डेरे में साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में सीबीआइ की याचिका पर गुरमीत राम रहीम को नोटिस

सीबीआइ ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर डेरा सच्चा सौदा में साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में जल्द सुनवाई की मांग की है। सीबीआइ की अर्जी पर हाई कोर्ट ने राम रहीम व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 04:30 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 08:22 AM (IST)
डेरे में साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में सीबीआइ की याचिका पर गुरमीत राम रहीम को नोटिस
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सीबीआइ ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ डेरे में साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले की जल्द सुनवाई किए जाने की मांग की है। हाई कोर्ट ने सीबीआइ की अर्जी पर डेरा प्रमुख राम रहीम व अन्य को एक सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है।

सीबीआइ ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर बताया है कि सीबीआइ ने पहले वर्ष 2019 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। तब सीबीआइ ने पंचकूला सीबीआइ कोर्ट के उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसके तहत पंचकूला की सीबीआइ कोर्ट ने इस केस की केस डायरी डेरा मुखी सहित इस मामले के अन्य आरोपियों को दिए जाने के सीबीआइ को आदेश दिए थे। तब हाई कोर्ट ने सीबीआइ की इस याचिका पर डेरा मुखी और अन्य आरोपियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और सीबीआइ कोर्ट को आदेश दिए थे कि वह हाई कोर्ट में इस याची पर अगली सुनवाई से पहले इस केस की सुनवाई न करे।

अब सीबीआइ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि हाई कोर्ट के उन आदेशों के बाद सीबीआइ कोर्ट में इस केस की सुनवाई नहीं हो पाई है, क्योंकि हाई कोर्ट में सीबीआइ की इस याचिका पर अंतिम बार दिसंबर 2019 में सुनवाई हुई थी और तब हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई 30 मार्च 2020 तक स्थगित कर दी थी और उसके बाद कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते हाई कोर्ट में इस केस की सुनवाई नहीं हुई और सुनवाई लगातार स्थगित होती जा रही है।

ऐसे में अब सीबीआइ ने इस केस के जल्द निपटारे के लिए हाई कोर्ट में इस केस की जल्द से जल्द सुनवाई किए जाने की मांग की है। हाई कोर्ट ने सीबीआइ की अर्जी पर डेरा प्रमुख राम रहीम व अन्य को एक सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि वो अगली सुनवाई पर इस मामले में फाइनल बहस होगी।

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