अशोक तंवर के सहारे हरियाणा में राजनीतिक जमीन बनाएंगी ममता बनर्जी, तृणमूल कांग्रेस में हुए शामिल
पूर्व हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। तंवर के जरिये ममता बनर्जी हरियाणा में राजनीतिक जमीन तलाशेंगी। तंवर के बुलाए पर ममता बनर्जी (Mamta Banerjee ) जल्द हरियाणा आ सकती हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने दिल्ली स्थित कार्यालय में तंवर को पार्टी में शामिल किया। इसके बाद ममता बनर्जी ने तंवर समर्थकों से कहा कि वे पार्टी के कार्य में जुट जाएं और जितना जल्द उन्हें बुलाएंगे वह हरियाणा में आएंगी।
तंवर ने इस दौरान कहा कि कांग्रेस का भविष्य अंधकार में है। वफादारों की और काम करने वालों की कांग्रेस में कोई इज्जत नहीं है। उन्हें और ममता बनर्जी को कांग्रेस ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हरियाणा कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा से सांठगांठ की हुई है। कांग्रेस को सूटकेस वाले लोग ही पसंद हैं। तंवर ने कहा कि देश में अब ममता बनर्जी ही ऐसी नेता हैं जो भाजपा को हरा सकती हैं। बंगाल में ममता ने भाजपा को हराया। किसानों ने भाजपा सरकार को अपनी मांगों के सामने झुकाया है, अब 2024 में भाजपा को हराने की जरूरत है।
तंवर ने पांच अक्टूबर 2019 को छोड़ी थी कांग्रेस
हरियाणा विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में कांग्रेस के बड़े नेताओं पर गड़बड़झाले के आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद वे विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी के साथ रहे। हाल ही में ऐलनाबाद में हुए उपचुनाव में तंवर ने इंडियन नेशनल लोकदल के अभय सिंह चौटाला का समर्थन किया। 25 फरवरी 2021 को तंवर ने अपना भारत मोर्चा बनाया था। तंवर भारतीय युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नजदीकी माना जाता था मगर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से उनकी राजनीतिक पटरी नहीं बैठी।
नए राजनीतिक समीकरण की आस में हैं तंवर
राज्यसभा सदस्य रहे केडी सिंह तृणमूल कांग्रेस को लेकर हरियाणा में सक्रिय हुए थे। अब केडी सिंह राजनीतिक परिदृश्य से दूर हैं तो तंवर ने नए राजनीतिक समीकरण की आस में तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा है। तंवर आने वाले दिनों में हरियाणा में ममता बनर्जी की रैली का आयोजन भी कर सकते हैं। इसके संकेत देते हुए तंवर ने यह भी साफ कर दिया कि अब भाजपा को हराने के लिए विपक्ष की एकजुटता जरूरी है।
तंवर को आशा है कि तृणमूल कांग्रेस, इनेलो, आम आदमी पार्टी का हरियाणा में गठजोड़ हो सकता है क्योंकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक संबंध ममता बनर्जी से अच्छे हैं। बहरहाल दो वर्ष पहले कांग्रेस छोड़ चुके तंवर को अब एक राजनीतिक प्लेटफार्म मिल गया है।