बेड संख्या बढ़ाने के लिए ऑक्सीजन कोटा की गारंटी चाहते हैं हरियाणा में निजी अस्पताल
हरियाणा में कोरोना संक्रमण से स्थिति लगातार गंभीर हो रही है। सरकार चाहती है कि निजी अस्पताल अपने यहां बेड संख्या बढाएं ताकि अधिक से अधिक मरीजों का इलाज हो सके। दूसरी ओर निजी अस्पताल इसके लिए ऑक्सीजन कोटा की गारंटी चाहते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मौजूदा दौर में आम से लेकर खास आदमी तक सभी की अपेक्षाएं सरकारी की बजाए निजी अस्पतालों से ही हैं। हरियाणा में निजी अस्पतालों पर बेड संख्या से लेकर मेडिकल सुविधाएं बढ़ाने का दबाव लगातार बना हुआ है। अब आलम यह है कि शासन-प्रशासन का दबाव और ध्यान सिर्फ निजी अस्पतालों पर ही है। निजी अस्पताल प्रबंधक शासन-प्रशासन के शिकंजे में चारों तरफ से घिर चुके हैं। ऐसे में वे यह भी कह रहे हैं कि यदि सरकार ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की गारंटी दें तो निश्चित तौर पर अस्पतालों में बेड संख्या बढ़ाई जा सकती है।
सरकारी शिकंजे के चलते चारों तरफ से घिर रहे निजी अस्पतालों की क्षमता पर पड़ रहा प्रभाव
मेट्रो हास्पीटल ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि निजी अस्पताल प्रबंधक इस समय सबके निशाने पर हैं जबकि इलाज के लिए सबकी नजर भी इन्हीं अस्पतालों पर है। ऐसे में शासन-प्रशासन को सिर्फ इतना सहयोग करना चाहिए कि निजी अस्पतालों में इलाज का अनुशासन नहीं टूटे। बता दें, आक्सीजन के अभाव में फरीदाबाद स्थित एशियन अस्पताल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में भी गुहार लगाई थी। हालांकि अब सरकार का दावा है कि मांग के अनुरूप आक्सीजन की आपूíत की जा रही है।
सरकारी कोटे से अलग अपने दम पर मंगवाई 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
सरकार से पहले अपने दम पर जमशेदपुर और राउरकेला से 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन फरीदाबाद लाकर जरूरतमंदों को वितरण के लिए प्रशासन के सुपुर्द करने वाले नार्थ-वेस्ट गैसिस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिरूद्ध भाटी बताते हैं कि ऑक्सीजन उपलब्ध कराना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। वह खुद 20 अप्रैल से अपने टैंकरों के माध्यम से सड़क मार्ग से अब तक फरीदाबाद में सरकारी कोटे से अलग 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ला चुके हैं। उन्होंने अपने वितरकों को पहले से हुए करार के अनुसार ऑक्सीजन देने के बाद बकाया प्रशासन को सौंप दी। प्रशासन ने ऑक्सीजन की गैस वितरण के मामले में शुरू दिन से ही काम किया है। यही कारण है कि फरीदाबाद में गुरुग्राम या दिल्ली जैसा ऑक्सीजन की कमी से एक भी बड़ा हादसा नहीं हुआ।
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'' राज्य सरकार ने आक्सीजन के लिए केंद्र से अपना कोटा बढ़वा लिया है। फिलहाल 252 मीट्रिक टन का कोटा केंद्र से मिला हुआ है। अभी कोटे के अनुसार आक्सीजन उपलब्ध कराने में और दो से तीन दिन लगेंगे क्योंकि इसमें कुछ तकनीकी खामियां आ रही हैं। यदि कोटे के अनुसार भरपूर आक्सीजन मंगवा ली जाए तो उसे खाली करने के लिए पर्याप्त संख्या में स्टोरेज टैंक भी होने चाहिए। बावजूद इसके हम यह विश्वास दिला रहे हैं कि जो भी संस्था मेडिकल संसाधनों में इजाफा करना चाहें, उन्हें सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा।
- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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