Nikita Tomar Murder Case: तौसीफ ने दी फरीदाबाद ट्रायल कोर्ट की सजा के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती

Nikita Tomar Murder Case निकिता तोमर हत्याकांड में दोषी ठहराए गए तौसीफ ने फरीदाबाद ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा को हाई कोर्ट में चुनौती है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने उसकी याचिका को स्वीकार कर लिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 28 Jun 2021 06:07 PM (IST) Updated:Tue, 29 Jun 2021 07:39 AM (IST)
Nikita Tomar Murder Case: तौसीफ ने दी फरीदाबाद ट्रायल कोर्ट की सजा के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती
निकिता तोमर व पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को निकिता तोमर हत्याकांड में दोषी तौसीफ की ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा को चुनौती देने वाली अपील को स्वीकार कर लिया है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट फरीदाबाद द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि पर भी रोक लगा दी है। हाई कोर्ट की जस्टिस रितु बाहरी पर आधारित डिविजन बेंच ने तौसीफ द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

अक्टूबर 2020 में 21 साल की बीकाम फाइनल ईयर की निकिता तोमर को सरेआम गोली मार दी गई थी। निकिता उस दिन एग्जाम देने के लिए कालेज गई थी। तब तौसीफ और रेहान उसके पीछे पड़ गए थे। निकिता के परिजनों की मानें तो तौसीफ पिछले काफी समय से निकिता से जबरदस्ती दोस्ती करना चाहता था। निकिता के लाख मना करने के बावजूद तौसीफ लगातार निकिता पर धर्म परिवर्तन करने और शादी करने का दबाव डाल रहा था। इसी साल 26 मार्च को फरीदाबाद जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने तौसीफ व उसके एक साथी को उम्र कैद की सजा के साथ 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

22 वर्षीय तौसीफ ने हाई कोर्ट में दायर अपनी अपील में कहा कि उसे इस मामले में पुलिस द्वारा गलत फंसाया गया। उसके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है और न ही कहीं कोई शिकायत दर्ज है। ऐसा कोई काल विवरण भी नहीं है, जिससे यह साबित होता हो कि चार अगस्त 2018 के बाद निकिता को फोन किया गया हो। ट्रायल कोर्ट ने जांच पक्ष के सबूतों को विश्वास कर उसे गलत तरीके से दोषी ठहराया है। अपीलकर्ता ने अपनी अपील में कहा कि नवीन तोमर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया, जबकि वह घटनास्थल पर मौके पर मौजूद नहीं था। उसे बिना किसी सबूत के पुलिस द्वारा गलत तरीके से फंसाया गया है।

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