सत्ता के गलियारे से: सही नहीं है लाकडाउन पर राजनीति, सरकारी टूर पर चार्टर्ड प्लेन, पढ़ें हरियाणा की और भी रोचक खबरें

हरियाणा में एनसीआर में शामिल शहरों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन यहां लॉकडाउन लगे या नहीं इस पर सहमति नहीं बन पा रही। आइए सत्ता के गलियारे कालम के तहत कुछ ऐसी ही खबरों पर नजर डालते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 02:24 PM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 02:24 PM (IST)
सत्ता के गलियारे से: सही नहीं है लाकडाउन पर राजनीति, सरकारी टूर पर चार्टर्ड प्लेन, पढ़ें हरियाणा की और भी रोचक खबरें
लॉकडाउन पर राजनीति सही नहीं। सांकेतिक फोटो

पंचकूला [बिजेंद्र बंसल]। दिल्ली सहित एनसीआर में शामिल बड़े शहरों में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इससे इन शहरों के निजी व सरकारी अस्पताल में अब चिकित्सा सुविधाएं भी कम पड़ रही हैं। कई अस्पतालों में आक्सीजन उपलब्ध नहीं होने के कारण बड़े हादसे भी हो चुके हैं। ऐसे में चारों तरफ से यह मांग उठने लगी है कि एनसीआर के शहरों में भी लाकडाउन लगाया जाए। वैसे लाकडाउन को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच अभी आपसी सहमति नहीं बनी है। इसका मूल कारण है कि जिस विपक्ष ने कोरोना के पहले दौर में लाकडाउन लगाने का विरोध किया था वही अब लाकडाउन की वकालत कर रहा है। अब सत्तापक्ष भी क्या करे। लाकडाउन लगाए या नहीं इसी पर सरकार में बैठे मंत्रियों और अधिकारियों के बची मंथन चलता रहता है। मंथन के दौरान कुछ अधिकारी और मंत्री सोशल मीडिया पर इस बाबत चल रहे कमेंट्स भी पढ़कर सुनाते हैं।

सबका साथ, सबका विकास अब हुआ विश्वास

विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस के विधायक सुरेंद्र पंवार, जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र बबली सहित तीन अन्य विधायकों ने भाजपा के नारे सबका साथ, सबका विकास पर सवाल खड़े किए। विधायकों का कहना है कि भाजपा के नेता एक तरफ तो यह कहते हैं कि सबका साथ, सबका विकास नारे के तहत वे विपक्ष के विधायकों को भी समान सम्मान देते हैं दूसरी तरफ उनके क्षेत्र में हारे हुए भाजपा नेता सरकार की तरफ कराए जा रहे विकास कार्यों का उद्घाटन करते हैं।

संबंधित क्षेत्र के चुने हुए प्रतिनिधियों को बुलाया तक नहीं जाता। भाजपा के नेता विधायकों के इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताकर अपना पल्ला झाड़ते रहें मगर केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने अपनी पार्टी के नारे की सार्थकता को साक्षात प्रमाण प्रस्तुत किया। उन्होंने क्षेत्र में एक सड़क निर्माण कार्य के शुभारंभ मौके पर कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा से ही नारियल तुड़वाया।

सचिवालय से हुई गोपनीयता भंग

मुख्य सचिव विजय वर्धन ने 23 अप्रैल को चंडीगढ़ में अपने कार्यालय में बैठकर गुरुग्राम-फरीदाबाद में बढ़ रहे कोरोना मामलों के उपाय के तौर पर दोनों महानगरों में लाकडाउन लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा। यह प्रस्ताव सरकार के पास पहुंचने से पहले सचिवालय से सीधे सोशल मीडिया पर जा पहुंचा। सोशल मीडिया पर मुख्य सचिव का यह तथ्यात्मक प्रस्ताव वायरल हुआ तो सरकार के कान खड़े हुए।

प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक फिलहाल लाकडाउन की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर चुके हैं। ऐसे में मुख्य सचिव के इस प्रस्ताव ने सरकार की फजीहत करा दी। दिल्ली तक चर्चा यह है कि मुखियाजी से कई बड़े नेताओं ने इस पर अपनी नाराजगी जताई है। सचिवालय की गोपनीयता बरकरार रखने की भी नसीहत दिल्ली दरबार से चंडीगढ़ दी गई है। वैसे बात सही भी है। सरकारी फाइलों की बात बाहर नहीं आनी चाहिए मगर सच्चाई को कैसे छुपाया जाए।

सरकारी टूर पर चार्टर्ड प्लेन

सूबे में गठित पहले नगर निगम फरीदाबाद में इन दिनों 200 करोड़ का बिना काम भुगतान घोटाले की चर्चा हर जुबान पर है। बिना विकास कार्य किए ठेकेदार को भुगतान किए जाने की जांच स्टेट विजिलेंस कर रही है। विजिलेंस अधिकारियों को नोटिस देकर मामले की तह तक जा रही है तो कुछ अनौपचारिक रूप से ऐसे तथ्य भी सामने आ रहे हैं जो चंडीगढ़ से दिल्ली तक नेताओं की भी नींद उड़ा रहे हैं। असल में इस नगर निगम के अधिकारियों का एक दल सिंगापुर की स्वच्छता और जल शोधन संयंत्रों की जानकारी लेने गया था। अब यह बात भी सामने आ रही है कि इन अधिकारियों की आवभगत के लिए बिना काम भुगतान पाने वाला ठेकेदार अपने कुछ मित्रों के साथ चार्टर्ड प्लेन से सिंगापुर पहुंचा था। विजिलेंस के अधिकारियों की रुचि इस बात में है कि कहीं अधिकारियों ने भी तो चार्टर्ड प्लेन में सैर नहीं की।

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