आपदा में अवसर ढूंढने वालों की मनमानी, फल, सब्जी, किराना से लेकर दवाओं की कीमतों में मनमानी वृद्धि

आपदा में अवसर ढूंढने वालों ने कोरोना काल में भी लोगों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। काढ़े में प्रयुक्त होने वाली सामग्री में बेहताशा वृद्धि कर दी है। यही नहीं मुनाफाखोर दवा का दाम बढ़ाने से भी नहीं चूक रहे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 02:46 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 01:49 PM (IST)
आपदा में अवसर ढूंढने वालों की मनमानी, फल, सब्जी, किराना से लेकर दवाओं की कीमतों में मनमानी वृद्धि
जरूरी चीजों के दामों में मनमानी वृद्धि। सांकेतिक फोटो

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। कोरोना संक्रमण के इस आपदा काल में लालच के वशीभूत अवसर ढूंढ रहे लोग बेखौफ हैं। लॉकडाउन में आवक की कमी बताकर फल,सब्जी, किराना से लेकर दवाओं की कीमत दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं। विटामिन सी की बढ़ोतरी के लिए नींबू की मांग बढ़ रही है तो सब्जी मंडी में नींबू पचास रुपये पाव यानी 200 रुपये किलोग्राम बेचा जा रहा है।

कोरोना संक्रमण से बचाव को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़े में इस्तेमाल होने वाली दालचीनी, बड़ी इलाइची, कालीमिर्च के दाम बेहताशा बढ़ गए हैं। संक्रमितों में संक्रमण की वजह से आई शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए मखाने, मुनक्का, किशमिश और बादाम गिरी खाने बताए जा रहे हैं। बढ़ती मांग के चलते इनके भाव भी आसमान छूने लगे हैं। काबुली चने और दालों के भाव भी लॉकडाउन के दौरान चरम पर पहुंच गए हैं।

पिछले 20 दिन में बढ़े किराना सामान के भाव

(नोट: दर रुपये प्रतिकिलोग्राम में)

दवा की दुकानों पर ग्राहकों को न तो दवा के दाम पता और न ही वह कम करने की बाबत कह पाता। दवा के डिब्बे पर लिखी कीमत अदा करना ही ग्राहक की मजबूरी हो गई है। राज्य में खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रण विभाग भी है मगर फिलहाल सरकार का ध्यान काेरोना इलाज के संसाधनों को बढ़ाने पर ही केंद्रित है। खाद्य सामग्री की गुणवत्ता बरकरार रखने और दामों में हुई बढ़ोतरी के पर काेई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि किराना दुकानों के आगे रेट लिस्ट चस्पा की जानी है मगर प्रशासन मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं करा पाया है। हालांकि अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिलों के प्रभारी बने अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस पर सख्त कार्रवाई कराएं।

जो खुदरा बाजार में बताया वही बन गई सरकारी रेट की सूची

हरियाणा के कई जिलों में जिला प्रशासन की तरफ से खाद्य सामग्री की सूची जारी की गई है। इस सूची में दाल, चीनी, तेल, चावल आदि के जो भाव दर्शाए गए हैं, वे खुदरा बाजार के भाव हैं। सवाल यह उठता है कि प्रशासन ने इन दरों को किस आधार पर सरकारी दर बता दिया। असल में प्रशासन के पास ऐसा कोई संसाधन नहीं था कि बाजार में लॉकडाउन के कारण महंगे हुए भावों को सस्ते कर लिखा जाए। कई जिलों में तो प्रशासन ने सरकारी रेट लिस्ट जारी करते समय यह जहमत भी नहीं उठाई कि थोक कारोबारियों से ही दाम पूछ लेते।

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