हरियाणा में 300 अफसरों व कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी, रजिस्ट्री में गड़बड़ी का है मामला

हरियाणा में पिछले चार सालों में हुई रजिस्ट्रियों में सिस्टम की खामियां सामने आई थी। हरियाणा सरकार अब रजिस्ट्रियोें में गड़बड़ी करने वाले 300 अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी में है। सेवा नियमों के तहत उन पर कार्रवाई की जा सकती है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 06:29 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 07:58 AM (IST)
हरियाणा में 300 अफसरों व कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी, रजिस्ट्री में गड़बड़ी का है मामला
हरियाणा में रजिस्ट्री में गड़बड़ी मामले में अफसरों व कर्मचारियों में कार्रवाई की तैयारी।

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में पिछले चार सालों में रजिस्ट्रियों में बरती गई कोताही को लेकर प्रदेश सरकार ने 300 अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है। इन अफसरों को सरकार सस्पेंड तो नहीं करेगी, लेकिन हरियाणा सरकारी सेवा नियमों के तहत उन पर कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि अंतिम निर्णय सीएम मनोहर लाल को करना है।

हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों हिसार, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, करनाल व अंबाला के मंडलायुक्तों से रजिस्ट्रियों में हुई अनिय़मितताओं की जांच कर रिपोर्ट तलब की थी। मंडलायुक्तों ने यह जांच रिपोर्ट राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल के पास भेजी। वहां से रिपोर्ट को कंपाइल कर डिप्टी सीएम के माध्यम से सीएमओ में चली गई है।

हालांकि सरकार का इरादा इन तमाम अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित करने का था, लेकिन साथ ही इस बात पर विचार हुआ कि यदि इतनी अधिक संख्या में एक साथ अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया तो कामकाज पर असर पड़ सकता है, इसलिए नियम सात के तहत इन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इन अफसरों में कुछ जिला राजस्व अधिकारी, अधिकतर तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी, कानूनगो व रजिस्ट्री क्लर्क शामिल हैं।प्रदेशभर में चार साल में हुई सात-ए की रजिस्ट्रियों में जितनी भी खामियां मिली थी, उनमें सबसे बड़ी बात सिस्टम में खामी की सामने आई थी।

लाकडाउन के दौरान पिछली बार गुरुग्राम में बड़े स्तर पर सेक्शन-सात ए के तहत हुई रजिस्ट्रियों में बड़ी गड़बड़ियां मिली थी। इसमें सात अफसरों को सस्पेंड भी कर दिया गया था। बाद में, उन्हें अब बहाल भी कर दिया गया है, लेकिन विभागीय कार्रवाई जारी है। इसके बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पिछले चार साल में हुई इस तरह की सभी रजिस्ट्रियों की जांच के आदेश दिए थे। यह जांच छह डिवीजनों के कमिश्नरों ने की थी। नियम यह है कि किसी भी तहसील में जब रजिस्ट्री होती है तो तहसील में लगे कैमरे से फोटोग्राफी होती है, लेकिन जांच में यह सामने आया कि कई रजिस्ट्री मोबाइल से फोटो कर की गई हैं। ऐसे में इस तरह की रजिस्ट्रियों पर सवाल खड़े हुए थे।

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