हरियाणा में नहीं होगा पंजाब का असर, BJP के साथ अपने रिश्तों को बिखरने नहीं देगी जजपा

पंजाब में हुए राजनीतिक घटनाक्रम और शिअद के भाजपा से गठबंधन तोड़ने का हरियाणा में असर होता नहीं दिख रहा है। हरियाणा में जननायक जनता पार्टी का भाजपा से अलग होने का कोई विचार नहीं है। जजपा हरियाणा में भाजपा से रिश्ते बिखरने नहीं देगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 02:59 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 02:59 PM (IST)
हरियाणा में नहीं होगा पंजाब का असर, BJP के साथ अपने रिश्तों को बिखरने नहीं देगी जजपा
हरियाणा के सीएम मनोहरलाल और डिप्‍टी सीएम दुष्‍यंत चौटाला। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के बाद अकाली दल और भाजपा के रिश्तों में आए बिखराव का असर भारतीय जनता पार्टी व जननायक जनता पार्टी के रिश्‍ते पर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। केंद्र सरकार के तीन कृषि विधेयकों के विरोध को आधार बनाकर विपक्ष ने हरियाणा में भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा पर किसानों के बीच आकर उनकी लड़ाई लडऩे का दबाव बना दिया है। इसके बावजूद जिस तरह से जजपा अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला किसानों को इन बिलों से होने वाले फायदे गिना रहे, उससे साफ नजर आ रहा कि जजपा किसी तरह के दबाव में नहीं आने वाली और भाजपा के साथ अपने रिश्ते अटूट बनाकर रखेगी।

कृषि विधेयकों के विरोध की आड़ में काम नहीं आएगा विपक्ष का दबाव

मुख्यमंत्री मनोहर लाल दो दिन दिल्ली में बिताने के बाद वापस चंडीगढ़ लौट आए हैैं। उनके दिल्ली दौरे को लेकर हरियाणा की राजनीति में कयास के दौर चलते रहे। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली रहे। उन्होंने भी भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के साथ चर्चा की। सूत्रों के अनुसार मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला को कृषि विधेयकों पर विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम तथा दुष्प्रचार का मिलकर जवाब देने को कहा गया है।

भाजपा व जजपा का ध्यान नई नियुक्तियों व बरोदा उपचुनाव पर टिका

मुख्यमंत्री मनोहरलाल और उप मुख्यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला की भाजपा हाईकमान के यहां दस्तक बरोदा उपचुनाव, कृषि विधेयकों पर होने वाले विरोध को खत्म करने की रणनीति, बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैनों की नियुक्ति तथा मनोहर कैबिनेट में बदलाव के प्रारूप से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की खासी चर्चा है कि किसानों के मुद्दे पर जजपा किसी भी समय कोई कठोर निर्णय ले सकती है। इसे भांपते हुए हालांकि भाजपा ने किसी भी तरह की विपरीत स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी कर रखी है, लेकिन भाजपा की पहली कोशिश यही है कि ऐसी स्थिति का सामना ही न करना पड़े।

दोनों दलों के नेता अपनी-अपनी पार्टियों के असंतुष्टों को साधने में जुटे

भाजपा के रणनीतिकार लगातार निर्दलीय विधायक, हलोपा विधायक गोपाल कांडा और जजपा के कुछ असंतुष्ट विधायकों के संपर्क में हैं। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा हाईकमान को पूरी तरह से आश्वस्त किया है कि जजपा आखिर तक भाजपा के साथ राजनीतिक रिश्ता निभाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है।

दुष्यंत चौटाला के इस भरोसे के बाद न केवल भाजपा बल्कि पार्टी हाईकमान भी बेचिंत है। नई परिस्थितियों में अब भाजपा व जजपा नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टियों के असंतुष्ट नेताओं को साधने की रणनीति पर आगे बढऩे तथा बरोदा उपचुनाव को पूरी मजबूती के साथ लड़ने की कार्ययोजना तैयार की है।

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