हरियाणा के 3.25 लाख बेहद गरीब परिवारों की दूर होगी गरीबी, वार्षिक आय 2 लाख तक करने का लक्ष्य

हरियाणा में सवा तीन लाख परिवार ऐसे हैं जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से भी कम है। ऐसे परिवारों की आय को बढ़ाने की योजना पर हरियाणा सरकार काम कर रही है। सरकार 25 दिसंबर तक 180 रोजगार मेले लगाकर गरीबी का कुचक्र तोड़ेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 01:44 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 01:19 PM (IST)
हरियाणा के 3.25 लाख बेहद गरीब परिवारों की दूर होगी गरीबी, वार्षिक आय 2 लाख तक करने का लक्ष्य
हरियाणा में गरीबी का कुचक्र तोड़ेगी सरकार। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रदेश के बेहद गरीब लोगों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकालने की कार्ययोजना तैयार की है। करीब सवा तीन लाख परिवार ऐसे हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है। 50 हजार रुपये वार्षिक से कम आय वाले 38 हजार परिवार हैं। एक लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले व्यक्ति को प्रदेश सरकार गरीब मानती है। हरियाणा सरकार ने सवा तीन लाख परिवारों की वार्षिक आय दो लाख रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए गरीब लोगों को उनकी पसंद, रुचि और जरूरत के हिसाब से रोजगार दिए जाएंगे। पिछला लोन रिकार्ड सही रहा तो नए लोन के लिए गारंटी भी प्रदेश सरकार ही देगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को अंत्योदय परिवार उत्थान योजना की शुरुआत की है। हरियाणा सरकार ने राज्य के हर परिवार को रिकार्ड पर लाने के लिए परिवार पहचान पत्र बनवाए हैं। करीब 67 लाख परिवारों के पहचान पत्र बन चुके हैं। इन पहचान पत्रों में दी गई सूचनाओं के आधार पर सरकार ने पता लगाया है कि सवा तीन लाख परिवारों की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है, जबकि 50 हजार रुपये से कम वार्षिक आय वाले 38 हजार परिवार हैं। ऐसे परिवारों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें जिस तरह के रोजगार की जरूरत होगी, वह उपलब्ध कराया जाएगा। इन परिवारों की गरीबी मिटाने के लिए बैंक, वित्तीय सर्विस देने वाले संस्थान, हरियाणा व केंद्र सरकार की योजनाओं को आधार बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले चरण में डेढ़ लाख गरीब परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकालने की योजना है। इसके लिए सोमवार 29 नवंबर से 25 दिसंबर सुशासन दिवस पर अंत्योदय रोजगार मेले लगाए जाएंगे। पूरे प्रदेश में 180 स्थानों पर यह मेले लगते हैं। पहले चरण में 24 ब्लाक में तीन दिन तक रोजगार मेले लगाए जाएंगे। सवा तीन लाख परिवारों में से डेढ़ लाख परिवारों को इन रोजगार मेलों में फोन के जरिए, मैसेज भेजकर और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से रोजगार मेलों में बुलाया जाएगा। वहां डेस्क बनाकर उनसे बातचीत की जाएगी, ताकि यह चिन्हित किया जा सके कि किस व्यक्ति को किस तरह के रोजगार में रुचि है और वह कितनी पूंजी में शुरू हो सकता है अथवा लोन की जरूरत है या नहीं है।

मनोहर लाल के अनुसार सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक लगने वाले इन रोजगार मेलों में चंडीगढ़ मुख्यालय से एक-एक आइएएस अधिकारी नोडल अफसर के रूप में भेजा जाएगा। जिला उपायुक्त पूरी निगरानी करेंगे। संबंधित जिलों व विधानसभा क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि भी चाहें तो इन रोजगार मेलों में रह सकते हैं। केंद्र व राज्य सरकार की 42 योजनाएं ऐसी हैं, जिन्हें अपनाकर आय में बढ़ोतरी संभव है। इन योजनाओं के चार्ज भी रोजगार मेला परिक्षेत्र में लगाए जाएंगे। मेले की वेलकम डेस्क पर संबंधित व्यक्ति को अपना पंजीकरण कराना होगा। वहां से उन्हें काउंसिलंग डेस्क पर भेजा जाएगा। फिर बैंक के काउंटर पर भेजा जाएगा।

बैंकों को हर हाल में देना होगा काम के लिए लोन

मुख्यमंत्री ने बताया कि बैंकों को हर हाल में एक काम के लिए लोन देना होगा। बैंक को यदि किसी गारंटी की कोई जरूरत पड़ती है तो वह सरकार देगी। आखिर में फार्म जमा कराने का काउंटर रहेगा। इसके बाद जनवरी में इन्हीं लोगों के दूसरी बार कैंप लगेंगे। जिनके लोन स्वीकृत हो चुके होंगे, वह उन्हें वहीं पर आवंटित कर दिए जाएंगे। बैंक को यदि कोई व्यक्ति डिफाल्टर मिलता है तो उसे भी सरकार लोन देगी। इसके बाद रोजगार मेलों के द्वितीय चरण में बाकी बचे पौने दो लाख लोगों को रोजगार देने के लिए बुलाया जाएगा। मनोहर लाल ने दावा किया कि यह योजना बेहद महत्वाकांक्षी है। हम इससे लोगों को बेरोजगारी व गरीबी के कुचक्र से बाहर कर उन्हें जीवन यापन के योग्य बनाना चाहते हैं।

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