हरियाणा में जजों की नियुक्ति व मुस्लिम कम्युनिटी से जज बनाने की याचिका हाई कोर्ट में खारिज

हरियाणा में जजों के रिक्‍त पदों पर नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दायर इस याचिका में मुस्मिल समुदाय से जजों की नियुक्ति की मांग की गई। इस याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 28 Apr 2021 05:37 PM (IST) Updated:Wed, 28 Apr 2021 05:37 PM (IST)
हरियाणा में जजों की नियुक्ति व मुस्लिम कम्युनिटी से जज बनाने की याचिका हाई कोर्ट में खारिज
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

चंडीगढ, जेएनएन। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जजों के 38 पद रिक्त हैं। जजों की कमी के चलते हाई कोर्ट में छह लाख से ज्यादा केस है विचाराधीन है। इस संबंध में एक गैर सरकारी संगठन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर तुरंत जजों के रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग की है। याचिका में मुस्लिम समुदाय से जज बनाने की भी मांग की गई। हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

याचिका में आरोप- 1956 से लेकर मुस्लिम समुदाय के वकील को नहीं किया गया जज के लिए नामित

याचिका में कहा गया कि 1956 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट गठन से अब तक किसी भी मुस्लिम कम्युनिटी के किसी वकील को जज के लिए नामित नहीं किया गया। याचिका में रिक्त जजों के पदों को भरने व मुस्लिम कम्युनिटी के सदस्यों को जजों के चयन में उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की है। बुधवार को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा पर आधारित बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया।

चंडीगढ़ के गैर सरकारी संगठन ने जनहित याचिका दायर कर बताया था कि पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में जजों के 85 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 38 पद अभी रिक्त है। कोर्ट को बताया गया कि हाई कोर्ट में 6.4 लाख से अधिक मामले पेंडिंग में हैं। जजों की कमी के चलते मामलों की पेंडेंसी जनवरी 2021 तक 645213 तक है, जबकि पेंडेंसी जनवरी, 2020 तक 541520 थी। याचिका में बताया गया कि पेंडेंसी की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।

याचिका में यह भी मांग की गई थी कि जजों की कुछ रिक्तियों को मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय से भरा जाना चाहिए ताकि समुदाय को कुछ प्रतिनिधित्व मिल सके। याचिका के अनुसार मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय से इस कोर्ट में जज की नियुक्ति के लिए भारत के प्रधानमंत्री को एक मांग पत्र भी दिया गया था।

याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम सदस्य को जज भले ही इस कोर्ट से न बनाया जाए चाहे तो देश के किसी भी राज्य से मुस्लिम जज को इस हाई कोर्ट में नियुक्ति दी जा सकती है। याचिका में भारत के कानून और न्याय मंत्रालय, पंजाब व हरियाणा के गृह सचिव और न्याय विभाग के सचिव , चंड़ीगढ़ के गृह सचिव व रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब एवम हरियाणा हाई कोर्ट को प्रतिवादी बनाया गया था।

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