हरियाणा में बिजली फुल, फिर भी गुल, ओवरलोड से लग रहे कट ने गर्मी में लाेगाें की नींद उड़ाई

ह‍रियाणा में बिजली फुल है इसके बावजूद यह गुल है। राज्‍य के अधिकतर क्षेत्राें में ओवरलोड के कारण बिजली कट लग रहे हैं। इस कारण गर्मी में लोगों की रात की नींद उड़ गई है। बिजली की चोरी भी बढ़ गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 08:29 AM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 08:29 AM (IST)
हरियाणा में बिजली फुल, फिर भी गुल, ओवरलोड से लग रहे कट ने गर्मी में लाेगाें की नींद उड़ाई
हरियाणा में बिजली कट ने लोगाें की हालत बुरी कर दी है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, राज्‍य ब्‍यूरो। हरियाणा में बिजली फुल है, लेकिन फिर भी गुल है। लगातार और लंबे बिजली कटों ने लोगों की रात की नींद उड़ा दी है। मानसून की बरसात के लिए तरस रहे हरियाणा में प्रचंड गर्मी के बीच बिजली की खपत भी रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। प्रदेश में बिजली की खपत 11 हजार 383 मेगावाट पर पहुंच गई है जो नया रिकार्ड है। इससे पहले तीन जुलाई 2019 को बिजली खपत 11 हजार मेगावाट के पार पहुंची थी, जबकि पिछले साल तीन जुलाई को अधिकतम खपत 10 हजार 894 मेगावाट तक पहुंची। इस दौरान बिजली की चोरी भी खूब हुई।

प्रचंड गर्मी में रिकार्ड स्तर पर पहुंची बिजली की मांग, 11 हजार 383 मेगावाट की खपत का रिकार्ड बना

बृहस्पतिवार शाम साढ़े सात बजे तक बिजली की मांग 10 हजार 97 मेगावाट पर पहुंच चुकी थी जिसमें से नौ हजार 984 मेगावाट की सप्लाई हो पाई। प्रदेश में फिलहाल 12 हजार 187 मेगावाट बिजली उपलब्ध है। हिसार के खेदड़ प्लांट को छोड़ दें तो प्रदेश के सभी थर्मल पावर प्लांटों में तमाम यूनिटों में बिजली उत्पादन किया जा रहा है।

 12 हजार 187 मेगावाट बिजली उपलब्ध, खेदड़ प्लांट की एक यूनिट को छोड़कर सभी प्लांट कर रहे उत्पादन

इसके बावजूद तापमान में वृद्धि से बिजली की खपत रिकार्ड स्तर पर पहुंचने से फीडर ओवरलोड होने लगे हैं। ओवरलोडिंग से फीडर ब्रेकडाउन होने पर बिजली कट भी बढ़ गए है। हालांकि बिजली निगमों के दावों के मुताबिक कोई कट नहीं लग रहा, लेकिन लगभग सभी जिलों में गांव से लेकर शहरों तक में विभिन्न स्थानों पर लाइनों में फाल्ट से बिजली गुल हो जा रही है। खासकर ढाणियों (खेतों में बने मकान) में स्थिति ज्यादा बुरी है जहां पिछले दिनों आंधी के कारण गिरे खंबे और ट्रांसफार्मर अभी तक ठीक नहीं हो पाए हैं। ऐसे में अधिकतर ढाणियों के लोग दिन-रात पसीने में तरबतर हो रहे हैं। फीडर ब्रेकडाउन होने से गुल हो रही बिजली के चलते कई जगह बिजली कर्मचारियों के साथ लोग उलझ भी बैठे।

थर्मल पावर प्लांटों में उत्पादन बढ़ा

बिजली की मांग को पूरा करने के लिए महीनों से बंद पड़ी पानीपत स्थित थर्मल प्लांट की यूनिट नंबर सात और आठ को चला दिया गया है। दोनों यूनिटों से 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसी तरह यमुनानगर स्थित दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट में लगाई गईं 300-300 मेगावाट की दोनों यूनिटें करीब एक महीने से चल रही हैं। पहले यहां एक यूनिट बंद पड़ी थी। हिसार के खेदड़ पावर प्लांट में 600 मेगावाट की एक यूनिट में पूरी क्षमता के साथ उत्पादन हो रहा है, जबकि दूसरी यूनिट बंद है। झज्जर में सभी यूनिटें चल रही हैं।

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'एक हजार मेगावाट बिजली अतिरिक्त उपलब्ध'

'' प्रदेश में पर्याप्त बिजली है। मांग की तुलना में करीब एक हजार मेगावाट बिजली हमारे पास अतिरिक्त उपलब्ध है। अगर फीडर पर अत्यधिक लोड के कारण कहीं फाल्ट आता है तो उसे तुरंत ठीक किया जा रहा है ताकि लोगों को परेशानी न झेलनी पड़े। दूरदराज के कुछ क्षेत्राें में आंधी के कारण गिरे खंबों और ट्रांसफार्मरों के ठीक नहीं होने की शिकायतें जरूर मिली हैं। इन्हें युद्धस्तर पर ठीक किया जा रहा है ताकि बिजली सप्लाई बहाल हो सके।

                                                                                   - रणजीत सिंह चौटाला, बिजली मंत्री, हरियाणा।

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