हरियाणा के शहरों में लोगों को सुविधाएं तो चाहिए, लेकिन टैक्स देने से परहेज, संकट में स्थानीय निकाय
हरियाणा में लोगों काे सुविधाएं तो चाहिए लेकिन वे टैक्स देने से परहेज करते हैं। यही कारण है कि राज्य के स्थानीस निकाय गंभीर आर्थिक संकट में फंस गए हैं। हालात यह हैं कि 25 नगर परिषद और पालिकाओं में लोगों ने दस लाख रुपये से भी कम टैक्स चुकाए।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में स्थानीय निकाय जहां आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, वहीं कई लोगों में टैक्स नहीं भरने की प्रवृत्ति उनकी मुश्किलें और बढ़ा रही है। प्रदेश में 25 नगर परिषद और पालिकाएं ऐसी हैं जिनमें चालू वित्त वर्ष में विभिन्न सेवाओं के बदले लोगों ने दस लाख रुपये से भी कम टैक्स चुकाया। वहीं, गुरुग्राम नगर निगम सरकारी खजाने में भागीदारी के मामले में नजीर साबित हो रहा है।
25 नगर परिषद और पालिकाओं में लोगों ने चुकाया दस लाख रुपये से भी कम टैक्स
प्रदेश में शहरी निकाय के खजाने में टैक्स से जो 338 करोड़ रुपये का राजस्व आया, उसमें से अकेले गुरुग्राम ने ही 183 करोड़ रुपये दिए हैं। इसके बाद फरीदाबाद का नंबर है जो 29 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स निगम के खाते में जमा करा रहा है। इसके उलट पानीपत नगर निगम टैक्स वसूली में सबसे पीछे है जहां सिर्फ दो करोड़ 90 लाख रुपये ही सरकारी खजाने में आए। सोनीपत नगर निगम भी औद्योगिक हब है, लेकिन यहां टैक्स की अदायगी उम्मीदों से कम है।
टैक्स देने में नजीर साबित हो रहे गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम
शहरी क्षेत्रों में सीवरेज से लेकर गंदे पानी की निकासी, पेयजल सप्लाई, डेवलपमेंट, प्रापर्टी व भवनों की सुरक्षा का जिम्मा स्थानीय निकायों का है। प्रदेश में 87 नगर निगम, परिषद और पालिकाएं हैं जिनमें 31 लाख 81 हजार 790 प्रापर्टी हैं। इन पर टैक्स के साथ ही शहरी निकायों की कमाई फायर टैक्स, डेवलपमेंट चार्ज, वाटर चार्ज, सीवरेज तथा सफाई चार्ज पर निर्भर करती है ताकि वह अपना खर्चा चला सकें।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक अशोक कुमार मीणा कहते हैं कि उन पालिकाओं पर फोकस किया जा रहा है, जहां पर टैक्स की अदायगी कम है। इन पालिकाओं में प्रापर्टी टैक्स से लेकर अन्य टैक्सों की रिकवरी के लिए अभियान छेड़ा गया है। इसके तहत लोगों को टैक्स अदायगी के लिए समय-समय पर छूट देने के अलावा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद में सबसे बेहतरीन रिकवरी है।
इन पालिकाओं से मिला सबसे कम टैक्स
पालिका टैक्स मिला (रुपये)
अटेली मंडी- 0.03 लाख
पुन्हाना- 0.18 लाख
इस्माईलाबाद- 0.37 लाख
नांगल चौधरी- 1.05 लाख
हथीन- 1.14 लाख
भवानी खेड़ा- 1.51 लाख
फिरोजपुर झिंरका - 1.62 लाख
बावल- 2.38 लाख
कुंडली- 3.11 लाख
नूंह- 3.33 लाख
हेली मंडी- 3.45 लाख
बेरी- 4.24 लाख
पिहोवा- 4.49 लाख
सिवानी मंडी- 5.31 लाख
जुलाना- 6.15 लाख
उकलाना- 6.25 लाख
गन्नौर- 7.70 लाख
तरावड़ी- 8.69 लाख
कलानौर- 8.90 लाख
पटौदी- 8.30 लाख
बरवाला- 9.15 लाख
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नगर निगमों में टैक्स देने में पानीपत फिसड्डी
नगर निगम टैक्स मिला (रुपये में)
गुरुग्राम- 182.75 करोड़
फरीदाबाद- 29.47 करोड़
हिसार- 11.86 करोड़
रोहतक - 11.54 करोड़
करनाल- 11.53 करोड़
यमुनानगर- 10.28 करोड़
पंचकूला- 8.86 करोड़
सोनीपत- 8.69 करोड़
अंबाला शहर- 4.79 करोड़
पानीपत- 2.90 करोड़
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शहरी निकायों को किस मद में मिला कितना टैक्स
टैक्स श्रेणी राशि (रुपये में)
डेवलपमेंट चार्ज- 44.65 करोड़
प्रापर्टी टैक्स- 5.57 करोड़
फायर टैक्स- 36.24 लाख
वाटर टैक्स- 21.91 लाख
सीवरेज चार्ज- 66.93 लाख