सत्ता के गलियारे से: खट्टे बोल से बुरे फंसे कांग्रेस के पंडित जी, पढ़ें हरियाणा की सियासत की चटपटी खबरें

हरियाणा की राजनीति में सामान्‍य घटनाक्रम के बीच कई रोचक प्रसंग होते हैं। ये प्रसंग राज्‍य और विभिन्‍न क्षेत्रों में चर्चा के केंद्र बन जाते हैं। पेश हैं सत्‍ता के गलियारे से हरियाणा की राजनी‍ति की कुछ चटपटी खबरें।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 01:23 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 01:23 PM (IST)
सत्ता के गलियारे से: खट्टे बोल से बुरे फंसे कांग्रेस के पंडित जी, पढ़ें हरियाणा की सियासत की चटपटी खबरें
बरोदा उपचुनाव की एक सभा में कांग्रेस नेता व पूर्व हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा।

नई दिल्‍ली, [बिजेंद्र बंसल]। हर नेता मीठा मीठा बोलता है, चुनाव में तो विशेष सतर्कता बरतता है, जिससे मतदाता रीझें। एक हरियाणावी गाना बहुत फेमस है-बोल तेरे मीठे, बात तेरी सांची लागे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मित्र और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप शर्मा भी इसके अपवाद नहीं हैं। लेकिन, कई बार उनके बोल खट्टे हो जाते हैं और मतदाताओं को पंडित जी की बात कड़वी लगने लगती है।

वह बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारक की भूमिका में हैं। इस दौरान उन्होंने कृषि मंत्री जेपी दलाल के गोत्र को लेकर ऐसा भाषण दिया कि पूरी दलाल खाप पंडित जी से नाराज हो गई। इस मामले में बुरी तरह निशाने पर आने के बाद पंडित जी ने माफी मांगी । इसके लिए एक वीडियो क्लिप भी जारी हुई, जिसमें वह कह रहे हैं कि अनजाने में गलत शब्दों का इस्तेमाल कर गए हैैं। अब पंडित जी कौन बताए, कमान से निकले तीर और जुबान से निकले शब्द वापस नहीं लिए जा सकते।

मंत्री जिसका भाई, उसी की नहीं बिकी मिठाई

सूने बाजार में नवरात्र में व्यापार कुछ कुछ पटरी पर आ चुका है। लेकिन, इस त्योहारी सीजन में व्यापारी दुकान खोले और एक भी ग्राहक न आए तो उसका क्षुब्ध होना स्वाभाविक है। प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के बड़े भाई जी के साथ ऐसा ही हुआ। रामनवमी के दिन ही अवैध झुग्गी-बस्ती के तोडऩे के विरोध में आम आदमी पार्टी ने मंत्री के घर का घेराव कर दिया। कुछ अप्रिय न हो, इससे बचने के लिए पुलिस ने फरीदाबाद के सेक्टर-सात व दस की मार्केट को चारों तरफ से घेर ऐसी सुरक्षा व्यवस्था की कि परिंदा भी पर न मार सके।

इससे मार्केट में मंत्री जी के बड़े भाई की मिठाई की दुकान पर रामनवमी के त्योहार के दिन भी कोई ग्राहक नहीं आया। चूंकि बहुत सी मिठाई एक दिन बाद खराब हो जाती हैं, सो फेंकनी पड़ी। मंत्री जी के भाई का काफी नुकसान हो गया।

बढ़ते गए चौकीदार, पतला होता गया दूध

सुशासन का वायदा कर छह साल पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूबे के शासन की बागडोर संभाली थी। कई विभागों में मुख्यमंत्री की टीम ने भ्रष्टाचार मिटाने और पारदर्शीता लाने के क्रम में सफलता पाई मगर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) दफ्तरों में किए लाख जतन (प्रयास) निरर्थक साबित हुए। आरटीए सचिव की जिम्मेदारी जिला के अतिरिक्त उपायुक्तों को भी देकर देखी मगर हर बार दूध पतला होता गया।

मुख्यमंत्री उनके सुशासन सहयोगियों ने यह समझाया भी था कि दूधिये के दूध की चौकीदारी के लिए ज्यादा चौकीदार रखने से दूध पहले से ज्यादा पतला ही मिलता है। इसलिए चौकीदारी नहीं भय दिखाओ। खैर, ज्यादा और बड़े चौकीदार रखने से क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण में इतना भ्रष्टाचार व्याप्त हो जाएगा, यह उनकी उम्मीद से परे था। अब उन्होंने कई विभागों से ईमानदार अधिकारियों को एकत्र कर इस विभाग की जिम्मेदारी दी है, देखते हैं कि अब दूध पतला होता है या नहीं।

आपने ऐसा क्यों किया

सूचना के अधिकार के तहत सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार के कई सनसनीखेज मामले उजागर करने वाले समाजसेवी हेमंत अग्रवाल इन दिनों काफी व्यथित हैं। हेमंत की व्यथा यह है कि उन्हेंं अब तक यह समझ नहीं आया कि पूर्व विधायक परमिंद्र सिंह ढुल ने भाजपा से त्यागपत्र दिया तो उनके पुत्र ने सरकारी वकील के पद से इस्तीफा क्यों दिया। ढुल के राजनीतिक कदम से उनके पुत्र का क्या लेना-देना।

असल में हेमंत को यह भी विश्वास है कि मौजूदा सरकार में किसी सिफारिश पर सरकारी नौकरी मिलती नहीं, फिर ढुल के पुत्र ने इस्तीफा क्यों दिया। हालांकि एक ज्ञानी व्यक्ति ने हेमंत अग्रवाल को बताया है कि ढुल के पुत्र सरकार के रहमोकरम पर निर्भर नहीं रहना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अपने स्वाभिमान को बरकरार रखते हुए यह त्यागपत्र दिया होगा। न जाने क्यों हेमंत अग्रवाल के गले से ज्ञानी पुरुष का यह ज्ञान भी नहीं उतर रहा है।

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