Paddy Procurement: पुरानी पालिसी से हो धान की खरीद, व्यापार मंडल ने उठाई हरियाणा सरकार से मांग

Paddy Procurement अखिल भारतीय व्यापार मंडल ने सरकार से आग्रह किया है कि धान की खरीद राइस मिलर व किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए पुरानी पालिसी के हिसाब से ही करनी चाहिए। इसके अलावा 15 सितंबर से शुरू की जाए।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 07:30 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 07:38 PM (IST)
Paddy Procurement: पुरानी पालिसी से हो धान की खरीद, व्यापार मंडल ने उठाई हरियाणा सरकार से मांग
व्यापार मंडल ने उठाई धान खरीद में पुरानी पालिसी की मांग। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अखिल भारतीय व्यापार मंडल के मुख्य महासचिव व प्रदेश अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया है कि धान मंडियों में आना शुरू हो गया है। इसलिए सरकार धान की सरकारी खरीद 25 सितंबर की बजाय 15 सितंबर से आरंभ करे। सरकारी खरीद के अभाव में किसानों को अपना धान 1960 रुपये के बजाय 1650 रुपये क्विंटल में बेचना पड़ रहा है। सरकार को राइस मिलर व किसानों के हित में अनेक साल से चली आ रही पुरानी पालिसी के हिसाब से ही धान की खरीद व सीएमआर चावल की डिलीवरी का काम करना चाहिए।

बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार ने मिलर व किसानों को तंग करने के लिए धान खरीद व सीएमआर का चावल लेने के लिए नियमों में काफी नाजायज बदलाव किए हैं। धान में 17 प्रतिशत नमी में छूट को कम कर 16 प्रतिशत कर दिया गया, जो कि किसानों के साथ ज्यादती है। ब्रोकन की मात्रा 25 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दी गई है। डैमेज की मात्रा तीन प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दी गई है, डिस्कलर को भी तीन प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है। मिलर जो चावल एफसीआइ में जमा करता है, उसकी नमी की मात्रा जो पहले 14 से 15 प्रतिशत होती थी, उसे घटाकर 13 से 14 प्रतिशत कर दिया गया है। यह किसान व राइस मिलरों को बर्बाद करने का फैसला है।

व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव ने कहा कि सरकार बार-बार नए फरमान जारी कर किसान, आढ़ती व राइस मिलरों को नुकसान करने पर तुली हुई है। सरकार ने न तो राइस मिलरों की मिलिंग के रेट बढ़ाए और न ही चावल की रिकवरी की मात्रा कम की है। केंद्र सरकार द्वारा धान की नमी की मात्रा कम करने व सीएमआर की डिलीवरी से भारी भरकम बदलाव करने से राइस मिलर सरकार की शर्तों पर काम करने की स्थिति में नहीं हैं। अगर सरकार ने पिछले साल की शर्तों पर नई अधिसूचना जारी नहीं की तो हरियाणा में जो 1350 राइस मिलें है वह सरकार की नई शर्तों पर काम नहीं करेगी।

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