हरियाणा की मंडियों में धान पर तीन फीसद बढ़ी मार्केट फीस और एचआरडीएफ, आढ़ती भड़के, जानें नई दरें

हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड ने मंडियों में धान पर लगने वाली मार्केट फीस और हरियाणा ग्रामीण विकास फंड (एचआरडीएफ) में वृद्धि कर दी है। इनमें तीन फीसद की वृद्धि की गई है। पहले इसकी दर एक फीसद थी और अब मार्केट फीस व एचआरडीएफ चार फीसद देना हाेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 04:49 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 07:32 AM (IST)
हरियाणा की मंडियों में धान पर तीन फीसद बढ़ी मार्केट फीस और एचआरडीएफ, आढ़ती भड़के, जानें नई दरें
हरियाणा की मंडियों में धान पर मार्केट फीस में वृद्धि कर दी गई है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा स्‍टेट मार्केटिंग बोर्ड ने राज्‍य की अनाज मंडियों में धान पर मार्केट फीस और हरियाणा ग्रामीण विकास फंड (HRDF) में वृद्धि कर दी है। अब राज्‍य की अनाज मंडियों में धान की बिक्री पर तीन फीसद ज्यादा मार्केट फीस और हरियाणा ग्रामीण विकास फंड (एचआरडीएफ) देना पड़ेगा। पहले जहां मंडियों में धान पर एक फीसद फीस देनी होती थी, वहीं अब एचआरडीएफ व मार्केट फीस के रूप में चार फीसद शुल्क देना होगा। फैसले से भड़के आढ़तियों ने पंजाब, दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों में कम मार्केट फीस की दुहाई देते हुए तत्काल इस फैसले को वापस लेने का दबाव बनाया है।

प्रदेश की मंडियों में अब एक फीसद की बजाय चार फीसद लगेगी मार्केट फीस और ग्रामीण विकास फंड

हरियाणा स्टेट मार्केटिंग बोर्ड ने आगामी सीजन में धान पर मार्केट फीस और ग्रामीण विकास फंड बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए हैं। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने इसका विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली के नरेला व नजफगढ़ में धान पर मार्केट फीस एक फीसद और पंजाब में दो फीसद है।

फल व सब्जियों पर पहले ही लगाई जा चुकी है दो फीसद मार्केट फीस

गर्ग ने कहा कि पड़ोसी राज्यो में मार्केट फीस कम होने से हरियाणा का धान पड़ोसी राज्यों में बिकेगा जिससे स्थानीय मंडियां बर्बाद हो जाएंगी। इससे पहले फल व सब्जियों पर भी दो फीसद मार्केट फीस लगाई जा चुकी है। इतना ही नहीं, बिनौलो पर भी छोटे-छोटे आयल मिलरों से पिछली खरीद पर भी मार्केट फीस वसूली जा रही है।

बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को रोकने की बजाय व्यापारी, किसान व मिलरों को तंग करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि धान पर मार्केट फीस व एचआरडीएफ दोनों मिलाकर पहले की तरह एक फीसद किया जाए। इसी तरह सब्जी व फलों पर दो फीसद मार्केट फीस को वापस लिया जाए।

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