रेल रोको आंदोलन में हिंसा की आशंका से चिंतित हैं कई किसान नेता, हरियाणा में खास ऐहतियात
Farmers Rail Roko ANdolan हरियाणा में भी आज किसान संगठन रेल ट्रैक जाम करेंंगे। कई किसान नेताओं को इस दौरान हिंसा की आशंका भी है और इससे वे चिंतित हैं। ऐसे में राज्य में विशेष ऐहतियात बरती जा रही है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
नई दिल्ली/चंडीगढ़, जेएनएन। Farmers Rail Roko Andolan: कई किसान नेता तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसानाें के आज रेल रोको आंदोलन में हिंसा की आशंका से चिंतित हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेता इसके चलते ऐसे स्थानों से भी आज दूरी ही बना कर रखेंगे जो हिंसा संभावित हैं। दूसरी ओर, हरियाणा में किसानाें के रेल रोको आंदोलन के दौरान किसी तरह की हिंसा को रोकने के लिए विशेष ऐहतियात बरती जा रही है और सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुए उपद्रव और लालकिला की घटना के बाद कुछ किसान नेता चाहते थे कि अब कोई ऐसा आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से नहीं किया जाए जिससे आंदोलन की हिंसक छवि बने। यही कारण था कि इन नेताओं के प्रयास से एक फरवरी को संसद तक पैदल मार्च का आह्वान भी रद कर दिया गया था। इसके बाद इन्हीं नेताओं ने यह प्रयास भी किया था कि रेल रोको आंदोलन भी स्थगित हो जाए।
रेल रोको आंदोलन नहीं चाहता था भारतीय किसान संघ
मध्यप्रदेश से संचालित किसानों के बड़े संगठन भारतीय किसान संघ ने तो संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में भी रेल रोको आंदोलन का विरोध किया था। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि के रूप में इस बैठक में संघ की युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिमन्यु कोहाड़ ने इस बाबत वरिष्ठ नेताओं से चर्चा भी की थी। कक्काजी कहते हैं कि यदि वह खुद उस बैठक में होते तो संभवतया रेल रोको आंदोलन नहीं करने के लिए अन्य साथियों को मना लेंगे मगर अब जो चीज उनके हाथ में नहीं है, उसके बारे में ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं है।
अहिंसात्मक और शांतिपूर्ण रहे रेल रोको आंदोलन : कक्का जी
तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन के लिए बने संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति के सदस्य शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने अपील की है कि रेल रोको आंदोलन पूरी तरह अहिंसात्मक और शांतिपूर्ण होना चाहिए। उनका कहना है कि यदि 26 जनवरी की तरह फिर किसी भी तरह की हिंसा हुई तो आंदोलन की पवित्रता खत्म हो जाएगी। आंदोलन की गरिमा बनाए रखने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए। गुरुग्राम में स्वास्थ्य लाभ ले रहे कक्काजी का कहना है कि आंदोलन के दौरान यदि एक भी जगह हिंसा हुई तो इसका असर पूरे आंदोलन पर पड़ेगा।
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'' आंदोलनकारियों से हमारी अपील है कि वे रेल रोको आंदोलन के दौरान पूरी तरह शांति बनाए रखें तथा अपने बीच से राजनीति नेताओं को दूर रखें। राजनीति नेताओं की ऐसे आंदोलनों में अलग मंशा रहती है। हम यह भी साफ कर देना चाहते हैं कि किसी आंदोलन को राजनीति ही खराब करती है। वैसे राजनीतिकों को किसी आंदोलन का फायदा नहीं होता। किसी नेता या पार्टी को आंदोलन में भागीदारी कर फायदा लेने का भ्रम बेशक हो जाए।
- रतन सिंह सौरोत, किसान नेता, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत)
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