Private schools में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लगाने के मामले में बड़ी कार्रवाई, हरियाणा में अधिकारियों पर जुर्माना

राज्य सूचना आयोग ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर जुर्माना ठोका है। जुर्माना शिक्षा विभाग की डिप्टी डायरेक्टर सुपरिटेंडेंट सहित तीन पर ठोका गया है। बच्चों की सुरक्षा व निर्धारित पाठ्यक्रम से बाहर पुस्तकें लगाने पर मांगी गई सूचना के मामले में यह कार्रवाई की गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 06:13 PM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 06:13 PM (IST)
Private schools में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लगाने के मामले में बड़ी कार्रवाई, हरियाणा में अधिकारियों पर जुर्माना
प्राइवेट स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पुस्तकों के मामले में बड़ी कार्रवाई। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा राज्य सूचना आयोग (Haryana State Information Commission) ने सही समय पर सूचना न देने पर सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय की डिप्टी डॉयरेक्टर सहित तीन अधिकारियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। जुर्माना राशि सभी शिक्षा अधिकारियों के वेतन से काटे जाने और 25 अप्रैल तक सूचना उपलब्ध कराए जाने के भी आदेश दिए हैं।

इस मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन नामक गैर सरकारी संगठन ने हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय से 22 अक्टूबर 2019 को भिवानी के 32 निजी स्कूलों में निर्धारित पाठ्यक्रम से बाहर प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकें लगाए जाने के मामले में की गई कार्रवाई की आरटीआइ से जानकारी मांगी थी।

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मामले में जिला शिक्षा अधिकारी भिवानी ने निजी स्कूलों के निरीक्षण में निर्धारित पाठ्यक्रम से बाहर की पुस्तकें लगाने व निर्धारित वजन से अधिक बस्ते का बोझ में दोषी पाया था, जिसकी रिपोर्ट भी निदेशालय भेजी गई थी। मगर इसके बावजूद इन स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी संबंध में संगठन ने सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय से आरटीआइ में सूचना मांगी थी। मगर निर्धारित अवधि में कोई जवाब नहीं मिला।

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मामले की प्रथम अपील भी की, बाद में मामला 22 फरवरी 2020 को राज्य सूचना आयोग के समक्ष पहुंचा। राज्य सूचना आयोग ने दो से तीन बार इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को नोटिस दिया, मगर कोई जवाब नहीं मिला। इसी मामले में सूचना नहीं देने पर राज्य सूचना आयोग ने सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय में डिप्टी डायरेक्टर इंद्रा बैनीवाल, सुपरिटेंडेंट सुखदेव व सहायक सत्यनारायण पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। सूचना आयोग ने आरटीआइ कार्यकर्ता को 25 अप्रैल तक सूचना उपलब्ध करा आयोग को अवगत कराने के भी आदेश दिए हैं।

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