गुरमीत राम रहीम की मुश्‍किल बढ़ी, रंजीत सिंह हत्‍याकांड में पंचकूला कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, 26 को सुनाएगी

Ranjit Singh Murder Case पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत ने रणजीत सिंह हत्‍याकांड में अपना फैसला आज सुरक्षित रख लिया। इस मामले में डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम मुख्‍य आरोपित है। अदालत अब 26 अगस्‍त को फैसला सुना सकती है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 18 Aug 2021 12:44 PM (IST) Updated:Wed, 18 Aug 2021 11:51 PM (IST)
गुरमीत राम रहीम की मुश्‍किल बढ़ी, रंजीत सिंह हत्‍याकांड में पंचकूला कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, 26 को सुनाएगी
गुरमीत राम रहीम पर रणजीत सिंह हत्‍याकांड में पंचकूला की अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। (फाइल फोटो)

पंचकूला, जागरण संवाददाता। रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ गई हैं और एक अन्‍य मामले में उस पर शिकंजा कस गया है। रंजीत सिंह हत्‍याकांड में पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत अब इस मामले में 26 अगस्‍त को फैसला सुना सकती है। इस मामले में गुरमीत राम रहीम मुख्‍य आरो‍पित है।  

बता दें कि गुरमीत राम रहीेम अभी साध्‍वी दुष्‍कर्म मामले और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्‍या मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। पंचकूला की अदालत में आज रंजीत सिंह मर्डर केस में सुनवाई पूरी हो गई। इसके साथ ही गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें सकती हैं।

19 साल और 263 सुनवाइयों के बाद आखिरकार डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधक रंजीत सिंह हत्या मामले में फैसला आएगा। पंचकूला स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत के जज डा. सुशील कुमार गर्ग 26 अगस्त को मामले में फैसला सुनाएंगे।

कोर्ट ने बुधवार सुबह पहले इसके लिए 24 अगस्त की तारीख तय की थी। साथ ही रोहतक स्थित सुनारिया जेल प्रशासन को गुरमीत सिंह और कृष्ण लाल को 24 अगस्त को हाई सिक्योरिटी में कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। लेकिन, दोपहर बाद पंचकूला के डिस्टि्क्ट अटार्नी पंकज गर्ग कोर्ट में पेश हुए और 20 से 25 अगस्त तक हरियाणा विधानसभा सत्र होने का हवाला देते हुए फैसले की तारीख बदलने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि सत्र के दौरान पुलिस फोर्स एवं मशीनरी विधानसभा में लगी होगी। इसलिए फैसला 25 अगस्त के बाद सुनाया जाए।

इसके साथ ही डिस्ट्रिक्ट अटार्नी ने गुरमीत सिंह को कोर्ट में पेश न करने की अपील की। उसके कोर्ट में आने से शहर में ला एंड आर्डर बिगड़ने की दलील दी गई। पिछले केस में हुए बवाल और दंगे का भी हवाला दिया। इस पर सीबीआइ जज डा. गर्ग ने मामले में फैसले के लिए 26 अगस्त की तारीख तय कर दी। साथ ही उस दिन डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने के आदेश दिए। हालांकि अन्य सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।

बता दें कि इस मामले में गुरमीत राम रहीम के साथ-साथ कृष्ण लाल, जसवीर, सबदिल और अवतार भी आरोपी हैं। सीबीआइ कोर्ट में मुख्य आरोपित गुरमीत राम रहीम और कृष्णलाल वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। आरोपित अवतार, जसवीर और सबदिल सीबीआइ कोर्ट में हाजिर हुए। एक आरोपित इंदर सेन की आठ अक्टूबर 2020 को मृत्यु हो चुकी है। डेरा मुखी गुरमीत सिंह को साध्वी यौन शोषण में 20 साल और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति हत्या केस में उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। वर्तमान में वह रोहतक स्थित सुनारिया जेल में सजा काट रहा है।

आज की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने सीबीआइ कोर्ट में फाइनल बहस के सभी दस्तावेज जमा किए। डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह हत्याकांड में सीबीआइ द्वारा बचाव पक्ष द्वारा दी गई दलीलों पर अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा गया। सीबीआइ के वकील एचपीएस वर्मा ने अदालत से कहा कि वह जवाब देने के लिए कुछ समय चाहते हैं। लेकिन, अदालत ने समय देने से इन्‍कार करते हुए मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया और अगली  तिथि 24 अगस्त तय कर दी।  

बता दें कि 10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रंजीत सिंह की हत्‍या हुई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रंजीत ने ही साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से लिखवाई थी। मामले में पुलिस ने गुरमीत राम रहीम और डेरा को क्‍लीनचिट दे दी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले सीबीआइ जांच की मांग की थी।

आरोप है कि रंजीत सिंह हत्या मामले में डेरा सच्चा सौदा के पांच सदस्य अवतार, इंदर सैनी, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के कहने पर रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रची थी।

मामले में तीन गवाह महत्वपूर्ण थे। इनमें दो चश्मदीद सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह हैं। उनका कहना था कि उन्‍होंने आरोपितों को रंजीत सिंह पर गोली चलाते हुए देखा था। तीसरा गवाह गुरमीत का ड्राइवर खट्टा सिंह था, जिसके सामने रंजीत को मारने की साजिश की बात कही गई थी। सीबीआइ के अनुसार 10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा में मैनेजर रहे रणजीत सिंह की हत्या की गई।

बताया जाता है कि यौेन शोषण मामले का खुलासा एक साध्वी के गुमनाम खत के आने के बाद हुआ था। इस गुमनाम खत के सामने आने के कुछ समय पहले रंजीत सिंह अपनी बहन के डेरा छोडक़र अपने क्षेत्र चला गया था। डेरा प्रमुख गुरमीत को शक था कि उक्त खत के पीछे रंजीत सिंह ही है। इसलिए पहले उसे समझाने का प्रयास किया गया। बाद में गुरमीत के कहने पर रंजीत सिंह की हत्या कर दी गई।

गुरमीत राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह ने अपने बयान में कहा था कि गुरमीत राम रहीम ने उसके सामने ही रंजीत को मारने के लिए बोला था। हालांकि बाद में खट्टा सिंह अदालत के सामने बयान से मुकर गया था। अब खट्टा सिंह फिर से कोर्ट में पेश हो गया था। उसने बताया था कि पहले बह डर के कारण मुकर गया था, लेकिन अब दोबारा गवाही देना चाहता है।

बता दें कि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति की याचिका का संज्ञान लेते हुए 10 नवंबर, 2003 को हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस और रंजीत सिंह मर्डर केस को एक मामला बनाकर जांच शुरू की। लेकिन, बाद में गुरमीत राम रहीम मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले लिया। यह स्‍टे नवंबर 2004 में हट गया।

स्टे हटा तो डेरा सच्चा सौदा समर्थकाें ने 2005 में सीबीआइ के खिलाफ चंडीगढ़ में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन , सीबीआइ जांच में डटी रही और 31 जुलाई 2007 को साध्वी दुष्‍कर्म मामले, रंजीत सिंह हत्‍याकांड और रामचंद्र छत्रपति  हत्‍या मामले में सीबीआई कोर्ट में चालान पेश किए। अब राम रहीम साध्वी गुरमीत राम रहीम को साध्‍वी यौन शोषण मामले और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या केस में सजा सुनाई जा चुकी है और वह रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है।

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