हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, तकनीकी शिक्षा विभाग में मर्ज होंगे सोसायटी के पालीटेक्निक कालेज
हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब सोसायटी पालीटेक्निक कालेजों को तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत लाया जाएगा। इसके लिए तकनीकी शिक्षा मंत्री होने के नाते अनिल विज ने सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सोसायटी मोड में चल रहे पालीटेक्निक कालेजों को तकनीकी शिक्षा विभाग में मर्ज करने की तैयारी है। एडवोकेट जनरल की राय लेने के बाद तकनीकी शिक्षा मंत्री के नाते अनिल विज ने इसकी सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। विधिवत रूप से इन कालेजों को तकनीकी शिक्षा विभाग में मर्ज करने के लिए तकनीकी शिक्षा मंत्री ने एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज ने बनाई तीन सदस्यीय कमेटी, दो सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासक) विवेक कालिया, सरकारी कालेजों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुनालजीत और सोसायटी पालीटेक्निक कालेजों की ओर से सुनील कुमार को कमेटी में शामिल किया गया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज ने कमेटी को दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर सोसायटी के रूप में चल रहे पालीटेक्निक कालेजों को तकनीकी शिक्षा विभाग में मर्ज करने की औपचारिकता निभाई जा सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में हुआ था सोसायटी मोड के पालीटेक्निक का प्रयोग
हरियाणा में पोलीटेक्निक कालेजों की संख्या 37 है। इनमें 26 सरकारी पालीटेक्निक हैं तो 11 सोसायटी के रूप में चल रहे हैं। इन सभी का खर्च सरकार वहन करती है। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण को सरकार ने आदेश दिया है कि सोसायटी कालेजों को तकनीकी शिक्षा विभाग में मर्ज करने की प्रक्रिया को पूरी करने में किसी तरह की बाधा नहीं आना चाहिए। काफी लोग इसके हक में नहीं हैं, क्योंकि सोसायटी के पालीटेक्निक कालेजों में अधिकारियों व इनके प्रबंधन की मनमानी चलती है।
पिछली हुड्डा सरकार में सोसायटी कालेजों का रास्ता खोला गया था। तब से इन कालेजों में प्रबंधन व अधिकारियों की खूब मनमर्जी चल रही है। यहां तक कि इन कालेजों में होने वाले सरकारी खर्च का आडिट तक नहीं होता। तकनीकी शिक्षा मंत्री के सामने जब पिछले दिनों सोसायटी के स्टाफ की प्रमोशन का एक मामला आया तो मंत्री को इसमें कुछ पेंच लगा।
लिहाजा उन्होंने फाइल को तल्ख टिप्पणी के साथ लौटा दिया। बाद में पता करने पर मालूम चला कि सोसायटी मोड के कालेजों में अफसरशाही और प्रबंधन मिलकर बड़ा खेल कर रहे हैं। तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाने तथा एडवोकेट जनरल की राय की पुष्टि करते हुए कहा कि दो सप्ताह में रिपोर्ट आ जाने के बाद इसके आधार पर कोई फैसला लिया जाएगा।