती के बीच का मामला है, लेकिन किसान बहुत ईमानदार होते हैं। किसान अपने खातों में आई पेमेंट से आढ़तियों का पैसा हर सूरत में वापस करेंगे।
राज्य की मंडियों में इस बार सरसों कम आने की उम्मीद, प्राइवेट मार्केट में रेट ज्यादा
मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य में करीब 400 मंडियों में गेहूं की खरीद होगी। इस बार प्राइवेट मार्केट में सरसों के रेट किसानों को बहुत ज्यादा मिल रहे हैं। इसलिए उम्मीद है कि सरसों की फसल किसान प्राइवेट बाजार में ही बेचेंगे। यदि उन्हें कम रेट मिले तो सरकार एमएसपी पर सरसों की खरीद करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों के खाते में सीधे पेमेंट देने के विरोध स्वरूप यदि आढ़ती गेहूं की खरीद नहीं करेंगे तो सरकार किसी तरह का व्यवधान नहीं आने देगी और गेहूं खरीद के लिए अस्थाई (टेंपरेरी) खरीद लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे।
72 घंटे में पेमेंट नहीं तो नौ फीसदी ब्याज पक्का
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि इस बार सरकार ने गेहूं खरीद के लिए एसओपी (गाइड लाइन) तैयार की है। इस बार गेहूं बिकने के बाद जे फार्म कटने के 72 घंटे के भीतर किसानों को उनके खातों में पेमेंट भेज दी जाएगी। ऐसा नहीं होने पर नौ फीसदी ब्याज मिलेगा।
हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें