हरियाणा में विधायक बने पावरफुल, धांधली की जांच करेंगी विधानसभा कमेटियां, ब्यूरोक्रेसी पर कसेगी लगाम

हरियाणा में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने विधायकों की कमेटियों दी फील्ड में जांच करने की पावर दे दी है। इससे बेलगाम अधिकारियों पर नकेल कसेगी। कमेटियां स्पीकर के माध्यम से प्रदेश सरकार तक अपनी रिपोर्ट पहुंचा सकती है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 03:18 PM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 03:18 PM (IST)
हरियाणा में विधायक बने पावरफुल, धांधली की जांच करेंगी विधानसभा कमेटियां, ब्यूरोक्रेसी पर कसेगी लगाम
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा की विभिन्न कमेटियों को प्रदेश सरकार ने पावरफुल बना दिया है। विधानसभा कमेटियां राज्य का दौरा कर विकास परियोजनाओं का जायजा ले सकेंगी। इन कमेटियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे फील्ड में जाकर किसी भी काम का मुआयना, चैकिंग और आकलन कर सकती हैं और उनमें खामियां पाए जाने पर स्पीकर के माध्यम से प्रदेश सरकार तक अपनी रिपोर्ट पहुंचा सकती है।

विकास परियोजनाओं के काम में खामियां मिलने पर दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश का अधिकार भी इन कमेटियों को दिया गया है। हरियाणा विधानसभा के मौजूदा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने विधायकों की कमेटियों को पावरफुल बनाने की पहल की है। इससे पहले इन कमेटियों की खास अहमियत नहीं होती थी। कमेटियों के पास हालांकि यह अधिकार पहले भी था कि वे विकास कार्यों का जायजा ले सकें, लेकिन न तो उन्हें इस अधिकार की याद दिलाई गई और न ही विधायकों ने इसमें कोई रुचि दिखाई थी।

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को जब अपने ही विधानसभा क्षेत्र में अधिकारियों द्वारा काम में हेराफेरी करने व भ्रष्टाचार की जानकारी मिली तो उन्होंने विधानसभा सचिवालय की किताबें खंगाली, जिसके आधार पर कमेटियों को फील्ड में सक्रिय कर दिया गया है। हरियाणा विधानसभा की डेढ़ दर्जन कमेटियां हैं, जिनमें मंत्रियों को छोड़कर लगभग सभी विधायकों को एडजेस्ट किया गया है। विधानसभा कमेटियों को जब अपनी पावर का अहसास हुआ तो उन्होंने विभिन्न मामलों की सुनवाई के दौरान अधिकारियों को तलब करना शुरू कर दिया है।कमेटियों में इन अधिकारियों से विधायक सीधे जवाब तलब कर रहे हैं। स्पीकर ने विधायकों को सम्मान दिलाने की प्रक्रिया के तहत ऐसे अधिकारियों को भी रडार पर लेना शुरू कर दिया है, जो उनके फोन नहीं उठाते।

अब तक इन कमेटियों के हत्थे चढ़ चुके भ्रष्टाचारी

मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान जब ज्ञानचंद गुप्ता पार्टी के चीफ व्हिप थे तो उन्होंने खुद भी इस तरह की चैकिंग की थी। वे पब्लिक अकाउंट्स कमेटी के चेयरमैन भी थे। उनकी सिफारिश पर ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया गया था और उससे 75 लाख रुपये की रिकवरी की गई थी। पंचकूला के टपरिया गांव में 66 केवी सब स्टेशन के निर्माण में ट्रांसफार्मर सहित काफी सामान पुराना लगाए जाने पर विधानसभा कमेटी एक्शन ले चुकी है। स्पीकर के निर्देश के बाद फरीदाबाद में विधानसभा कमेटी ने दौरा कर विकास कार्यों का निरीक्षण किया।

जींद में चल रहे विकास कार्यों में धांधली मिली। ठेकेदार द्वारा काम समय पर नहीं किए जाने की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कमेटी ने टिप्पणी की कि सरकारी फंड को पानी की तरह बहा दिया गया है। अंबाला के विधायक असीम गोयल की अध्यक्षता वाली पब्लिक अंडरटेकिंग कमेटी ने वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधरोपण की समीक्षा की। कमेटी ने जब ग्राउंड पर जाकर रियलटी चैक की तो पता लगा कि कागजों में ही पौधरोपण कर दिया गया।

विधायकों के फोन नहीं उठाने वाले एक दर्जन अधिकारी नपे

विधानसभा स्पीकर के पास अभी तक करीब एक दर्जन अधिकारियों की शिकायतें आ चुकी हैं। कुछ शिकायतें लिखित में हैं तो कुछ मौखिक भी हैं। विधायकों की शिकायत के आधार पर स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने उनके फोन नहीं उठाने वाले अधिकारियों को तलब किया है। कुछ अधिकारियों ने तो माफी मांगकर अपना पिंड छुड़ाया है। जिन अधिकारियों ने फोन न उठाने पर माफी मांगी है, ऐसे अफसरों को तभी छोड़ा गया है, जब विधायकों ने उन्हें माफी दे दी है। स्पीकर के साफ निर्देश हैं कि विधायकों के फोन नहीं उठाने वाले अफसरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की सिफारिश सरकार के समक्ष की जाएगी। स्पीकर का कहना है कि जो अधिकारी मीटिंग में हैं अथवा किसी अन्य कारण से विधायकों का फोन नहीं उठा पाते तो उन्हें दो से चार घंटे के अंतराल में वापस विधायक को फोन करना होगा। 

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