पलवल में गड्ढे में गिरने से दो बच्चों की मौत के मामले में मानवाधिकार आयोग सख्त, मुआवजा देने के आदेश

हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने पलवल के गांव गुडावली में मार्च 2018 में अवैध खनन के कारण हुए गड्ढे में गिरने से हुई दो बच्चों की मौत के मामले में सख्ती दिखाई है। सरकार को मुआवजा देने के आदेश दिए गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 07:31 PM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 07:31 PM (IST)
पलवल में गड्ढे में गिरने से दो बच्चों की मौत के मामले में मानवाधिकार आयोग सख्त, मुआवजा देने के आदेश
हरियाणा मानवाधिकार आयोग का लोगो । सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने पलवल के गांव गुडावली में अवैध खनन के चलते बने गड्ढे में पानी भरने से उसमें दो बच्चों की मौत पर सरकार को प्रत्येक बच्चे के परिजन को एक लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है। आयोग के चेयरमैन सेवानिवृत जस्टिस एस के मित्तल तथा सदस्य दीप भाटिया की खंडपीठ ने यह आदेश जारी किया है। 

22 मार्च 2018 को नौ-दस साल के दो बच्चे वसीम व वाहिद की डूबकर मौत हो गई थी। पीड़ित परिवारों को न्याय व मुआवजा दिलाने के लिए आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर पाया कि यह सरकारी अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है। आयोग ने इस विषय पर खनन विभाग तथा पलवल पुलिस द्वारा इस मामले की रिपोर्ट मांगी थी।

मामले में उपायुक्त पलवल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उक्त खनन की लीज 2005 में किसी व्यक्ति को दी गई थी जो कि 2008 में समाप्त हो गई थी। इसके बाद उक्त खान जिसमें पानी भरा हुआ था वह खनन विभाग के अधीन थी। जिस पर कंटीली तारें और रुकावट लगाकर लोगों के आने-जाने के लिए अवरुद्ध किया गया था।  विभाग द्वारा एक चौकीदार भी वहां पर नियुक्त किया गया था, लेकिन  ग्रामीण अपने पशुओं को पानी पिलाने के लिए तथा कपड़े धोने के लिए उक्त तालाब/झील पर जाते थे और उन्होंने कंटीली तारें तथा रुकावट को हटा दिया था। इस वजह से मार्च 2018 में दो छोटे बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी। 

उपायुक्त पलवल ने अपनी रिपोर्ट में इस मामले में किसी को भी दोषी नहीं माना था । आयोग ने माना कि ऐसे में यदि वहां ग्रामीणों द्वारा अपनी रोजमर्रा की जरूरत के लिए आना जाना लगा हुआ था तो यह फरीदाबाद खनन विभाग की लापरवाही थी जिसकी वजह से बच्चों की जान चली गई। आयोग ने खनन विभाग की जिम्मेदार हरियाणा सरकार को आदेश दिया कि बच्चों के अभिभावकों को एक-एक लाख मुआवजा दे। आयाेग ने इस आदेश की कापी राज्य के मुख्य सचिव को भेजने का आदेश देते हुए तीन महीने के भीतर इस आदेश की पालना सुनिश्चित करने को कहा।

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