आपातकाल की यादें: जगदीश मित्तल के चक्कर में सिरसा के जगदीश वैद्य को हो गई थी तीन माह की सजा
आपातकाल के दौरान हरियाणा में भी कई नेताओं को जेल में जाना पड़ा। भाजपा नेता जगदीश मित्तल उन दिनों संघ में थे और पुलिस उनके पीछे थी लेकिन उनके स्थान पर सिरसा के जगदीश वैद्य को जेल में डाल दिया गया था।
बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। आपातकाल के दौरान शासन ने काफी संख्या में नेताओं और सक्रिय कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दिया था। इसके बावजूद आपातकाल के खिलाफ सत्याग्रह करने का जिम्मा भूमिगत कार्यकर्ताओं ने निभाया। संघ के कई प्रचारक तब भूमिगत हो गए थे और उन्होंने ही सत्याग्रह के कार्यक्रमों को अंजाम दिया।
तब सिरसा, हिसार, भिवानी और जींद के जिला प्रचारक रहे जगदीश मित्तल बताते हैं कि आपातकाल का विरोध करने के लिए कार्यकर्ता पुलिस की पिटाई से भी नहीं डरते थे। एक वाक्या सुनाते हुए जगदीश मित्तल बताते हैं कि आपातकाल लगने के बाद जब बंसीलाल केंद्र सरकार में मंत्री बन गए और हरियाणा के मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता बना दिए गए तो हिसार के इलीट क्लब ग्राउंड में सीएम का अभिनंदन समारोह होना था। इसमें सत्याग्रह के लिए हिसार, फतेहाबाद, सिरसा से 15 कार्यकर्ताओं को बुलाया। हालांकि 13 कार्यकर्ता ही पहुंचे और इन्हें सत्याग्रह से पहले बता दिया गया था कि वहां पुलिस पिटाई करेगी। फिर भी कार्यकर्ताओं ने अभिनंदन समारोह में भारत माता की जय, आपातकाल खत्म करो जैसे नारे लगाकर सत्याग्रह किया।
बकौल जगदीश मित्तल आपातकाल के दौरान मैं सिरसा, हिसार, भिवानी और जींद जिले में संघ का प्रचारक था। मेरे नाम के वारंट इन्हीं चार जिलों में जारी हुए मगर मैं उन दिनों भूमिगत रहा। मेरी जिम्मेदारी फरीदाबाद से छपने वाले दर्पण अखबार को सिरसा, हिसार, भिवानी, जींद, करनाल, सोनीपत और रोहतक में बांटने की रहती थी। दर्पण अखबार में तब वे खबरें छपती थीं जो अन्य अखबार शासन के हस्तक्षेप से नहीं छापते थे। मैं फरीदाबाद के अजरौंदा चौक से दर्पण अखबार लेने बस से आया करता था। वहीं मेरे कार्यक्षेत्र की कुछ खबरें दिया करता था और वहां से एक हजार प्रतियां अटैची में भरकर ले जाया करता था।
अखबार बांटने के समय मेरा नाम जगदीश मित्तल के बजाय रविंद्र चौधरी रख दिया गया था। मेरी पहचान भी हिसार कृषि विश्वविद्यालय में बीएस एग्रीकल्चर के छात्र के रूप में बना ली गई थी। सिरसा में एक बार पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को एकत्र कर पूछा कि जगदीश मित्तल कौन है? इस पर सिरसा के कार्यकर्ता जगदीश वैद्य ने कहा कि वे हैं जगदीश, बताओ क्या काम है? इस पर उन्हें ही तीन माह के लिए मीसा के तहत बंद कर दिया गया।