ताऊ की वेबसाइट: कमलनाथ और चौटाला की मुलाकात में छिपे हैं कई संकेत, पढ़ें हरियाणा की सियासत की रोचक खबरें
ताऊ की वेबसाइट हरियाणा की राजनीति में पर्दे के पीछे बहुत सारे घटनाक्रम होते हैं और कई रोचक गतिविधियां देखने को मिलती हैं। मेदांता अस्पताल में दाखिल ओमप्रकाश चौटाला से मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ मिले। दोनों की मुलाकात में कई संकेत छिपे हुए हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। जेबीटी भर्ती मामले में सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला आजकल पैरोल पर चल रहे हैं। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में रुटीन चेकअप कराने जा रहे चौटाला की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था। चौटाला मेदांता पहुंचे तो थोड़ी देर बाद ही हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी रह चुके मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी उनका हालचाल जानने पहुंच गए। कमल कुछ दिन तक हरियाणा में भी कांग्रेस के नाथ रह चुके हैं। दोनों के बीच काफी देर तक गुफ्तगू हुई।
जाहिर है कि हालचाल जानने-बताने के अलावा भी राजनीति के इन दोनों तुजुर्बेकार दिग्गजों के बीच और भी कई बातें हुई होंगी। लेकिन इनेलो का कांग्रेस से समझौता भी नहीं हो सकता। भाजपा वाले कहते हैं कि कमलनाथ ने कमल के खिलाफ जहां इनेलो मजबूत हो, वहां कमजोर पंजे वाला और जहां पंजे वाला मजबूत हो वहां हलके पावर वाला चश्मा लगाने की रणनीति बनाई होगी। वैसे है यह दूर की कौड़ी। इस मुलाकात के कई संकेत निकाले जा रहे हैं।
सेवानिवृत्त पर सेवा से निवृत्त नहीं
हरियाणा में वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी सेवानिवृत्त होकर भी सेवा से निवृत्त नहीं होते। सरकार इनकी सेवा से इतनी प्रसन्न हो जाती है कि सेवानिवृत्ति के बाद फिर सेवा का कोई अच्छा सा काम दे देती है। अब कारण चाहे जो हो लेकिन सरकार कहती है कि इन अफसरों का अपने काम में तुजुर्बे के लाभ का सरकार को मिले, केवल इसलिए इनकी सेवाएं ली जाता हैं।
अब ऐसे अफसरों का सरकार के प्रति समर्पण भाव तो रहता ही है, यह कोई बताने की बात नहीं। वे अपने फील्ड के काम की बारीकियां समझते हैं। सरकार इन अफसरों से सेवानिवृत्ति के बाद काम वही लेती है, जो पदों पर रहते हुए लिया जाता था। पिछली हुड्डा सरकार में भी दर्जन भर अफसरों की सेवाएं ली गई थीं। मौजूदा भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में कई सेवानिवृत्त अफसरों की सेवाएं ली जा चुकी हैं। बोले तो, चलता रहेगा सदा यही क्रम।
भाजपा का धन सहेजने में जुटे धनखड़
हर किसी का सोचने-समझने का अपना-अपना नजरिया होता है। भाजपा संगठन में की जा रही नई नियुक्तियों को लेकर भी पक्ष और प्रतिपक्ष में हास-परिहास चल रहा है। भाजपा के कार्यकर्ता रूपी धन को प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने पार्टी के तमाम प्रकोष्ठों-विभागों की जिम्मेदारी सौंप दी। लेकिन विपक्ष खासकर कांग्रेस के लोग इस पर चुटकी ले रहे हैं कि जितने भी सांसद, विधायक और वरिष्ठ लोग थे, उन्हेंं सरकार में जिम्मेदारी न देकर संगठन का लालीपाप दे दिया गया।
धनखड़ जी न जाने कहां से इतने प्रकोष्ठ ढूंढ़ लाए। यदि जिला और ब्लाक स्तर पर भी इसी तरह प्रकोष्ठों का गठन हो जाए तो भाजपा के पास कार्यकर्ता बचेंगे ही नहीं, सब नेता हो जाएंगे। भाजपाई इसके जवाब में कहते हैं कि भाई हमारे वाले अध्यक्ष जी हमें लालीपाप दे रहें हैं, तुम अपनी वाली अध्यक्ष जी से कहो तुम्हें मिठाई दे दें, तुम्हें तो कुछ भी नहीं मिला।
विज की जादू की जप्फी
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के गुस्से से अफसर कांपते हैं। विज जिस भी जिले में जाते हैं, वहां कार्यकर्ताओं को जप्फी पाकर मिलते हैं। इससे पीछे उनकी सोच पुराने लोगों को सम्मान देने के साथ ही मौके पर मौजूद अफसरों को यह संदेश देने की होती है कि इन लोगों को समुचित सम्मान दिया जाना चाहिए। पिछले दिनों विज थोड़े समय के लिए करनाल की कर्ण लेक पर रुके और वहां पूर्व उद्योग मंत्री शशिपाल मेहता से जप्फी पाकर मिले।
अफसरों की डांट-डपट के बीच यदि विज अपने महकमे के अधिकारियों की पीठ थपथपाते हैं तो जाहिर है कि कुछ तो खास बात है। दरअसल विज अपने विभागीय कर्मचारियों को कुछ भी कहें लेकिन उनके हितों का ध्यान रखते हैं। राजस्थान के चुरू से 17 किलो सोना लूटने के आरोपितों को हरियाणा के उकलाना में गिरफ्तार करने वाली टीम को विज ने ठोंककर शाबाशी दी है।
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