प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान 31 जुलाई तक कर सकते हैं बीमा, पढ़ें हरियाणा की और भी खबरें

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तिथि 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। किसान अब खरीफ की फसल का बीमा 31 जुलाई तक करा सकेंगे। गैर ऋणी किसान ग्राहक सेवा केंद्र या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से अपनी फसल का बीमा करवा सकता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 10:05 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 11:54 AM (IST)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान 31 जुलाई तक कर सकते हैं बीमा, पढ़ें हरियाणा की और भी खबरें
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तिथि 31 तक बढ़ी। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा कराने के लिए समयसीमा 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। यदि ऋणी किसान योजना में शामिल नहीं होना चाहते तो वे बैंकों में लिखित आवेदन करके योजना से बाहर हो सकते हैं। अगर ऋणी किसान स्कीम से बाहर होने के लिए तय सीमा में बैंक में आवेदन नहीं करता तो बैंक उसकी फसलों का बीमा करने के लिए अधिकृत होंगे। गैर ऋणी किसान ग्राहक सेवा केंद्र या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से अपनी फसल का बीमा करवा सकता है।

अर्जित अवकाश लेने के लिए देने होंगे प्रमाण

सरकारी कालेजों के स्टाफ को ग्रीष्मावकाश केदौरान किए गए कार्यों के बदले अर्जित अवकाश का लाभ लेने के लिए प्रमाण देने होंगे। उच्चतर शिक्षा महानिदेशक ने सभी सरकारी कालेजों के प्राचार्यों कोइस संबंध में निर्देश दिए हैं। ड्यूटी के सबूत के तौर पर हाजिरी रजिस्टर की प्रति, सरकारी सेवा में नियुक्ति की तिथि तथा कालेज में ग्रीष्मावकाश के दौरान किए गए कार्यों का तिथिबद्ध ब्योरा मुख्यालय में भेजना होगा।

कर्मचारियों से विश्वासघात : सैलजा

हरियाणा कांग्रेस की प्रधान कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के साथ विश्वासघात कर रही है। महंगाई सातवें आसमान पर है, लेकिन महामारी के नाम पर डेढ़ साल से कर्मचारियों का डीए न बढ़ाकर उनकी कमर तोड़ने की कोशिश की जा रही है। डीए नहीं बढ़ने से इसी माह 30 तारीख को रिटायर होने वाले प्रत्येक कर्मचारी को लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ेगा।

हरियाणा में 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को होगा नुकसान

कोरोना के चलते प्रदेश में डेढ़ साल से महंगाई भत्ता (डीए) में बढ़ोतरी नहीं हो रही। इससे कर्मचारियों व पेंशनर्स को बजट गड़बड़ा गया है। सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि डीए बहाली न होने से 30 जून को रिटायर होने हजारों कर्मियों को औसतन ढाई लाख रुपये प्रति कर्मचारी नुकसान उठाना पड़ेगा। लांबा ने कहा कि प्रदेश में जनवरी 2020 से कर्मचारियों और पेंशनर्स का डीए नहीं बढ़ा है। इससे करीब 2500 करोड़ रुपये का बकाया खड़ा है।

उन्होंने केरल की तर्ज पर कर्मचारियों के रोके गए डीए को बहाल करने और 18 महीने के बकाया एरियर को कर्मचारियों के जीपीएस/सीपीएफ खातों में डालने और पेंशनरों को नकद भुगतान करने की मांग की है। संघ के महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि जनवरी 2020 से रोके गए डीए व पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर जल्द ही संघर्ष का ऐलान किया जाएगा।

गांवों में पांच करम के 475 कच्चे रास्ते हाेंगे पक्के

हरियाणा में तीन साल में गांवों के पांच करम के सभी कच्चे रास्तों को पक्का किया जाएगा। इस दौरान 1225 किलोमीटर लंबाई के 475 कच्चे रास्तों को पक्का करेंगे। इस पर कुल 490 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने वीरवार को अपने निवास पर ग्रामीणों से मुलाकात में यह बात कही। उन्होंने बताया कि एक गांव को दूसरे गांव से जोड़ने वाले सभी रास्ते पक्के किए जाएंगे, ताकि किसानों को खेतों में आने-जाने व फसल ढोने में परेशानी का सामना न करना पड़े।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हर गांव को इंटरनेट से जोड़ना चाहती है ताकि ग्रामीण बदलते तकनीकी युग में अपडेट रहें। वर्तमान में 6188 गांवों में आप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है जिनमें से 4334 गांवों में केबल को चालू कर दिया गया है।

स्कूल प्राध्यापकों को बगैर सहमति नहीं भेजा जाएगा मेवात

हरियाणा में स्कूल प्राध्यापकों को बगैर सहमति के एनीव्हेयर की श्रेणी में रखते हुए मेवात नहीं भेजा जाएगा। आनलाइन तबादलों में जोन की जगह स्कूल का विकल्प दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री कंवरपाल और निदेशक जे गणेशन के साथ लेक्चरर वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में यह सहमति बनी। एसोसिएशन के चेयरमैन रामफल सहरावत, राज्य प्रधान अनिल अहलावत और संरक्षक सुनील नेहरा ने बताया कि आनलाइन तबादला प्रक्रिया में सभी प्राध्यापकों को शामिल किया जाएगा।

माडल संस्कृति स्कूलों में शेष विषयों के प्राध्यापकों की नियुक्ति की सूची भी जल्द जारी होगी। ब्लाक 2016 से 2019 की लीव ट्रेवल कंसेशन (एलटीसी) व एश्योर्ड करियर प्रमोशन (एसीपी) देने की प्रक्रिया जारी है। एसोसिएशन ने बिना स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) के दाखिला प्रक्रिया की समय सीमा बढ़ाने की भी मांग की ताकि सरकारी विद्यालयों में छात्राें की संख्या में वृद्धि हो सके।

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