Air Pollution: हरियाणा में सबसे प्रदूषित शहर पानीपत, जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल, फरीदाबाद में भी बुरा हाल

हरियाणा में प्रदूषण के कारण बुरा हाल है। राज्‍य में पानीपत सबसे प्रदूषित शहर है। यहां प्रदूषण के कारण लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है। फरीदाबाद और बल्‍लभगढ़ में भी प्रदूषण के कारण बुरा हाल है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 12:24 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 09:23 PM (IST)
Air Pollution: हरियाणा में सबसे प्रदूषित शहर पानीपत, जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल, फरीदाबाद में भी बुरा हाल
हरियाणा में वायु प्रदूषण के कारण लोगों का बुरा हाल हो गया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। त्योहारी मौसम में हरियाणा के शहरों में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में वायु प्रदूषण बढ़ने पर चिकित्सक चिंता जता रहे हैं जबकि शासन-प्रशासन की तरफ से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) बढ़ने के पीछे निर्माण कार्य बताए जा रहे हैं। पिछले 24 घंटों में पानीपत का एक्यूआइ 340 से कम होकर 333 पर आया है तो फरीदाबाद का 306 से 318 पर पहुंचा है।

त्योहारी मौसम में हरियाणा के शहरों में लगातार बढ़ रहा है प्रदूषण

इसके अलावा फतेहाबाद का भी पिछले 24 घंटों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 306 पर पहुंच गया। बल्लभगढ़, करनाल, बहादुरगढ़, धारूहेड़ा में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। चिकित्सक सुझाव दे रहे हैं कि वायु प्रदूषण बढ़ने से स्वस्थ व्यक्ति की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसलिए सभी लोग प्रदूषण से बचाव करें।

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प्रदूषण की दृष्टि से पानीपत लगातार दूसरे दिन टाप पर रहा

शहर    -     एक्यूआइ

पानीपत-      333

फरीदाबाद-   318

फतेहाबाद-   306

बल्लभगढ़-  299

बहादुरगढ़-  297

धारूहेड़ा-   296

करनाल-  294

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एनसीआर में ग्रेटर नोएडा सबसे अधिक प्रदूषित

 शहर -              एक्यूआइ

ग्रेटर नोएडा-        339

गाजियाबाद-       332

नोएडा-              323

दिल्ली-             307

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(केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर गुरुवार सायं 6 बजे अपडेट हुए वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) के आंकड़े)

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'' मार्च व अप्रैल के माह में जब फसल कटाई होती है और अब अक्टूबर से लेकर जनवरी, फरवरी माह तक अस्थमा या किसी भी अन्य श्वांस रोगी के लिए वायु प्रदूषण बढ़ने से कठिनाई बढ़ जाती है। कोरोना संक्रमण की वजह से भी फेफड़ों में आक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए बढ़ते वायु प्रदूषण से छोटे बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाकर रखना चाहिए।

                                                                                                                   -  डाक्टर अनिल शर्मा।

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