जनता करेगी अफसरों के काम की रेटिंग, मिलेगा 25 लाख का पुरस्कार, HAIC चेयरमैन दौलताबाद बोले- गुरुग्राम में होगा प्रयोग शुरू
गुरुग्राम जिले में हरियाणा एग्रो कारपोरेशन (HAIC) के चेयरमैन राकेश दौलताबाद ने की अफसरों की पुरस्कार योजना शुरू की है। प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों की तर्ज पर होगा अधिकारियों के कामकाज का आकलन होगा। यह आकलन जनता करेगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जिस तरह कोई सर्विस देने पर आप जेमेटो, ओला, उबर, एमेजान और स्वीगी को उसके कार्य के आधार पर रेटिंग देते हैं, उसी तरह अब हरियाणा सरकार के अधिकारियों के भी कामकाज का आकलन किया जाएगा। आम लोग अपनी समस्याएं लेकर विभिन्न अधिकारियों के पास जाएंगे। अधिकारियों द्वारा समस्याओं के समाधान के आधार पर लोग उन्हें रेटिंग देंगे। रेटिंग में जो अधिकारी सबसे अधिक स्टार हासिल करेगा, उसे साल के अंत में 25 लाख रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन (Haryana Agro Industries Corporation HAIC) के चेयरमैन राकेश दौलताबाद ने अधिकारियों को रेटिंग के आधार पर उन्हें पुरस्कृत किए जाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। राकेश दौलताबाद गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं। उन्होंने भाजपा के मनीष यादव को बड़े अंतर से हराया था। राकेश दौलताबाद उन निर्दलीय विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार को बिना शर्त अपना समर्थन दे रखा है।
राकेश दौलताबाद 25 लाख रुपये की यह पुरस्कार राशि अपने निजी कोष से प्रदान करेंगे। न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश में किसी विधायक द्वारा जनता की समस्याओं के समाधान के लिए ऐसी कोई पहल नहीं की गई है। हरियाणा सरकार पिछले सात साल से जीरो टोलरेंस की नीति पर आगे बढ़ते हुए विभागीय भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को प्रयासरत है। सरकार को इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है, लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों की मनमानी और उनके द्वारा काम नहीं किए जाने की शिकायतें कम नहीं हो रही हैं।
भाजपा विधायक दल, जजपा और निर्दलीय विधायकों की हाल ही में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने जनसमस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय किए जाने की बात कही है। चेयरमैन राकेश दौलताबाद ने इसी बैठक में सुझाव दिया था कि अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से समस्याओं के समाधान के लिए जवाबदेह बनाना चाहिए। विधायक ने प्रशासनिक सुधार की यह कवायद अपने जिले से की है। फिलहाल रेटिंग का कार्य एक साफ्टवेयर के जरिये होगा।
विधायक के दफ्तर से लोगों की समस्याएं इस साफ्टवेयर में दर्ज होने के बाद संबंधित अधिकारियों के पास जाएंगी। समस्या का समय से समाधान होने अथवा नहीं होने या अधिकारियों के रुख के आधार पर संबंधित व्यक्ति विधायक के दफ्तर में फीडबैक देगा, जिसके आधार पर अधिकारी को रेटिंग मिलेगी। इस साफ्टवेयर में पीड़ित या शिकायतकर्ता व्यक्ति का नाम, उसकी समस्या, हल करने वाले अधिकारी का पद और नाम तथा स्टार की संख्या (पांच तक) दर्ज रहेगी।
गुरुग्राम का प्रयोग सफल रहा तो बाकी जिलों में भी संभव
राकेश दौलताबाद के अनुसार एक जुलाई से अगले साल 30 जून तक एक साल की समय अवधि को आधार बनाकर अफसरों को यह पुरस्कार राशि मिलेगी। धीरे-धीरे इस कार्य के लिए एप लांच करने का प्रयास रहेगा। जब तक एप तैयार नहीं होगा, साफ्टवेयर से काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अपने कार्यकाल में हर साल यह पुरस्कार राशि दी जाएगी। इससे अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा।
दौलताबाद ने कहा कि अच्छा काम नहीं करने वाले अधिकारियों की सूचना मुख्यमंत्री दो जाएगी, ताकि उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जा सके। बढ़िया काम करने वाले अधिकारी पुरस्कार राशि हासिल करने के साथ ही सरकार व पब्लिक की नजर में आएंगे। मुख्यमंत्री को इस प्रोजेक्ट की जानकारी दी गई है। यदि प्रोजेक्ट कामयाब रहा तो बाकी जिलों में भी सरकार और जनप्रतिनिधि इसे अधिकारिक रूप से लागू करवा सकते हैं।