कैबिनेट में फेरबदल की संभावनाएं खत्म, विधायकों की निगाह अब चेयरमैन पद पर

हरियाणा की मनोहरलाल मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावनाएं खत्‍म हाेने के बाद भाजपा विधायकों की निगाह बोर्ड और निगमों के चेयरमैन पद पर लग गई हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 21 Jul 2018 10:35 AM (IST) Updated:Sat, 21 Jul 2018 08:56 PM (IST)
कैबिनेट में फेरबदल की संभावनाएं खत्म, विधायकों की निगाह अब चेयरमैन पद पर
कैबिनेट में फेरबदल की संभावनाएं खत्म, विधायकों की निगाह अब चेयरमैन पद पर

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के मनोहरला मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावनाएं खत्म हो गई हैं। ऐसे में अब विधायकों की निगाह बोर्ड व निगमों के चेयरमैन पद पर टिक गई है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने की अटकलों के बीच राज्य सरकार मंत्रियों के विभागों में फेरबदल नहीं करने जा रही है। ऐसे संकेत खुद भाजपा की केंद्रीय नेतृत्‍व ने दिए हैैं। चुनाव में विधायकों का भरपूर इस्तेमाल करने की मंशा से प्रदेश सरकार कुछ विधायकों को चेयरमैनी का तोहफा दे सकती है।

हिसार के विधायक डाॅ. कमल गुप्ता को सरकार ने हाल ही में सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो का चेयरमैन बनाया है। मुख्य संसदीय सचिव रह चुके कमल गुप्ता को सरकार ने चेयरमैन बनाने के आदेश तब जारी किए, जब वह जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी राज्य मंत्री बनवारी लाल के साथ विदेश दौरे पर गए हुए थे। वहां से लौटने के बाद ही कमल गुप्ता ने चेयरमैन का कार्यभार संभाला।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला हालांकि इस बात से इन्कार कर चुके हैं कि पार्टी ने राज्य में कोई सर्वे नहीं कराया है, लेकिन माना जा रहा कि बड़ी चुनौती के कारण इस बार कई मौजूदा विधायकों के टिकट कट सकते हैैं। पार्टी उन्हीं विधायकों को दोबारा टिकट देने का रिस्क लेगी, जिनके जीतने की पूरी संभावना होगी। जिन विधायकों के टिकट कटने हैैं, उन्हें इस बात का पूरा आभास है। लिहाजा उन्होंने अभी से दिल्ली  और चंडीगढ़ में अपनी लॉबिंग शुरू कर दी है।

विधायकों को उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल बदलाव में उनका नंबर पड़ सकता है, लेकिन भाजपा की केंद्रीय नेतृत्‍व जिस ढंग से ताबड़तोड़ बैठकें ले रही, उसे देखकर नहीं लगता कि पार्टी कोई रिस्क लेने के मूड में है। लिहाजा पार्टी ने कुछ विधायकों को चेयरमैन के बद पर एडजस्ट करने की रणनीति तैयार की है। विधायकों के साथ-साथ कुछ प्रमुख कार्यकर्ताओं को भी चेयरमैन बनाया जा सकता है।

उत्तर हरियाणा ने भाजपा को सबसे ज्यादा विधायक दिए हैैं, जबकि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर के प्रभाव वाले दक्षिण हरियाणा में भाजपा को अधिक मेहनत की जरूरत है। लिहाजा इस बार चेयरमैनी के लिए पार्टी दक्षिण हरियाणा पर दांव खेल सकती है।

चेयरमैनी के इस खेल में पार्टी संगठन का काम भी साथ-साथ चलेगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लगातार हरियाणा पर नजर बनाए हुए हैैं। भाजपा प्रभारी डा. अनिल जैन उन्हें हर माह पूरी रिपोर्ट दे रहे हैैं। भाजपा प्रभारी ने जुलाई माह के आखिरी सप्ताह में  हरियाणा के प्रमुख पार्टी नेताओं की फिर बैठक बुलाई है।

इस बैठक के 28 जुलाई को होने की संभावना है। राज्य के उद्योग मंत्री विपुल गोयल और वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने भी लगातार होने वाली बैठकों की पुष्टि की है, लेकिन साथ ही कहा है कि मंथन पार्टी की निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा है।

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