IAS अशोक खेमका की याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस, जानें क्या मामला

शूटर विश्वजीत सिंह मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा की गई तल्ख टिप्पणी को हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस अफसर अशोक खेमका ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। मामले में हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 01 Apr 2021 01:17 PM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 10:28 AM (IST)
IAS अशोक खेमका की याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस, जानें क्या मामला
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट व अशोक खेमका की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। शूटर विश्वजीत सिंह से जुड़े एक मामले में सिंगल बेंच द्वारा की गई तल्ख टिप्पणी से दुखी, हरियाणा केे वरिष्ठ आइएएस अशोक खेमका ने टिप्पणी को वापस लेने के लिए हाई कोर्ट की डिविजन बेंच के सामने अपील दायर की है। वीरवार को हाई कोर्ट के जस्टिस अजय तिवारी पर आधारित डिविजन बेंच ने अपील पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को 20 अप्रैल के लिए नाेटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्यों न वह एकल बैंच द्वारा की गई टिप्पणी पर रोक लगा दे।

अपनी अपील में खेमका ने कहा कि सिंगल बेंच की तल्ख टिप्पणी पूरी तरह से निराधार व प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। 29 जनवरी, 2021 के अपने आदेश में हाई कोर्ट के जस्टिस राजबीर सिंह सेहरावत ने विश्वजीत मामले में खेमका के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणी की थी, विश्वजीत सिंह मामले में खेमका को बिना प्रतिवादी बनाए व उनका पक्ष जाने बगैर उनके प्रति नकारात्मक व अपमानजनक टिप्पणी की थी।

जस्टिस सेहरावत ने शूटर विश्वजीत सिंह को खेल कोटा के तहत राज्य सिविल सेवा में नियुक्त का आदेश दिया था। विश्वजीत ने एचसीएस अधिकारी के रूप में शामिल करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, क्योंकि खेमका ने विश्वजीत को जारी किए गए खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर सवाल उठाया था। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच ने खेमका के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा था कि खेमका द्वारा खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर उठाए गए सवाल खेल गतिविधि के बारे में उनकी अज्ञानता दिखाता है। इन सभी शिकायतों का कारण शिकायतकर्ता और याचिकाकर्ता के पिता के बीच कैडर प्रतिद्वंद्विता है।

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सिंगल बेंच ने यह भी कहा था अशोक खेमका ने इस तरह रणनीति का इस्तेमाल विभाग के कनिष्ठ अधिकारी को घेरे में लाने के लिए किया होगा। खेमका ने अपनी दलील में कहा है इस तरह की और अन्य टिप्पणी भी उसके खिलाफ की गई है, जो कानूनन सही नहीं है, इस लिए उन सभी टिप्पणी को वापस लिया जाना चाहिए। 

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