हरियाणा में MSP से महंगी बिकी सरसों, कई जगह 2550 रुपये प्रति क्विंटल तक चढ़े भाव
हरियाणा में सरसों का एमएसपी 4650 रुपये प्रति क्विंटल तय है। इसके बावजूद राज्य में सरसों 2550 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा भाव पर बिकी। महंगी सरसों के बिकने से एक माह में सरसों के तेल के दाम 30 रुपये प्रति लीटर तक चढ़ गए।
नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। दिल्ली की सीमा पर किसान फसलों की सरकारी खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग लेकर धरने पर बैठे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत देशभर में किसान पंचायत कर इसके लिए किसानों को जागरूक कर रहे हैं। मगर इस बार सरसों की सरकारी खरीद पर नजर दौड़ाई जाए तो आंकड़े किसान आंदोलन को चिढ़ा रहे हैं।
एमएसपी से बाजार भाव ज्यादा हाेने के कारण हरियाणा में सरकारी एजेंसी किसानों से सरसों का एक भी दाना नहीं खरीद पाई है। हरियाणा की मंडियों में सरसों 15 मार्च से आनी शुरू हो गई थी तथा एक अप्रैल से इसकी सरकारी खरीद होनी थी। सरकार ने 4650 रुपये प्रति क्विंटल सरसों की एमएसपी तय की थी। मगर सरसों 15 मार्च को ही मंडियों में पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही थी। 17 अप्रैल को एनसीआर की मंडियों में तो सरसों 7200 रुपये प्रति क्विंटल बिकी। अब भाजपा नेता कह रहे हैं कि क्या करेगी एमएसपी की गारंटी, एमएसपी से 2550 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा भाव पर बिक रही है सरसों।
आसमान छू रहे हैं सरसों के तेल के भाव
बाजार में सरसों के तेल के भाव 160 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। 15 मार्च को सरसों के तेल के भाव 130 रुपये प्रति लीटर था। अक्टूबर 2020 में सरसों का तेल 90 रुपये प्रति लीटर बिका, मगर अब सरसों के तेल के भाव आसमान छू रहे हैं। खाद्य तेलों के इतिहास में पाम आयल और सोयाबीन तेल सरसों के तेल से सस्ते रहते थे। पाम आयल 20 रुपये तो सोयाबीन 10 रुपये प्रति लीटर सस्ते होते थे, मगर इस बार दोनों ही तेल सरसों के तेल से 10 और 20 रुपये महंगे हैं। व्यापारी भी हैरान हैं। ऐसा क्यों हुआ है। ज्यादातर व्यापारी सरसों पर महंगाई को भी इसी कारण से मान रहे हैं। सरसों का तेल पिछले छह माह में 70 रुपये प्रति लीटर बढ़ गया, इस पर सरकार भी मौन है।