Waste Of Covid Vaccine: पंजाब की तुलना में हरियाणा में वैक्सीन की ज्यादा बर्बादी, 5.72 फीसद डोज जा रहीं बेकार

Waste Of Covid Vaccine पंजाब की तुलना में हरियाणा में कोरोना वैक्सीन की ज्यादा बर्बादी हो रही है। हरियाणा में लापरवाही के कारण हरियाणा में दो लाख 29 हजार 458 लोगों को लगाई जा सकने वाली वैक्सीन बेकार चली गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 09:24 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 10:06 AM (IST)
Waste Of Covid Vaccine: पंजाब की तुलना में हरियाणा में वैक्सीन की ज्यादा बर्बादी, 5.72 फीसद डोज जा रहीं बेकार
पंजाब के मुकाबले हरियाणा में वैक्सीन की ज्यादा बर्बादी। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। इसे कोरोना वैक्सीनेशन में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही कहें या कुछ और, हरियाणा में  दो लाख 29 हजार 458 लोगों को लगाई जा सकने वाली वैक्सीन बेकार चली गई है। प्रदेश में अभी तक 45 लाख दो हजार 220 डोज पहुंची हैं, जिनमें से 40 लाख 11 हजार 506 डोज का इस्तेमाल हुआ है। इसमें से 5.72 फीसद डोज बर्बाद हो गईं। पड़ोसी प्रदेश पंजाब की तुलना में हरियाणा में वैक्सीन की ज्यादा बर्बादी हो रही है।

हरियाणा में 45 वर्ष से ऊपर के 60 लाख लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य है, लेकिन सिर्फ चार लाख 90 हजार 714 डोज बची हैं। केंद्र सरकार की सप्लाई पाइप लाइन में भी हरियाणा का कोई आर्डर नहीं बचा है। ऐसे में खुराक का संकट आ सकता है। इसी तरह 18 से 45 वर्ष के एक करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जानी है, जिसके लिए 66 लाख डोज विभिन्न चरणों में मिलनी है। हरियाणा सरकार ने 18 साल से अधिक उम्र के हर नागरिक को कोरोना की खुराक देने के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया हुआ है। इसे टीकाकरण में लगे कर्मचारियों की लापरवाही कहें या कुछ और, खुराक की बर्बादी में प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर पांचवें स्थान पर चल रहा है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के मुकाबले पंजाब में 4.98 फीसद डोज खराब हुई है। पंजाब के पास 36 लाख 86 हजार 770 डोज पहुंची हैं, जिसमें से 36 हजार 81 हजार 517 डोज का इस्तेमाल हुआ है। हालांकि इसमें से 4.72 फीसद डोज बेकार चली गई। पंजाब के पास महज 5253 कोरोना खुराक ही बची हैं। हालांकि पंजाब की 2.75 लाख खुराक पाइप लाइन में हैं।

इसलिए बर्बाद हो जाती वैक्सीन

दरअसल, कोविशील्ड वैक्सीन की एक शीशी में दस और कोवैक्सीन में 20 डोज होती हैं। एक बार शीशी खुलने के बाद इसे चार घंटे में इस्तेमाल करना जरूरी है। अगर तय समय में डोज इस्तेमाल नहीं हो पाती तो वैक्सीन खराब हो जाएगी। यानी सेंटर्स पर अगर लोग दस या 20 लोग नहीं हो पाते हैं और वैक्सीन की शीशी खोल दी जाती है तो उसमें कुछ मात्रा बर्बाद हो जाती है।

सरकार हुई सख्त तो 4.22 फीसद डोज की बर्बादी हुई कम

मरीज कम होने की स्थिति में वैक्सीन की बर्बादी का मामला पकड़ में आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कड़े निर्देश दिए हैं। वैक्सीन सेंटरों में स्पष्ट हिदायत दी गई है कि टीकाकरण के लिए आवश्यक संख्या में लोगों के पहुंचने के बाद ही टीके का वायल खोलें। जैसे कि कोविशील्ड का वायल खोला जाना है तो दस लोग होने पर ही डोज दें। कम लोग होने की स्थिति में उन्हें अगले दिन बुलाया जा सकता है। इसका नतीजा यह निकला कि 11 अप्रैल तक प्रदेश में जहां 9.74 फीसद डोज बर्बाद हो रही थी, वहीं अब यह मात्रा 5.72 फीसद डोज पर आ गई है।

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