हरियाणा में ITI में इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक नए कोर्स शुरू करने की तैयारी, अनुपयोगी Course होंगे बंद

हरियाणा सरकार आइटीआइ में उन कोर्सों को बंद करने की तैयारी में है जो अनुपयोगी हैं। सरकार अब ऐसे कोर्सों को शुरू करवाएगी जिनकी इंडस्ट्री में डिमांड है। आइटीआइ के इंस्ट्रक्टर निदेशालय को नए पाठ्यक्रम के बारे में डिटेल भेजेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 05:06 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 05:06 PM (IST)
हरियाणा में ITI में इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक नए कोर्स शुरू करने की तैयारी, अनुपयोगी Course होंगे बंद
हरियाणा में इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक नए कोर्स होंगे शुरू। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की आइटीआइ में चल रहे जिन कोर्स की मांग नहीं रही, उन्हें अब बंद किया जाएगा। हरियाणा की आइटीआइ में जहां नए कोर्स शुरू होंगे, वहीं विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भी नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। नए कोर्स शुरू करने से पहले आइटीआइ इंस्ट्रक्टरों द्वारा औद्योगिक संगठनों के साथ बैठक की जाएगी। उनकी मांग के अनुसार ही नया पाठयक्रम तैयार किया जाएगा।

हरियाणा में चल रही आइटीआइ में दो दर्जन से अधिक कोर्स करवाए जाते हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जिनकी शुरूआत 1990 के आसपास हुई थी। कई कोर्स ऐसे हैं जिनकी वर्तमान समय में मांग समाप्त हो चुकी है। सरकार ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के सभी ग्रुप इंस्ट्रक्टर और इंस्ट्रक्टर को नए कोर्स की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। नए कोर्स का चयन स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप किया जाएगा। नए कोर्स शुरू करने से एक तरफ जहां स्थानीय उद्योगों की जरूरतें पूरी होंगी, वहीं दूसरी तरफ इससे युवाओं का रुझान भी आइटीआइ में होने वाली पढ़ाई की तरफ बढ़ेगा।

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इस तरह के कोर्स कर युवा निजी क्षेत्र में अपनी पंसद के रोजगार हासिल करने में सक्षम होंगे। कम से कम दो ग्रुप इंस्ट्रक्टर या इंस्ट्रक्टर की टीम ऐसे कोर्स के नाम और उनकी जरूरतों के बारे में एक संक्षिप्त नोट बनाकर निदेशालय को भेजेंगे। इसके बाद विभागीय कमेटी इन कोर्स को उपयोगी मानती है तो संबंधित टीम को विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कहा जाएगा। ग्रुप इंस्ट्रक्टर या इंस्ट्रक्टर को इस काम के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से, उन्हें इस कार्य के लिए 50 हजार रुपये का मानेदय भी दिया जाएगा।

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हरियाणा में आइटीआइ से पहले सरकार जेबीटी भी बंद कर चुकी है। वर्ष 2010 से हरियाणा में जेबीटी अध्यापकों की मांग लगभग समाप्त होती जा रही है। हरियाणा के कौशल एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री मूलचंद शर्मा के अनुसार वर्तमान समय में बहुत से ऐसे कोर्स चल रहे हैं जिनकी मांग एवं व्यवहारिकता समाप्त हो रही है। युवाओं का रूझान बनाए रखने और उद्योगों की मांग के अनुसार नए कोर्स शुरू समय की जरूरत है।

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75 फीसद आरक्षण के कानून को लागू करने में मिलेगी मदद

हरियाणा सरकार प्राइवेट सेक्टर की 75 फीसदी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को आरक्षण देने का कानून बना चुकी है। हालांकि बाद में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने उद्यमियों की आपत्ति के बाद कहा था कि यह आरक्षण चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों पर लागू होगा, लेकिन इसके बावजूद सरकार युवाओं को तकनीकी रूप से कौशल बनाकर उन्हें इस कानून का फायदा दिलाने के हक में है। 

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