ओपी चौटाला का कार्यकर्ताओं को मंत्र, चंडीगढ़ नापना छोड़ो, विपक्षी दलों के पांच लोगों को जोड़ो
चंडीगढ़ में ओपी चौटाला ने सियासी सफर में बिछुड़े लोगों को पार्टी के साथ फिर जोड़ने का हौसला दिया। उन्होंंने कार्यकर्ताओं को कहा कि वह गांव-शहरों की गली-गली में जाएं और अपने स्तर पर विपक्षी दलों के कम से कम पांच लोगों को इनेलो में शामिल कराएं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा पूरी होने के बाद फील्ड में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला सियासी सफर में बिछुड़े लोगों को फिर एक साथ लाने में जुट गए हैं। चंडीगढ़ में अपने निवास पर पहुंचे समर्थकों को प्रेरित करते हुए इनेलो सुप्रीमो ने कहा कि सिर्फ चंडीगढ़ नापने से कुछ नहीं होगा। हर कार्यकर्ता और पदाधिकारी गांव-शहरों की गली-गली में जाएं और अपने स्तर पर विपक्षी दलों के कम से कम पांच लोगों को इनेलो में शामिल कराएं।
चंडीगढ़ में पत्रकारों से रू-ब-रू होने से पहले चौटाला ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों से पहुंचे समर्थकों से मुलाकात कर उनका मन टटोला। बातों ही बातों में उनसे पूछा कि प्रेस कांफ्रेंस में क्या-क्या मुद्दे उठाए जाने चाहिए। इस पर किसी ने भ्रष्टाचार तो किसी ने बेरोजगारी और अन्य मुद्दों को तरजीह दी। चौटाला ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा तो किसानों का है। तीन नए कृषि कानूनों को लाकर सरकार ने किसानों पर बड़ी मार की है।
चौटाला बोले कि मंडियां फसलों से अटी हैं, लेकिन कोई खरीदार नहीं हैं। खाद-बीज, डीजल, कीटनाशक दवाओं से लेकर कृषि से जुड़ी हर आवश्यक वस्तु के दाम बेतहाशा बढ़े हैं। नहीं बढ़े तो सिर्फ फसलों के दाम। यहां तक कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नसीब नहीं हो रहा और न समय पर भुगतान हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ किसानों का आंदोलन नहीं है, बल्कि 36 बिरादरी के साथ ही तमाम वर्ग के लोग इससे जुड़े हैं।
किसी को अच्छे काम भी अच्छे नहीं लगते
जींद के खटकड़ा टोल पर हुए घटनाक्रम के मामले में चौटाला ने कहा कि मैं किसानों को आंदोलन शांतिपूर्वक और अच्छी तरह से चलाने पर बधाई देने गया था। सबकी अपनी अपनी सोच है, किसी को अच्छे काम भी अच्छे नहीं लगते। बता दें कि यहां सतबीर पहलवान नाम के एक आदमी ने चौटाला के साथ दुर्व्यहार किया था, जिसके बाद उसने चौटाला पर डोगा (छड़ी) मारने का आरोप लगाया, लेकिन अगले दिन ही वह अपनी बात से मुकर गया था।
ऐलानाबाद में हार के डर से नहीं कराए जा रहे उपचुनाव
चौटाला ने कहा कि नियमानुसार कोई भी लोकसभा या विधानसभा सीट रिक्त होने पर छह महीने के अंदर उपचुनाव कराना जरूरी है। चूंकि ऐलनाबाद पुश्तैनी रूप से इनेलो की सीट रही है और यहां हमारी जीत पक्की है, इसलिए सरकार जानबूझकर उपचुनाव को लटका रही है।
दुष्यंत ने जिस गौतम को माना दादा, वह छोड़ गया साथ
इनेलो सुप्रीमो ने अपने पौत्र और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस रामकुमार गौतम को उसने दादा माना था, वह भी साथ छोड़ गया। आज जजपा में गए लोग तंग आकर वापस इनेलो में आ रहे हैं। भाजपा का भी यही हाल है। गठबंधन सरकार केवल विधायकों को साधे रखने के लिए जनहित की बलि दे रही है।
हम खजाने में छोड़कर गए दो हजार करोड़
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वर्ष 2005 में सत्ता परिवर्तन के दौरान हम सरकारी खजाने में दो हजार करोड़ रुपये छोड़कर गए थे। इसके उलट आज प्रदेश पर ढाई लाख करोड़ का कर्ज है। गलत नीतियों का परिणाम है कि कर्मचारियों को तनख्वाह देने तक के लिए सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है।