ऑक्सीजन की कमी से नहीं टूटेगी जिंदगी की डोर, हरियाणा सरकार ने तैयार किया आपूर्ति का फार्मूला

हरियाणा में अब ऑक्‍सीजन की कमी की वजह से किसी मरीज की जान नहीं जाएगी। राज्‍य के सरकारी और निजी अस्‍पतालों में अब ऑक्‍सीजन की प्रर्याप्‍त व्‍यवस्‍था कर दी गई है। सरकार ने ऑक्‍सीजन की आपूर्ति व आवंटन का फार्मूला तैयार कर लिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 06:36 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 07:35 AM (IST)
ऑक्सीजन की कमी से नहीं टूटेगी जिंदगी की डोर, हरियाणा सरकार ने तैयार किया आपूर्ति का फार्मूला
हरियाणा के अस्‍पतालों में अब ऑक्‍सीजन की कमी नहीं होगी। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से किसी कोरोना संक्रमित मरीज की जान नहीं जाएगी। प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को समय से भांपते हुए इतना इंतजाम कर लिया है कि किसी व्यक्ति के जीवन की डोर बीच राह में न टूट सके। प्रदेश में राउरकेला, जमशेदपुर, पानीपत, हिसार और रुड़की से हर रोज 232 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई का बंदोबस्त हो गया है। निजी अस्पतालों को भी अपने यहां ऑक्सीजन बनाने की क्षमता में बढ़ोतरी के लिए अभी से गंभीर प्रयास करने को कहे गए हैं।

हरियाणा सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और आवंटन का फार्मूला किया तैयार

राज्य के अस्पतालों में ऑक्‍सीजन की भारी कमी का दावा किया जा रहा है। इसे लेकर हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं भी दायर हुई हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दलील है कि किसी भी तूफान से पहले बरसात की उम्मीद की जा सकती थी, लेकिन कोरोना की सुनामी आ गई। फिर भी सरकार इससे निपटने के हर संभव पुख्ता बंदोबस्त कर रही है।

राज्य सरकार ने होम आइसोलेट लोगों को भी ऑक्सीजन की सप्लाई का ब्लूप्रिंट तैयार किया है। हर जिले में उपलब्ध ऑक्सीजन को चार हिस्सों में बांटकर तीन हिस्से अस्पतालों में और एक हिस्सा होम आइसोलेट लोगों तक पहुंचाने की कार्य योजना तैयार की गई है।

तीन हिस्से ऑक्सीजन अस्पतालों में और एक हिस्सा होम आइसोलेट मरीजों के लिए

हरियाणा सचिवालय चंडीगढ़ में ऑक्सीजन की सप्लाई की निगरानी के लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बना दिया गया है। प्रदेश का ऑक्सीजन का कोटा 156 मीट्रिक टन से बढ़ाकर पहले 162 मीट्रिक टन किया गया। अब इसे फिर से बढ़ाकर 232 मीट्रिक टन किया जा चुका है। सरकार के सामने संकट ज्यादा नजर आया तो इस कोटे को 257 मीट्रक टन तक बढ़वाने में सफलता हासिल की जा चुकी है।

राउरकेला, जमशेदपुर, पानीपत, हिसार और रूड़की से हर रोज राज्य को 232 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन की सप्लाई हो रही है। रूड़की से चार ट्रकों के माध्यम से अब तक 35 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। राउरकेला, उड़ीसा हवाई मार्ग से 10 बार में कुल 20 टैंकर भेजे गए थे, जिनमें 260 मीट्रिक टन ऑक्सीजन टैंक के माध्यम से फरीदाबाद पहुंच गई है।

इसके अतिरिक्त जमशेदपुर से भी लगातार सड़क यातायात के माध्यम से ऑक्‍सीजन की आपूर्ति की जा रही है। किसी भी दूरी वाले स्थान से एक टैंकर को पहुंचने में कम से कम साढ़े तीन दिन का समय लग जाता है। इसलिए इसकी धीमी सप्लाई ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। लोगों को ऑक्सीजन की कमी के डर से बाहर निकालने के लिए सरकार ने ऑक्सीजन के बाहरी परचेज (खरीद) की अनुमति हासिल कर ली है, जो प्रतिदिन कम से कम 20 मीट्रिक टन है।

यह ऑक्सीजन जमशेदपुर झारखंड से आ रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह हलके करनाल में लोगों को राहत देने के लिए आक्सीजन मोबाइल बैंक की सुविधा शुरू की गई है। बाकी जिलों में भी ऐसे ऑक्सीजन मोबाइल बैंक चलाने की योजना पर सरकार काम कर रही है।

 ऑक्सीजन की कमी दूर करने को यह भी हो रहे बंदोबस्त-

1. इंडस्ट्रीयल प्लांट्स को ऑक्सीजन गैस अस्पतालों में उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश दिए गए, जिसके परिणामस्वरूप 13 जिलों में स्थित 22 प्लांट से लिक्विड गैस को सिलेंडरों में भरकर सप्लाई शुरू की जा चुकी है।

 2. ऑक्सीजन बनाने के लिए पीएसए तकनीक आधारित छह प्लांट फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, अंबाला, पंचकूला और हिसार में बनकर तैयार हैं। इनमें से सोनीपत, फरीदाबाद, हिसार, अंबाला व करनाल के प्लांट से ट्रायल उत्पादन शुरू हो गया है। अगले दो दिनों के भीतर पंचकूला प्लांट से भी उत्पादन शुरू होने की संभावना है।

3. प्रदेश को बोकारो से 50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन हरियाणा को अतिरिक्त मिलेगी।

4. प्रदेश के मेडिकल कालेजों में 1250 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था अलग से की जा रही है।

 5. जल्द ही रोहतक पीजीआइ में एक हजार और फरीदाबाद में 200 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराए जाएंगे।

6. हिसार में 500 बेड तथा पानीपत रिफाइनरी में भी 500 बेड के अस्पताल 12 मई से काम करना आरंभ कर देंगे। इनके निर्माण की आखिरी समय सीमा 10 मई रखी गई है।

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